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राजस्थान में गरीबों को भोजन देने के लिए शुरू होगी 'इंदिरा रसोई योजना' - cm ashok gehlot

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर में कोरोना जन जागरूकता अभियान को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई पोस्टर, ऑडियो और वीडियो लॉन्च किए. मुख्यमंत्री ने इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत करने की घोषणा की.

कोरोना जन जागरूकता अभियान, cm ashok gehlot, Corona public awareness campaign
मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई.
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Published : Jun 23, 2020, 1:37 AM IST

जयपुर. अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से तैयार पांच तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल और जागरूकता वीडियो की लॉन्चिंग की. उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और यूएनएफपीए की ओर से जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तैयार की गई पांच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ’कोई भूखा न सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश केे नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की है. इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी. योजना के संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी औऱ सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी.

ये पढ़ें: पूनिया के बयान पर कल्ला का पलटवार, कहा- BJP की नीति और नियति दोनों ही साफ नहीं

बता दें कि, अभियान की लॉन्चिंग के दौरान लोगों ने प्रदेशभर की करीब 11 हजार 500 जगहों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री का संदेश सुना. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा.

गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है, किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढ़ाए. इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में दस दिवसीय यह जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत आमजन को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी. गांव-ढाणी तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि, खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है. हमारा लक्ष्य है कि रिकवरी रेट बढ़ती रहे, मृत्यु दर घटती रहे.

ये पढ़ें: गहलोत के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- मुख्यमंत्री पैदाइशी सियासी हैं, मुझे उनकी अज्ञानता पर अफसोस

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कारगर तैयारी और समय पर उठाए गए कदमों के कारण भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं दुनिया में चर्चा हुई है. घर-घर सर्वे और रूथलेस कंटेनमेंट के कारण हमने कोरोना संक्रमण को शुरूआत में ही काबू में कर लिया. यही मॉडल पूरे प्रदेश में अपना कर संक्रमण को नियंत्रण में रखा.

साथ ही लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रुपए पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों और असहाय लोगों को ढ़ाई-ढ़ाई हजार रुपए की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया.

जयपुर. अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की ओर से तैयार पांच तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल और जागरूकता वीडियो की लॉन्चिंग की. उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और यूएनएफपीए की ओर से जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तैयार की गई पांच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई.

इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ’कोई भूखा न सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश केे नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की है. इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी. योजना के संचालन में स्थानीय एनजीओ की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी औऱ सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी.

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बता दें कि, अभियान की लॉन्चिंग के दौरान लोगों ने प्रदेशभर की करीब 11 हजार 500 जगहों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री का संदेश सुना. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा.

गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है, किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढ़ाए. इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में दस दिवसीय यह जागरूकता अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत आमजन को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी जाएगी. गांव-ढाणी तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि, खुद के स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखना ही कोरोना से बचने का मुख्य उपाय है. हमारा लक्ष्य है कि रिकवरी रेट बढ़ती रहे, मृत्यु दर घटती रहे.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कारगर तैयारी और समय पर उठाए गए कदमों के कारण भीलवाड़ा मॉडल की देश ही नहीं दुनिया में चर्चा हुई है. घर-घर सर्वे और रूथलेस कंटेनमेंट के कारण हमने कोरोना संक्रमण को शुरूआत में ही काबू में कर लिया. यही मॉडल पूरे प्रदेश में अपना कर संक्रमण को नियंत्रण में रखा.

साथ ही लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रुपए पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों और असहाय लोगों को ढ़ाई-ढ़ाई हजार रुपए की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया.

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