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SMS अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करने पर हाईकोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान

राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना संक्रमित का इलाज नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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Published : Sep 30, 2020, 8:11 PM IST

SMS Hospital Case, Rajasthan High Court News
SMS अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करने पर हाईकोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना संक्रमित का इलाज नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को इस संबंध में लंबित एक अन्य याचिका के साथ सूचीबद्ध कर दिया है.

पढ़ें- सहयोग एवं उपहार योजना के लिए 11 करोड़ का अतिरिक्त बजट मंजूर

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के संबंध में एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत की जानकारी में आया था कि एसएमएस अस्पताल सहित दूसरे कई सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते दूसरे अस्पतालों पर ऐसे मरीजों का भार बढ़ गया है. इसके कारण मरीजों को समुचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. इसे देखते हुए अदालत ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए महाधिवक्ता को मामले में पक्ष रखने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना संक्रमित का इलाज नहीं करने को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में स्वप्रेरित संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.

अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद यहां कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को इस संबंध में लंबित एक अन्य याचिका के साथ सूचीबद्ध कर दिया है.

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गौरतलब है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के संबंध में एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत की जानकारी में आया था कि एसएमएस अस्पताल सहित दूसरे कई सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते दूसरे अस्पतालों पर ऐसे मरीजों का भार बढ़ गया है. इसके कारण मरीजों को समुचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा है. इसे देखते हुए अदालत ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए महाधिवक्ता को मामले में पक्ष रखने को कहा है.

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