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सहायक रेडियोग्राफर को हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अधिकारियों को जारी किया नोटिस

सवाई माधोपुर के बामनवास में संविदा पर तैनात सहायक रेडियोग्राफर को हटाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और आरएमआरसी के सदस्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Prohibition on removal of contract worker, Rajasthan High Court order
सहायक रेडियोग्राफर को हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Aug 27, 2020, 6:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई माधोपुर के बामनवास में संविदा पर तैनात सहायक रेडियोग्राफर को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और आरएमआरसी के सदस्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सरफराज खान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता एमएफ बेग ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता आरएमआरसी के जरिए मई 2016 में संविदा पर सहायक रेडियोग्राफर नियुक्त हुआ था. वहीं अब उसे गत 31 जुलाई को एक महीने का नोटिस देकर सेवा से पृथक किया जा रहा है.

पढ़ें- डीएलएड परीक्षा को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना से मिलते जुलते लक्षण होने पर परीक्षार्थी बाद में दे सकेगा एग्जाम

याचिका में कहा गया कि इस पद पर अब तक नियमित भर्ती नहीं हुई है. इसके अलावा याचिकाकर्ता को हटाकर दूसरे संविदा कर्मी को यहां लगाया जाएगा. जबकि हाईकोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि संविदाकर्मी को नियमित भर्ती से नियुक्त अभ्यर्थी के पदस्थापित होने तक पद से नहीं हटाया जा सकता. इसके अलावा नियमानुसार एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदा कर्मी की नियुक्ति भी नहीं की जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सवाई माधोपुर के बामनवास में संविदा पर तैनात सहायक रेडियोग्राफर को हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और आरएमआरसी के सदस्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सरफराज खान की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता एमएफ बेग ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता आरएमआरसी के जरिए मई 2016 में संविदा पर सहायक रेडियोग्राफर नियुक्त हुआ था. वहीं अब उसे गत 31 जुलाई को एक महीने का नोटिस देकर सेवा से पृथक किया जा रहा है.

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याचिका में कहा गया कि इस पद पर अब तक नियमित भर्ती नहीं हुई है. इसके अलावा याचिकाकर्ता को हटाकर दूसरे संविदा कर्मी को यहां लगाया जाएगा. जबकि हाईकोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि संविदाकर्मी को नियमित भर्ती से नियुक्त अभ्यर्थी के पदस्थापित होने तक पद से नहीं हटाया जा सकता. इसके अलावा नियमानुसार एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर दूसरे संविदा कर्मी की नियुक्ति भी नहीं की जा सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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