जयपुर. जिला प्रशासन ने अब पुलिस प्रशासन को दस्ताने और दूसरे जरूरत के सामान खरीदने के लिए 10 लाख रुपए का फंड उपलब्ध कराया है. रामगंज क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों के पास सर्जिकल मास्क और दस्ताने भी नहीं होने की खबर ईटीवी भारत ने प्रसारित की थी. इस पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने ये कदम उठाया है.
ना मुंह में मास्क, ना ही हाथों में थे दस्ताने...
लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस से जनता को सुरक्षित करने में पुलिसकर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं. जो निर्धारित समय से ज्यादा तकरीबन 14 से 16 घंटे तक ड्यूटी दे रहे हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि जयपुर के रामगंज जैसे सेंसेटिव एरिया में तैनात पुलिस कर्मियों को भी प्रशासन ने हाथों के दस्ताने तक उपलब्ध नहीं कराए हैं और मुंह पर भी सर्जिकल मास्क की जगह कपड़े के मास्क दिए हैं.
इस पर एसीपी राजेंद्र नैन कहते हैं कि पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें मास्क, साबुन और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए गए हैं. किसी वस्तु को ना छूने और किसी से बात करने में 1 मीटर का डिस्टेंस रखने की हिदायत दी है. साथ ही ड्यूटी से घर लौटने के बाद वर्दी बदलकर नहाने और एहतियातन परिवार से अलग रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि सभी को दस्ताने उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया जा रहा है.
10 लाख का मिला फंड...
वहीं इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अब जिला प्रशासन ने पुलिस प्रशासन को 10 लाख रुपए का फंड उपलब्ध कराया है. जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने बताया कि पुलिस कर्मियों को सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध कराए गए हैं और उपलब्ध कराए गए 10 लाख रुपए के फंड से आवश्यक सामग्री खरीदी जा सकती हैं.
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बहरहाल, शहर में रामगंज कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ है. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से रामगंज और चारदीवारी के क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया है. अति आवश्यक और पुलिस के मूवमेंट के अलावा क्षेत्र में सब कुछ प्रतिबंधित कर दिया गया है. घर-घर मेडिकल टीमों द्वारा सर्वे कराया जा रहा है और संदिग्ध के लिए क्वॉरेंटाइन की अलग व्यवस्था की जा रही है.