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आकाशीय बिजली ढहा रही कहर, ऐसे बचाएं अपनी जान

आकाश से गिरने वाली बिजली हर साल सैकड़ों लोगों की जान लेती हैं, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है. पढ़ें पूरी खबर..

आकाशीय बिजली गिरने का कारण, जयपुर की खबर, jaipur latest news, Ways to avoid lightning
आकाशीय बिजली ढा रही कहर
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Published : Jun 26, 2020, 6:22 PM IST

Updated : Jun 26, 2020, 6:41 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच आकाशीय बिजली भी आफत बनकर गिर रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और वज्रपात से अब तक 108 लोगों की जान जा चुकी है. इतनी बड़ी तादात में आकाशीय बिजली से हुई मौतों से देशभर के लोगों में एक डर सा है. आइये आपको बताते हैं आकाशीय बिजली से बचाव और सावधानियां, जो आपको बरतनी चाहिए.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) की ओर से बताए गए तरीकों के अनुसार इसकी चपेट में अधिकतर वे लोग आते हैं, जो खुले आसमान और हरे पेड़ के नीचे होते हैं या फिर जो पानी-बिजली और मोबाइल टावर के नजदीक रहते हैं.

आकाशीय बिजली ढहा रही कहर

बिजली कड़कने के दौरान अपनाएं ये उपाय :

  • घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें.
  • खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें.
  • बरामदे और छत से भी दूर रहें.
  • ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में आश्रय ना लें.
  • बिजली चमकते समय पेड़ के नीचे ना खड़े रहें.
  • अगर आप समूह में हैं, तो अलग-अलग हो जाएं.
  • बिजली के खंभों से दूर ही रहें.
  • विद्युत उपकरणों का उपयोग ना करें.
  • मोबाइल व टेलीफोन का उपयोग नहीं करें.
  • जंगल में होने पर निचले स्थान या घाटी क्षेत्र में रहें
  • किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े ना रहें.
  • वज्रपात से बचाव के लिए भवन के ऊपर तड़ित चालक लगवाएं.

कैसे पता चलता है बिजली गिरेगी

यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और अपके सिर के बाल खड़े हो जाएं और शरीर कंपन करने लगे तो आपके आस-पास यह खतरा हो सकता है. ऐसी स्थिति में नीचे झुकर कान बंद कर लें, बालों को ढक कर सिर को घुटनों में छुपा लें. और पैरों तले जमीन पर बैठ जाएं. इससे जमीन के साथ कम से कम संपर्क रहेगा और संभावित खतरा टल सकता है. साथ ही दोनों एड़ी को तिरछा मिलाकर बैठ जाएं.

यह भी पढे़ं : SPECIAL: मिलिए... झुंझुनू के Tree Man से, जो अब तक लगा चुके हैं 50 हजार से ज्यादा पौधे

क्यों कड़कती है बिजली

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जब बादल आकाश में बड़ी मात्रा में एक साथ चलते हैं तो उनमें घर्षण होता है. इससे बिजली उत्पन्न होती है और अर्थिंग के लिए नीचे जमीन पर गिरती है. हाई वोल्टेज होने के कारण इससे जान-माल के नुकसान का खतरा रहता है.

तड़ित चालक क्यों है जरूरी

अक्सर आपने देखा होगा कि ऊंची इमारतों में अर्थिंग करवाई जाती है. यह प्रक्रिया तड़ित चालक से ही होती है. जिन जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. वहां भवनों और ऊंची इमारतों पर तड़ित चालक लगाए जाते हैं. यह एक धातु की चालक छड़ होती है, जिससे आकाशीय बिजली संपर्क में आकर सीधे धरती में चली जाती है. इससे नुकसान होने का खतरा टल जाता है.

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तड़ित चालक

तड़ित चालक का ऊपरी सिरा नुकीला होता है और इसे भवनों के सबसे ऊपरी हिस्से में जड़ दिया जाता है. इसे तांबे के तार से जोड़कर नीचे लाकर जमीन में गाड़ कर इसके आखिरी सिरे पर कोयला और नमक लगा दिया जाता है.

आकाशीय बिजली गिरने का कारण, जयपुर की खबर, jaipur latest news, Ways to avoid lightning
Source: NDRF

राजस्थान में आकाशीय बिजली से होने वाली घटनाएं

13 जनवरी 2020- एक नाबालिग की बिजली गिरने की वजह से बीकानेर में मौत हो गई थी. यह घटना बीकानेर के काकड़ा गांव में हुई थी.

21 जुलाई 2019- प्रदेश के झालावाड़ और पाली जिले में बिजली गिरने के कारण 4 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कुल 27 लोग घायल हुए थे. साथ ही पाली के पानोटा गांव में 26 मनरेगा श्रमिक भी इसी साल बिजली गिरने की वजह से घायल हुए थे.

16 अप्रैल 2019- इस दिन राजस्थान में ही केवल 21 लोगों की बिजली गिरने से मौत हुई थी. जिनमें से 4 मृतक झालावाड़ा के, 4 जयपुर के और 4 उदयपुर के रहने वाले थे. साथ ही 2 जालोर के और 2 बूंदी के रहने वाले थे. वहीं 1-1 मृतक बारां, राजसमंद, भीलवाड़ा, अलवर और हनुमानगढ़ जिला निवासी थे.

6 अप्रैल 2018- सन् 2018 में आकाशीय बिजली गिरने की वजह से 3 जान गई थी. जैसलमेर में 1 शख्स की मौत और 4 लोग घायल हुए थे. साथ ही अलवर में 2 लोगों की मौत हुई थी.

26 जनवरी 2017- गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम अडेंट करने जा रहे दो स्कूली बच्चों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई थी. यह घटना गुरुवार के दिन जयपुर के बस्सी कस्बे में हुई थी.

29 सितंबर 2016- प्रदेश के बारां जिले में इस दिन बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कई घायल भी हुए थे. ये सभी खेतों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर थे.

यह भी पढे़ं : अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवसः किशोर हो रहे नशे के शिकार, माता-पिता ऐसे कर सकते हैं बचाव

क्या कहते हैं आंकड़े

  • 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक राजस्थान में बिजली चमकने की घटनाएं- 210876
  • 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या- 61
  • 2018 में आकाशीय बिजली से मौतों की संख्या- 36 मौत, 257 घायल
  • 2017 में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या- 35
  • 2016 में बिजली गिरने से हुई मौतों का आंकड़ा- 35

जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच आकाशीय बिजली भी आफत बनकर गिर रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और वज्रपात से अब तक 108 लोगों की जान जा चुकी है. इतनी बड़ी तादात में आकाशीय बिजली से हुई मौतों से देशभर के लोगों में एक डर सा है. आइये आपको बताते हैं आकाशीय बिजली से बचाव और सावधानियां, जो आपको बरतनी चाहिए.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) की ओर से बताए गए तरीकों के अनुसार इसकी चपेट में अधिकतर वे लोग आते हैं, जो खुले आसमान और हरे पेड़ के नीचे होते हैं या फिर जो पानी-बिजली और मोबाइल टावर के नजदीक रहते हैं.

आकाशीय बिजली ढहा रही कहर

बिजली कड़कने के दौरान अपनाएं ये उपाय :

  • घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें.
  • खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें.
  • बरामदे और छत से भी दूर रहें.
  • ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में आश्रय ना लें.
  • बिजली चमकते समय पेड़ के नीचे ना खड़े रहें.
  • अगर आप समूह में हैं, तो अलग-अलग हो जाएं.
  • बिजली के खंभों से दूर ही रहें.
  • विद्युत उपकरणों का उपयोग ना करें.
  • मोबाइल व टेलीफोन का उपयोग नहीं करें.
  • जंगल में होने पर निचले स्थान या घाटी क्षेत्र में रहें
  • किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े ना रहें.
  • वज्रपात से बचाव के लिए भवन के ऊपर तड़ित चालक लगवाएं.

कैसे पता चलता है बिजली गिरेगी

यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और अपके सिर के बाल खड़े हो जाएं और शरीर कंपन करने लगे तो आपके आस-पास यह खतरा हो सकता है. ऐसी स्थिति में नीचे झुकर कान बंद कर लें, बालों को ढक कर सिर को घुटनों में छुपा लें. और पैरों तले जमीन पर बैठ जाएं. इससे जमीन के साथ कम से कम संपर्क रहेगा और संभावित खतरा टल सकता है. साथ ही दोनों एड़ी को तिरछा मिलाकर बैठ जाएं.

यह भी पढे़ं : SPECIAL: मिलिए... झुंझुनू के Tree Man से, जो अब तक लगा चुके हैं 50 हजार से ज्यादा पौधे

क्यों कड़कती है बिजली

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जब बादल आकाश में बड़ी मात्रा में एक साथ चलते हैं तो उनमें घर्षण होता है. इससे बिजली उत्पन्न होती है और अर्थिंग के लिए नीचे जमीन पर गिरती है. हाई वोल्टेज होने के कारण इससे जान-माल के नुकसान का खतरा रहता है.

तड़ित चालक क्यों है जरूरी

अक्सर आपने देखा होगा कि ऊंची इमारतों में अर्थिंग करवाई जाती है. यह प्रक्रिया तड़ित चालक से ही होती है. जिन जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. वहां भवनों और ऊंची इमारतों पर तड़ित चालक लगाए जाते हैं. यह एक धातु की चालक छड़ होती है, जिससे आकाशीय बिजली संपर्क में आकर सीधे धरती में चली जाती है. इससे नुकसान होने का खतरा टल जाता है.

आकाशीय बिजली गिरने का कारण, जयपुर की खबर, jaipur latest news, Ways to avoid lightning
तड़ित चालक

तड़ित चालक का ऊपरी सिरा नुकीला होता है और इसे भवनों के सबसे ऊपरी हिस्से में जड़ दिया जाता है. इसे तांबे के तार से जोड़कर नीचे लाकर जमीन में गाड़ कर इसके आखिरी सिरे पर कोयला और नमक लगा दिया जाता है.

आकाशीय बिजली गिरने का कारण, जयपुर की खबर, jaipur latest news, Ways to avoid lightning
Source: NDRF

राजस्थान में आकाशीय बिजली से होने वाली घटनाएं

13 जनवरी 2020- एक नाबालिग की बिजली गिरने की वजह से बीकानेर में मौत हो गई थी. यह घटना बीकानेर के काकड़ा गांव में हुई थी.

21 जुलाई 2019- प्रदेश के झालावाड़ और पाली जिले में बिजली गिरने के कारण 4 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कुल 27 लोग घायल हुए थे. साथ ही पाली के पानोटा गांव में 26 मनरेगा श्रमिक भी इसी साल बिजली गिरने की वजह से घायल हुए थे.

16 अप्रैल 2019- इस दिन राजस्थान में ही केवल 21 लोगों की बिजली गिरने से मौत हुई थी. जिनमें से 4 मृतक झालावाड़ा के, 4 जयपुर के और 4 उदयपुर के रहने वाले थे. साथ ही 2 जालोर के और 2 बूंदी के रहने वाले थे. वहीं 1-1 मृतक बारां, राजसमंद, भीलवाड़ा, अलवर और हनुमानगढ़ जिला निवासी थे.

6 अप्रैल 2018- सन् 2018 में आकाशीय बिजली गिरने की वजह से 3 जान गई थी. जैसलमेर में 1 शख्स की मौत और 4 लोग घायल हुए थे. साथ ही अलवर में 2 लोगों की मौत हुई थी.

26 जनवरी 2017- गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम अडेंट करने जा रहे दो स्कूली बच्चों की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई थी. यह घटना गुरुवार के दिन जयपुर के बस्सी कस्बे में हुई थी.

29 सितंबर 2016- प्रदेश के बारां जिले में इस दिन बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हुई थी. वहीं कई घायल भी हुए थे. ये सभी खेतों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर थे.

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क्या कहते हैं आंकड़े

  • 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक राजस्थान में बिजली चमकने की घटनाएं- 210876
  • 1 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या- 61
  • 2018 में आकाशीय बिजली से मौतों की संख्या- 36 मौत, 257 घायल
  • 2017 में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या- 35
  • 2016 में बिजली गिरने से हुई मौतों का आंकड़ा- 35
Last Updated : Jun 26, 2020, 6:41 PM IST
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