जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने वीडियो में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव गृह सचिव और सभी जिला कलेक्टरों को पटाखों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने के निर्देश दिए हैं. आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद शर्मा ने आगामी 12 अक्टूबर तक इस मामले में सभी को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
आयोग अध्यक्ष ने अपने आदेश में मानव मूल्यों की रक्षा के लिए पटाखों के प्रदूषण को रोकने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अपने आदेश में समाचार पत्र में हाल ही में छपी कुछ खबरों का भी उदाहरण दिया तो साथ ही एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन रोग विभाग के डॉक्टरों द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को दिए गए प्रस्ताव का भी उल्लेख किया. जिसमें पटाखे रहित हो दीपावली ताकि कोविड़ 19 के इस दौर में और मुसीबत ना बढ़े की बात कही गई है.
आयोग ने मीडिया में प्रकाशित समाचारों पर यह भी अपने आदेश में लिखा कि हम भी यह मानते कि इस समय पूरा संसार कोरोना संक्रमण से पीड़ित है. इसपर यदि इस दीपावली के मौके पर पटाखे चले तो कोरोना के रोगियों की संख्या में और अधिक वृद्धि हो सकती है. इस रोग का वायरस मानव के शवसन तंत्र को अधिक प्रभावित करता है. ऐसे में दीपावली पर पटाखों का उपयोग करने से वातावरण अधिक प्रदूषित होने का खतरा रहता है.
पटाखों से निकलने वाले धुएं से अस्थमा आदि बीमारी के साथ-साथ कोविड-19 के संक्रमित मरीजों के लिए परेशानी भी खड़ी हो सकती है. आयोग ने यह भी आदेश दिया कि पटाखों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से वातावरण को प्रदूषित होने से रोकने और इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई किया जाए ताकि अस्थमा आदि मरीजों को किसी प्रकार की कोई क्षति ना पहुंचे और कोविड-19 की रोकथाम भी हो सके.