जयपुर. केंद्र सरकार ने अनब्रांडेड वस्तुओं पर जीएसटी लगाने की तैयारी कर ली है. जिसके बाद भारतीय उद्योग व्यापार मंडल इसके विरोध में उतर गया (GST on unbranded goods) है. व्यापार मंडल का कहना है कि अनब्रांडेड वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से महंगाई तो बढ़ेगी ही साथ ही छोटे-छोटे व्यापारी जो इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. उनके लिए भी व्यापार से जुड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है और यह जानकारी सामने आई है कि अब जीएसटी काउंसिल बिना ब्रांड की वस्तुओं पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई और देशभर के व्यापारी इसके विरोध में उतर गए हैं.
पढ़ें:10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पादों के दाम
बाबूलाल गुप्ता ने आगे कहा कि बिना ब्रांड की वस्तुओं पर फिलहाल किसी तरह की कोई जीएसटी नहीं लगाई जा रही है. ऐसे में यदि अनब्रांडेड यानी बिना ब्रांड की वस्तुओं पर जीएसटी लगाई गई तो इस उद्योग से जुड़े हुए छोटे छोटे व्यापारियों के लिए जीवन यापन को लेकर संकट खड़ा हो जाएगा. क्योंकि गरीब तबके से जुड़ा परिवार अनब्रांडेड वस्तुओं की खरीद सबसे अधिक करता है. ऐसे में यदि छोटी-छोटी वस्तुओं पर भी कर लगाया गया तो गरीब तबके से जुड़े लोगों का जीवन यापन करना भी मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि अनब्रांडेड वस्तुओं पर जीएसटी लगाई गई तो व्यापारी सड़कों पर उतर आएंगे.
तेल तिलहन-मसाला भी हो जीएसटी से बाहर: वहीं भारतीय उद्योग व्यापार मंडल का कहना है कि हम पिछले कुछ वर्षों से सरकार से मांग कर रहे हैं कि सरकार ने अनाज और दालों को जीएसटी से बाहर रखा है. ऐसे में सरकार तेल तिलहन और मसालों से जुड़े छोटे व्यापारियों को भी जीएसटी से बाहर रखें. हालांकि तेल तिलहन और मसालों से जुड़े बड़े व्यापारियों पर सरकार जीएसटी लगा सकती है. इसके अलावा जीएसटी काउंसिल की बैठक में होने वाली निर्णय को लेकर ट्रेड एंड इंडस्ट्री को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए और व्यापारियों से भी सुझाव लेने चाहिए. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि भारतीय उद्योग व्यापार मंडल 7 करोड़ व्यापारियों और उद्योगपतियों की एक संस्था है. ऐसे में व्यापारियों से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापारियों के सुझाव भी शामिल किए जाने चाहिए.