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केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में राजस्थान में 21 सितंबर को व्यापारियों की सांकेतिक हड़ताल - Indicative strike of traders in Jaipur

केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में प्रदेश की 247 मंडियों में व्यापारियों की ओर से 21 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल किया जाएगा. बता दें कि लंबे समय से मंडी कारोबारी और किसान इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं और इससे पहले भी करीब 4 दिन मंडियों में हड़ताल रही थी.

Indicative strike of traders in Jaipur
जयपुर में व्यापारियों की सांकेतिक हड़ताल
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Published : Sep 20, 2020, 7:21 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश के विरोध में प्रदेशभर की मंडियों में 21 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल रहेगी. लंबे समय से मंडी कारोबारी और किसान इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं और इससे पहले भी करीब 4 दिन मंडियों में हड़ताल रही थी.

जयपुर में व्यापारियों की सांकेतिक हड़ताल

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश को लोकसभा में पारित कर दिया है और इससे पहले कई बार मंडी कारोबारियों और किसानों ने मामले को लेकर ज्ञापन भी दिया था और इस अध्यादेश को खत्म करने की बात कही थी, लेकिन बावजूद इसके सरकार ने इस अध्यादेश को खत्म करने के बजाय इसे लोकसभा में पारित कर दिया और इसी के विरोध में 21 सितंबर को प्रदेश भर की 247 मंडियों में सांकेतिक हड़ताल रहेगी.

यह भी पढे़ं: राजस्थान के 11 जिलों में धारा 144 लागू, अब कृषि अध्यादेशों के खिलाफ कांग्रेस का होगा सांकेतिक विरोध प्रदर्शन

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने सेठ और साहूकार कहलाने वाले कारोबारियों और आढ़तियों को बिजोलिया शब्द से नवाजा है. इस तरह के शब्दों के उपयोग से व्यापारी वर्ग काफी आहत हुआ है. इसी के विरोध में 21 सितंबर को मंडियों में सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया है. इससे पहले भी इस अध्यादेश के विरोध में प्रदेश भर की मंडियों में 4 दिन की हड़ताल की गई थी और आश्वासन के बाद मंडियों में हड़ताल खत्म की गई, लेकिन खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि सरकार ने मंडी कारोबारियों और किसानों के साथ धोखा किया है तो ऐसे में सभी वर्ग इसके विरोध में उतर गया. व्यापार संघ ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि अगर इस अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार को ही बड़ा फैसला नहीं लेती है, तो प्रदेशभर की मंडियां अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दी जाएगी.

जयपुर. केंद्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश के विरोध में प्रदेशभर की मंडियों में 21 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल रहेगी. लंबे समय से मंडी कारोबारी और किसान इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं और इससे पहले भी करीब 4 दिन मंडियों में हड़ताल रही थी.

जयपुर में व्यापारियों की सांकेतिक हड़ताल

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश को लोकसभा में पारित कर दिया है और इससे पहले कई बार मंडी कारोबारियों और किसानों ने मामले को लेकर ज्ञापन भी दिया था और इस अध्यादेश को खत्म करने की बात कही थी, लेकिन बावजूद इसके सरकार ने इस अध्यादेश को खत्म करने के बजाय इसे लोकसभा में पारित कर दिया और इसी के विरोध में 21 सितंबर को प्रदेश भर की 247 मंडियों में सांकेतिक हड़ताल रहेगी.

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राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने सेठ और साहूकार कहलाने वाले कारोबारियों और आढ़तियों को बिजोलिया शब्द से नवाजा है. इस तरह के शब्दों के उपयोग से व्यापारी वर्ग काफी आहत हुआ है. इसी के विरोध में 21 सितंबर को मंडियों में सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया है. इससे पहले भी इस अध्यादेश के विरोध में प्रदेश भर की मंडियों में 4 दिन की हड़ताल की गई थी और आश्वासन के बाद मंडियों में हड़ताल खत्म की गई, लेकिन खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि सरकार ने मंडी कारोबारियों और किसानों के साथ धोखा किया है तो ऐसे में सभी वर्ग इसके विरोध में उतर गया. व्यापार संघ ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि अगर इस अध्यादेश को लेकर केंद्र सरकार को ही बड़ा फैसला नहीं लेती है, तो प्रदेशभर की मंडियां अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दी जाएगी.

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