जयपुर. विधायक अशोक लाहोटी ने राजस्थान विवाह अधिनियम की चर्चा में मांग रखी कि सरकार मुस्लिम धर्म में काजी, पारसी व ईसाई धर्म में पादरी जो शादी करवाते हैं उनको विवाह का सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार है तो उसी तरह हिन्दू धर्म के पंडितों को भी जो शादी करवाते है उसका सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार इस बिल में दें. दूसरे धर्मगुरुओं की तरह हिंदू धर्मगुरुओं को भी यह अधिकार मिलना चाहिए.
लाहोटी ने कहा कि इस एक्ट में मुस्लिम व ईसाई धर्मगुरुओं द्वारा दिए जा रहे शादी के सर्टिफिकेटों को जांचने, स्थगित करने व निरस्त करने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. यह पूर्णतया गलत है. इससे लव जिहाद की घटनाएं बढ़ेंगी और उनके द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट को निरस्त नहीं होने से लव जिहाद की घटनाओं को कानूनी मान्यता मिलेगी जो कि राजस्थान के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा.
लाहोटी ने बताया कि धारा 8 (1) में किए गए संशोधन के अनुसार अब राजस्थान के बाल-विवाह को कानूनी मान्यता मिलेगी यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण होगा. आज का दिन विधानसभा और राजस्थान के लिए एक काला दिन और काला अध्याय होगा.
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एक तरफ सेंट्रल एक्ट, हिंदू मैरिज एक्ट, शारदा एक्ट इन सबमें बाल विवाह निषेध है तथा पूरी दुनिया में बाल विवाह को एक कुरीति माना जाता है. राजस्थान पहले से ही इसके लिए बहुत बदनाम है. आज इस बिल के पास होने से बाल विवाह को कानूनी मान्यता मिल जाएगी.