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दोनों हाथों में लड्डू! कर्मचारी-अधिकारी ही सरकार को लगा रहे थे चूना, अब मूल राशि के साथ ब्याज भी चुकाना होगा

राजस्थान में सरकारी कर्मचारी राजकीय आवास आवंटित होने के बाद भी मकान किराया भत्ता उठा रहे हैं. प्रदेश में कई अधिकारियों को राजकीय आवास आवंटित है, लेकिन इसके बाद भी वे मकान किराया भत्ता उठा रहे हैं. वित्त विभाग अब ऐसे कर्मचारियों से ब्याज सहित किराया वसूली की तैयारी में है.

CM Ashok Gehlot, Rajasthan Latest News
दोनों हाथों में लड्डू
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Published : Aug 13, 2021, 2:07 PM IST

जयपुर. प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी ही सरकार को चूना लगा रहे हैं. वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची तैयार की है जो सरकारी आवास में रह रहे हैं और HRA यानी मकान किराया भत्ता भी उठा रहे हैं. अब वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है. इन कर्मचारियों से न केवल मूल राशि वसूली जाएगी बल्कि उसका ब्याज भी लिया जाएगा.

पढ़ें- जानिए कौनसी पांच सितारा सुविधाओं युक्त होगा आपके विधायक का नया आवास, मुख्यमंत्री ने किया शिलान्यास

दरअसल, वित्त विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिससे वो कर्मचारी सकते में हैं जिनके नाम राजकीय आवास आवंटित है और वे फिर भी HRA यानी मकान किराया भत्ते का लाभ ले रहे हैं. उन्हें उस राशि के साथ ब्याज भी चुकाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इन कर्मचारियों और अधिकारियों ने विभाग के जरिये ब्याज वसूली माफी का प्रस्ताव भेजा है.

लेकिन, अब वित्त विभाग ने साफ कर दिया कि आवास आवंटन होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता आवास आवंटन के बावजूद लिया है तो उनसे भत्ता राशि की एक मुश्त लौटानी होगी. इसके साथ उस पर ब्याज वसूली के लिए भी कार्रवाई की जाएगी.

वित्त नियम विभाग के शासन सचिव वित्त बजट डॉ. पृथ्वी ने जारी किया आदेश:

वित्त विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि राजकीय आवास होते हुए भी कुछ सरकारी कर्मचारी HRA ले रहे हैं. ऐसे में वित्त विभाग ने यह ब्यौरा मांगा है कि किन-किन कर्मचारियों को सरकारी मकान आवंटित है और ऐसा होने पर भी वे मकान किराया भत्ता ले रहे हैं.

कुछ कार्यालयों ने राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता वसूली के साथ ब्याज की वसूली की जानी है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ विभागों ने ब्याज माफी के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है.

पढ़ें- कमेटी या जुमला : कमेटियों में उलझी राज्य कमर्चारियों की मांगें...अब आंदोलन की राह पर 8 लाख कर्मचारी

वित्त विभाग ने इस बारे में यह कहा है कि सामान्य वित्तीय और लेखा नियम भाग 1 के नियम 124 अनुसार अधिक भुगतान की वसूली के प्रावधान हैं, लेकिन यह अधिक भुगतान की वसूली पर ब्याज का जिक्र नहीं है. इसके बावजूद यह साफ है कि राजकीय आवास आवंटन के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मकान किराया भत्ता की राशि को लेता है तो वह आचरण नियमों के अनुरूप नहीं है.

ऐसे में ऐसे प्रकरणों में नियम अनुसार राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता लिया गया है या लिया जा रहा है तो कार्यालय अध्यक्ष को खुद के स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ऐसे लिए गए मकान किराया भत्ता की राशि पर सामान्य प्रावधायी निधि पर प्रभावी ब्याज दर के अनुरूप ब्याज की वसूली करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. ऐसे में इन कर्मचारियों से अब मकान किराया भत्ता तो वसूला जाएगा ही, साथ ही सामान्य प्रावधायी निधि की दर से भत्ते पर ब्याज की वसूली भी होगी.

जयपुर. प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी ही सरकार को चूना लगा रहे हैं. वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों की सूची तैयार की है जो सरकारी आवास में रह रहे हैं और HRA यानी मकान किराया भत्ता भी उठा रहे हैं. अब वित्त विभाग ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर ली है. इन कर्मचारियों से न केवल मूल राशि वसूली जाएगी बल्कि उसका ब्याज भी लिया जाएगा.

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दरअसल, वित्त विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिससे वो कर्मचारी सकते में हैं जिनके नाम राजकीय आवास आवंटित है और वे फिर भी HRA यानी मकान किराया भत्ते का लाभ ले रहे हैं. उन्हें उस राशि के साथ ब्याज भी चुकाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इन कर्मचारियों और अधिकारियों ने विभाग के जरिये ब्याज वसूली माफी का प्रस्ताव भेजा है.

लेकिन, अब वित्त विभाग ने साफ कर दिया कि आवास आवंटन होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता आवास आवंटन के बावजूद लिया है तो उनसे भत्ता राशि की एक मुश्त लौटानी होगी. इसके साथ उस पर ब्याज वसूली के लिए भी कार्रवाई की जाएगी.

वित्त नियम विभाग के शासन सचिव वित्त बजट डॉ. पृथ्वी ने जारी किया आदेश:

वित्त विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि राजकीय आवास होते हुए भी कुछ सरकारी कर्मचारी HRA ले रहे हैं. ऐसे में वित्त विभाग ने यह ब्यौरा मांगा है कि किन-किन कर्मचारियों को सरकारी मकान आवंटित है और ऐसा होने पर भी वे मकान किराया भत्ता ले रहे हैं.

कुछ कार्यालयों ने राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता वसूली के साथ ब्याज की वसूली की जानी है, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ विभागों ने ब्याज माफी के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है.

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वित्त विभाग ने इस बारे में यह कहा है कि सामान्य वित्तीय और लेखा नियम भाग 1 के नियम 124 अनुसार अधिक भुगतान की वसूली के प्रावधान हैं, लेकिन यह अधिक भुगतान की वसूली पर ब्याज का जिक्र नहीं है. इसके बावजूद यह साफ है कि राजकीय आवास आवंटन के बाद भी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मकान किराया भत्ता की राशि को लेता है तो वह आचरण नियमों के अनुरूप नहीं है.

ऐसे में ऐसे प्रकरणों में नियम अनुसार राजकीय आवास आवंटित होने पर भी मकान किराया भत्ता लिया गया है या लिया जा रहा है तो कार्यालय अध्यक्ष को खुद के स्तर पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही ऐसे लिए गए मकान किराया भत्ता की राशि पर सामान्य प्रावधायी निधि पर प्रभावी ब्याज दर के अनुरूप ब्याज की वसूली करना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. ऐसे में इन कर्मचारियों से अब मकान किराया भत्ता तो वसूला जाएगा ही, साथ ही सामान्य प्रावधायी निधि की दर से भत्ते पर ब्याज की वसूली भी होगी.

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