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सर्द रात भी नहीं डगमगा सकी किसानों के हौसले, बोले- अब बस गहलोत सरकार से आस - farmers statement

जयपुर के समीप नींदड़ इलाके में 'जमीन समाधि सत्याग्रह' आज यानि 8 जनवरी को भी जारी है. नींदड़ के 5 किसान सर्द रात में भी जमीन समाधि में बैठे रहे. किसान अपनी मांगें पूरी हुए बिना सत्याग्रह खत्म करने को तैयार नहीं है.

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नींदड़ आवासीय योजना में जमीन अवाप्ति का विरोध...
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Published : Jan 8, 2020, 2:23 PM IST

जयपुर. जेडीए की कार्रवाई के विरोध में नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. यहां 5 किसान दूसरे दिन भी जमीन में समाधि लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहे.

नींदड़ आवासीय योजना में जमीन अवाप्ति का विरोध...

ऐसे में आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि नींदड़ में जेडीए द्वारा कॉलोनी काटी जा रही है. जमीन अवाप्ति का मामला अभी तक सुलझा नहीं है. किसानों ने कहा है कि अब जेडीए से नहीं, बल्कि गहलोत सरकार से आस है. सत्ता में आने से पहले और चुनाव के दौरान गहलोत सरकार ने किसानों को लेकर वादे किए थे. साथ ही कहा था कि किसानों को उनका हक दिलाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः नींदड़ में किसानों की जमीन समाधि सत्याग्रह जारी, बोले- 'हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है'

ऐसे में जमीनी समाधि लिए किसानों का कहना है कि गहलोत सरकार मामले में हस्तक्षेप करे और किसानों को उनकी जमीन का अधिकार दिलाए. दरअसल, दो साल पहले भी नींदड़ के किसानों ने इस जमीन अवाप्ति का विरोध करते हुए जमीनी समाधि ली थी. उस समय तत्कालीन भाजपा सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी जमीन का हक उन्हें दिलाया जाएगा.

उसके बाद इन किसानों ने अपना आंदोलन खत्म किया था. लेकिन एक बार फिर से जेडीए की ओर से जब जमीन अवाप्ति की कोशिश की गई तो इन किसानों ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

जयपुर. जेडीए की कार्रवाई के विरोध में नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. यहां 5 किसान दूसरे दिन भी जमीन में समाधि लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहे.

नींदड़ आवासीय योजना में जमीन अवाप्ति का विरोध...

ऐसे में आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि नींदड़ में जेडीए द्वारा कॉलोनी काटी जा रही है. जमीन अवाप्ति का मामला अभी तक सुलझा नहीं है. किसानों ने कहा है कि अब जेडीए से नहीं, बल्कि गहलोत सरकार से आस है. सत्ता में आने से पहले और चुनाव के दौरान गहलोत सरकार ने किसानों को लेकर वादे किए थे. साथ ही कहा था कि किसानों को उनका हक दिलाया जाएगा.

यह भी पढ़ेंः नींदड़ में किसानों की जमीन समाधि सत्याग्रह जारी, बोले- 'हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है'

ऐसे में जमीनी समाधि लिए किसानों का कहना है कि गहलोत सरकार मामले में हस्तक्षेप करे और किसानों को उनकी जमीन का अधिकार दिलाए. दरअसल, दो साल पहले भी नींदड़ के किसानों ने इस जमीन अवाप्ति का विरोध करते हुए जमीनी समाधि ली थी. उस समय तत्कालीन भाजपा सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी जमीन का हक उन्हें दिलाया जाएगा.

उसके बाद इन किसानों ने अपना आंदोलन खत्म किया था. लेकिन एक बार फिर से जेडीए की ओर से जब जमीन अवाप्ति की कोशिश की गई तो इन किसानों ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

Intro:जयपुर-जेडीए की कार्रवाई के विरोध में नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति का विरोध प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी रहा जहां 5 किसान दूसरे दिन भी जमीन में समाधि लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहे


Body:ऐसे में आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि नींदड़ में जेडीए द्वारा कॉलोनी काटी जा रही है और जमीन अवाप्ति का मामला अभी तक सुलझा नहीं है ऐसे में किसानों ने कहा है कि अब जेडीए से नहीं बल्कि गहलोत सरकार से आस है। किसानों का कहना है कि सत्ता में आने से पहले और चुनाव के दौरान गहलोत सरकार ने किसानों को लेकर वादे किए थे और कहा था कि किसानों को उनका हक दिलाया जाएगा ऐसे में जमीनी समाधि लिए किसानों का कहना है कि गहलोत सरकार मामले में हस्तक्षेप करें और किसानों को उनकी जमीन का अधिकार दिलाए। दरअसल दो साल पहले भी नींदड़ के किसानों ने इस जमीन अवाप्ति का विरोध करते हुए जमीनी समाधि ली थी और तत्कालीन भाजपा सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि उनकी जमीन का हक उन्हें दिलाया जाएगा जिसके बाद इन किसानों ने अपना आंदोलन खत्म किया था। लेकिन एक बार फिर से जेडीए की ओर से जब जमीन अवाप्ति की कोशिश की गई तो इन किसानों ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बाईट- नगेंद्र सिंह शेखावत, प्रदर्शनकारी
बाईट- कैलाश बोहरा प्रदर्शनकारी


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