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रामगढ़ बांध में 10 साल बाद पानी की आवक शुरू, लेकिन अतिक्रमण बना रोड़ा

लगातार तीन दिन से हो रही बरसात के बाद जयपुर के ऐतिहासिक रामगढ़ बांध में एक दशक से ज्यादा समय बाद पानी की आवक शुरू हुई. जेडीए की ओर से इस बांध के केचमेंट एरिया को बीते कई महीनों से पाटने का काम किया जा रहा था. हालांकि अतिक्रमण की वजह से रोड़ा नदी का पानी रामगढ़ बांध नहीं पहुंच सका.

रामगढ़ बांध में 10 साल बाद पानी की आवक शुरू
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Published : Jul 27, 2019, 5:14 PM IST

जयपुर. रामगढ़ बांध में पानी लाने की जेडीए की कवायद इस बार रंग लाई. जेडीए की ओर से रामगढ़ बांध भराव और बहाव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाया गया. यहां तकरीबन 112 बीघा जमीन से कच्चे पक्के निर्माण, खेती-बाड़ी, तारबंदी, अनिकट का ध्वस्तीकरण किया गया.

रामगढ़ बांध में 10 साल बाद पानी की आवक शुरू

जेडीए विजिलेंस टीम की एसपी प्रीति जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से करीब 35 गांवों को चिन्हित किया गया है. इनमें से 8 गांव से अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं. पीटी सर्वे में 313 अतिक्रमण को चिन्हित करने के बाद अब तक 100 पर कार्रवाई की जा चुकी है.

यह भी पढ़ेंः बाढ़ में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस: NDRF ने 117 लोगों को बचाया

उन्होंने बताया जिन 8 गांव में अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं. उनमें चिटाणुकला, लखेर, अर्निया, कालीघाटी, कंवरपुरा, चंदवाजी, सालड़वास, सुंदरकंवर गांव शामिल हैं. जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से 12 से 15 फिट के 4 अनिकट को ध्वस्त किया गया, जो बड़ी चुनौती थे. अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कहा कि पीटी सर्वे में चिन्हित स्थानों को मौके पर निरीक्षण करने में काफी समय लगता है. हालांकि प्रशासन सतत रूप से अतिक्रमण हटाने के काम में जुटा हुआ है.

यह भी पढ़ेंः सीकर में जल भराव से आक्रोशित लोग पहुंचे शिक्षा मंत्री के घर, मंत्री बोले जल्द होगा समाधान​​​​​​​

उधर, रामगढ़ बांध पर पहुंचने वाली रोड़ा नदी 2 दिन से तेजी से बह रही है. लेकिन अतिक्रमण होने की वजह से ये पानी खेतों में भर गया और करीब 100 बीघा फसल बर्बाद हो गई. इसमें गुलाब, बाजरे, ज्वार और सब्जियों की खेती थी. बहरहाल, खुश खबरी ये है कि सालों तक राजधानी की प्यास बुझाने वाले रामगढ़ का गला भी इस बारिश में तर हुआ.

जयपुर. रामगढ़ बांध में पानी लाने की जेडीए की कवायद इस बार रंग लाई. जेडीए की ओर से रामगढ़ बांध भराव और बहाव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाया गया. यहां तकरीबन 112 बीघा जमीन से कच्चे पक्के निर्माण, खेती-बाड़ी, तारबंदी, अनिकट का ध्वस्तीकरण किया गया.

रामगढ़ बांध में 10 साल बाद पानी की आवक शुरू

जेडीए विजिलेंस टीम की एसपी प्रीति जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से करीब 35 गांवों को चिन्हित किया गया है. इनमें से 8 गांव से अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं. पीटी सर्वे में 313 अतिक्रमण को चिन्हित करने के बाद अब तक 100 पर कार्रवाई की जा चुकी है.

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उन्होंने बताया जिन 8 गांव में अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं. उनमें चिटाणुकला, लखेर, अर्निया, कालीघाटी, कंवरपुरा, चंदवाजी, सालड़वास, सुंदरकंवर गांव शामिल हैं. जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से 12 से 15 फिट के 4 अनिकट को ध्वस्त किया गया, जो बड़ी चुनौती थे. अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कहा कि पीटी सर्वे में चिन्हित स्थानों को मौके पर निरीक्षण करने में काफी समय लगता है. हालांकि प्रशासन सतत रूप से अतिक्रमण हटाने के काम में जुटा हुआ है.

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उधर, रामगढ़ बांध पर पहुंचने वाली रोड़ा नदी 2 दिन से तेजी से बह रही है. लेकिन अतिक्रमण होने की वजह से ये पानी खेतों में भर गया और करीब 100 बीघा फसल बर्बाद हो गई. इसमें गुलाब, बाजरे, ज्वार और सब्जियों की खेती थी. बहरहाल, खुश खबरी ये है कि सालों तक राजधानी की प्यास बुझाने वाले रामगढ़ का गला भी इस बारिश में तर हुआ.

Intro:जयपुर - लगातार तीन दिन से हो रही बरसात के बाद जयपुर के ऐतिहासिक रामगढ़ बांध में एक दशक से ज्यादा समय के बाद पानी की आवक शुरू हुई। जेडीए की ओर से इस बांध के केचमेंट एरिया को बीते कई महीनों से पाटने का काम किया जा रहा था। हालांकि अतिक्रमण की वजह से रोड़ा नदी का पानी रामगढ़ बांध नहीं पहुंच सका।Body:रामगढ़ बांध में पानी लाने की जेडीए की कवायद इस बार रंग लाई। जेडीए की ओर से रामगढ़ बांध भराव और बहाव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाया गया। यहाँ तकरीबन 112 बीघा जमीन से कच्चे पक्के निर्माण, खेती-बाड़ी, तारबंदी, अनिकट का ध्वस्तीकरण किया गया। जेडीए विजिलेंस टीम की एसपी प्रीति जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से करीब 35 गांवों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 8 गांव से अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। पीटी सर्वे में 313 अतिक्रमण को चिन्हित करने के बाद अब तक 100 पर कार्रवाई की जा चुकी है। उन्होंने बताया जिन 8 गांव में अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं उनमें चिटाणुकला, लखेर, अर्निया, कालीघाटी, कंवरपुरा, चंदवाजी, सालड़वास, सुंदरकंवर गांव शामिल है। प्रीति जैन ने बताया कि जेडीए की ओर से 12 से 15 फिट के 4 अनिकट को ध्वस्त किया गया। जो बड़ी चुनौती थे। अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कहा कि पीटी सर्वे में चिन्हित स्थानों को मौके पर निरीक्षण करने में काफी समय लगता है। हालांकि प्रशासन सतत रूप से अतिक्रमण हटाने के काम में जुटा हुआ है।
बाईट - प्रीति जैन, एसपी, जेडीए विजिलेंस टीमConclusion:उधर, रामगढ़ बांध पर पहुंचने वाली रोड़ा नदी 2 दिन से तेजी से बह रही है। लेकिन अतिक्रमण होने की वजह से ये पानी खेतों में भर गया। और करीब 100 बीघा फसल बर्बाद हो गई। इसमें गुलाब, बाजरे, ज्वार और सब्जियों की खेती थी। बहरहाल, खुश खबर ये है कि वर्षों तक राजधानी की प्यास बुझाने वाले रामगढ़ का गला भी इस बारिश में तर हुआ।
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