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विधायक भंवरलाल शर्मा के मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट

विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप को लेकर विधायक भंवरलाल शर्मा से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 27 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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भंवरलाल शर्मा ऑडियो केस में सुनवाई
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Published : Aug 13, 2020, 8:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप को लेकर विधायक भंवरलाल शर्मा से जुड़े मामले में राज्य सरकार से 27 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश भंवरलाल शर्मा की ओर से दायर याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एसओजी में दर्ज 3 मामलों में निचली अदालत में एफआर पेश दी जा चुकी है. इसके अलावा एसीबी में दर्ज प्रकरण को लेकर जवाब के लिए समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि इस मामले में भी सरकार कुछ नहीं करना चाहती है.

पढ़ें- 1 महीने के राजनीतिक संघर्ष के बाद एक मंच पर नजर आए पायलट-गहलोत, दिखाया Victory Sign

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से 27 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. याचिकाओं में कहा गया कि अनुसंधान एजेंसी ने ऑडियो टेप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. जांच एजेंसी के पास ऑडियो टेप के अलावा अन्य कोई साक्ष्य नहीं है. इसके अलावा नियमानुसार एक घटना को लेकर एक ही एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है. इसके बावजूद जांच एजेंसी ने दबाव में आकर याचिकाकर्ता के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कर ली. ऐसे में इन एफआईआर को रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप को लेकर विधायक भंवरलाल शर्मा से जुड़े मामले में राज्य सरकार से 27 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश भंवरलाल शर्मा की ओर से दायर याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एसओजी में दर्ज 3 मामलों में निचली अदालत में एफआर पेश दी जा चुकी है. इसके अलावा एसीबी में दर्ज प्रकरण को लेकर जवाब के लिए समय दिया जाए. इस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि लगता है कि इस मामले में भी सरकार कुछ नहीं करना चाहती है.

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इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से 27 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. याचिकाओं में कहा गया कि अनुसंधान एजेंसी ने ऑडियो टेप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. जांच एजेंसी के पास ऑडियो टेप के अलावा अन्य कोई साक्ष्य नहीं है. इसके अलावा नियमानुसार एक घटना को लेकर एक ही एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है. इसके बावजूद जांच एजेंसी ने दबाव में आकर याचिकाकर्ता के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कर ली. ऐसे में इन एफआईआर को रद्द किया जाए.

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