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जयपुरः शेल्टर होम के रोजेदारों के लिए किया गया इफ्तार का इंतजाम

इन दिनों रोजेदार इफ्तार पूरे देश में कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान लॉकडाउन की वजह से कई परिवार दूसरे शहरों में फंसे हुए हैं. राजधानी जयपुर के एक शेल्टर होम में करीब 25 रोजेदार है, जिनके पास इफ्तार करने लिए कोई बंदोबस्त नहीं था. ऐसे में जब अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा ने सभी के लिए इफ्तार का प्रबंध करवाया.

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रोजेदारों के लिए किया गया इफ्तार का इंतजाम
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Published : Apr 26, 2020, 10:41 AM IST

Updated : Apr 26, 2020, 8:03 PM IST

जयपुर. कोरोना के संकटकाल से निपटने के लिए रोजा रखने वाले रोजेदारों को राज्य सरकार ने एकजुट नहीं होने के लिए कहा है. साथ ही शेल्टर होम मे मौजूद लोगों को शेल्टर होम में ही रोजा रखने की हिदायत दी है. सरकार का मानना है, कि मस्जिदों में एकत्रित होकर लॉकडाउन के नियमों को टूटने से बचने के लिए यह आवश्यक है. लॉक डाउन के दौरान एक शहर से दूसरे शहर की ओर पलायन कर रहे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा में शेल्टर होम बनाया गया है.

रोजेदारों के लिए किया गया इफ्तार का इंतजाम

बता दें, कि इस शेल्टर होम में 130 लोग रह रहे हैं, जिनमें 25 के करीब रोजेदार शामिल है. प्रभारी जानकी लाल नायक ने बताया रोजेदारों के लिए रविवार से विशेष व्यवस्था शुरू की जा रही है. जिसमें सुबह सहरी के लिए पर्याप्त भोजन आदि रखा गया है. इसके बाद शाम को रोजा इफ्तारी के समय फल फ्रूट की व्यवस्था की जाएगी. राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर विधानसभा स्थित अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा शेल्टर होम पर पहुंची तो वहां मौजूद एक गर्भवती महिला के परिवार से लॉकडाउन से जुड़ी उनकी परेशानी के बारे में बात की.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी शहजाद खान लॉकडाउन के बाद राजस्थान से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान जयपुर में एक शेल्टर होम में उनको संक्रमण न फैले, इस एहतियात में ठहरा दिया गया. अब इस परिवार की समस्या है कि उन्हें उनके गांव भेज दिया जाए.

पढ़ेंः 7 दिन में चले 300 किमी...पैर पत्थर बन गए तो आंखों के आंसू सूख गए...लेकिन अपनों की याद है कि रुकने नहीं देती

होम शेल्टर में रह रहे लोग एक दूसरे का दुख बांट रहे हैं. यह लोग अब दिन में एक-दूसरे से अपनी परेशानियों को बांटते हैं, तो एक दूसरे के सुनकर न सिर्फ मन हल्का कर लेते हैं बल्कि परिजनों से दूर रहने के एहसास को भी कम करने में कामयाब हो रहे हैं.

जयपुर. कोरोना के संकटकाल से निपटने के लिए रोजा रखने वाले रोजेदारों को राज्य सरकार ने एकजुट नहीं होने के लिए कहा है. साथ ही शेल्टर होम मे मौजूद लोगों को शेल्टर होम में ही रोजा रखने की हिदायत दी है. सरकार का मानना है, कि मस्जिदों में एकत्रित होकर लॉकडाउन के नियमों को टूटने से बचने के लिए यह आवश्यक है. लॉक डाउन के दौरान एक शहर से दूसरे शहर की ओर पलायन कर रहे लोगों के लिए प्रशासन द्वारा विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में स्थित अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा में शेल्टर होम बनाया गया है.

रोजेदारों के लिए किया गया इफ्तार का इंतजाम

बता दें, कि इस शेल्टर होम में 130 लोग रह रहे हैं, जिनमें 25 के करीब रोजेदार शामिल है. प्रभारी जानकी लाल नायक ने बताया रोजेदारों के लिए रविवार से विशेष व्यवस्था शुरू की जा रही है. जिसमें सुबह सहरी के लिए पर्याप्त भोजन आदि रखा गया है. इसके बाद शाम को रोजा इफ्तारी के समय फल फ्रूट की व्यवस्था की जाएगी. राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर विधानसभा स्थित अखिल भारतीय खंडेलवाल वैश्य महासभा शेल्टर होम पर पहुंची तो वहां मौजूद एक गर्भवती महिला के परिवार से लॉकडाउन से जुड़ी उनकी परेशानी के बारे में बात की.

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी शहजाद खान लॉकडाउन के बाद राजस्थान से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान जयपुर में एक शेल्टर होम में उनको संक्रमण न फैले, इस एहतियात में ठहरा दिया गया. अब इस परिवार की समस्या है कि उन्हें उनके गांव भेज दिया जाए.

पढ़ेंः 7 दिन में चले 300 किमी...पैर पत्थर बन गए तो आंखों के आंसू सूख गए...लेकिन अपनों की याद है कि रुकने नहीं देती

होम शेल्टर में रह रहे लोग एक दूसरे का दुख बांट रहे हैं. यह लोग अब दिन में एक-दूसरे से अपनी परेशानियों को बांटते हैं, तो एक दूसरे के सुनकर न सिर्फ मन हल्का कर लेते हैं बल्कि परिजनों से दूर रहने के एहसास को भी कम करने में कामयाब हो रहे हैं.

Last Updated : Apr 26, 2020, 8:03 PM IST
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