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कोरोना काल में अधिकारियों-कर्मचारियों की जेब काट सरकार ने विधायकों को दिया लाभ

आर्थिक तंगी से जूझ रही गहलोत सरकार ने कमर्चारियों के वेतन में कटौती की है. लेकिन विधायकों के मकान किराया भत्ता 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. सरकार के इस फैसले को लेकर कर्मचारी संघों की तीखी आलोचना की है.

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कोरोना काल में अधिकारी-कर्मचारी जेब काट सरकार ने विधायकों को दिया लाभ
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Published : Oct 13, 2020, 11:40 PM IST

जयपुर. एक ओर कोरोना संकट काल में प्रदेश की गहलोत सरकार आर्थिक तंगी का हवाला देकर अधिकारियों और कमर्चारियों के वेतन में कटौती कर रही है. वहीं, दूसरी ओर विधायकों के मकान किराया भत्ता 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के कर्मचारी संघों में आक्रोश है. सभी कर्मचारी संघों ने सरकार के इस फैसले का तीखी आलोचना की है.

कोरोना काल में अधिकारी-कर्मचारी जेब काट सरकार ने विधायकों को दिया लाभ

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार एक ओर तो कोरोना काल में आर्थिक संकट का हवाला देकर कर्मचारियों के वेतन भत्ता को फ्रीज किए हुए हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों की वेतन में कटौती भी कर रही है. दूसरी ओर विधायकों के मकानों का किराया भत्ता को 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर रही है.

पढ़ें- शराब के लिए पैसा न देने पर युवक ने पिता पर किया जानलेवा हमला, घटना CCTV में कैद

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार के इस वेतन कटौती के निर्णय के खिलाफ कर्मचारी आक्रोशित हैं. राज्य सरकार की ओर से लगातार कर्मचारी विरोधी कार्रवाई कर कर्मचारियों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. तेज सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ संयुक्त महासंघ की ओर से एक महीने तक सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूप रेखा तय की है. फिर भी सरकार नहीं जगी तो दीपावली से ठीक पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के एक महीने के आंदोलन की रूपरेखा

  • 14 अक्टूबर को जिला कलेक्टर के माध्यम से समस्त जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.
  • 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक समस्त राजकीय कार्यालयों में जन जागरण गेट मीटिंग कर कर्मचारी को जागृत किया जाएगा.
  • 17 और 18 अक्टूबर को समस्त जिला शाखा जिला महासंघ के साथ बैठक कर आंदोलन को और गति देने का निर्णय किया जाएगा.
  • 24 और 25 अक्टूबर तक समस्त तहसील स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी.
  • 1 नवंबर से 10 नवंबर तक संभाग स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कर्मचारियों को आंदोलन के लिए जागरूक किया जाएगा.
  • 8 नवंबर को राजस्थान विधानसभा के समस्त विधायकों को घेराव कर ज्ञापन दिया जाएगा.
  • 11 नवंबर को समस्त जिला मुख्यालयों पर सद्बुद्धि यज्ञ और सत्याग्रह कर गिरफ्तारी देंगे.
  • इसके बाद भी अगर सरकार महासंघ की मांगों को नहीं मानती है तो दीपावली से ठीक पहले प्रदेश के सभी कर्मचारी आंदोलन का बिगुल बजाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

जयपुर. एक ओर कोरोना संकट काल में प्रदेश की गहलोत सरकार आर्थिक तंगी का हवाला देकर अधिकारियों और कमर्चारियों के वेतन में कटौती कर रही है. वहीं, दूसरी ओर विधायकों के मकान किराया भत्ता 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया है. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के कर्मचारी संघों में आक्रोश है. सभी कर्मचारी संघों ने सरकार के इस फैसले का तीखी आलोचना की है.

कोरोना काल में अधिकारी-कर्मचारी जेब काट सरकार ने विधायकों को दिया लाभ

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार एक ओर तो कोरोना काल में आर्थिक संकट का हवाला देकर कर्मचारियों के वेतन भत्ता को फ्रीज किए हुए हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों और अधिकारियों की वेतन में कटौती भी कर रही है. दूसरी ओर विधायकों के मकानों का किराया भत्ता को 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर रही है.

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अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार के इस वेतन कटौती के निर्णय के खिलाफ कर्मचारी आक्रोशित हैं. राज्य सरकार की ओर से लगातार कर्मचारी विरोधी कार्रवाई कर कर्मचारियों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. तेज सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ संयुक्त महासंघ की ओर से एक महीने तक सरकार के खिलाफ आंदोलन की रूप रेखा तय की है. फिर भी सरकार नहीं जगी तो दीपावली से ठीक पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के एक महीने के आंदोलन की रूपरेखा

  • 14 अक्टूबर को जिला कलेक्टर के माध्यम से समस्त जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा.
  • 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक समस्त राजकीय कार्यालयों में जन जागरण गेट मीटिंग कर कर्मचारी को जागृत किया जाएगा.
  • 17 और 18 अक्टूबर को समस्त जिला शाखा जिला महासंघ के साथ बैठक कर आंदोलन को और गति देने का निर्णय किया जाएगा.
  • 24 और 25 अक्टूबर तक समस्त तहसील स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी.
  • 1 नवंबर से 10 नवंबर तक संभाग स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कर्मचारियों को आंदोलन के लिए जागरूक किया जाएगा.
  • 8 नवंबर को राजस्थान विधानसभा के समस्त विधायकों को घेराव कर ज्ञापन दिया जाएगा.
  • 11 नवंबर को समस्त जिला मुख्यालयों पर सद्बुद्धि यज्ञ और सत्याग्रह कर गिरफ्तारी देंगे.
  • इसके बाद भी अगर सरकार महासंघ की मांगों को नहीं मानती है तो दीपावली से ठीक पहले प्रदेश के सभी कर्मचारी आंदोलन का बिगुल बजाते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
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