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विधायक के पिता को पेंशन परिलाभ नहीं देने पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब - rajasthan news

राजस्थान हाई कोर्ट ने बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के पिता को सेवानिवृत्ति के 4 साल बाद भी पेंशन परिलाभ नहीं देने के संबंध में संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिका में बताया गया कि, 30 अगस्त 2016 को सेवानिवृत्ति के बाद अब तक याचिकाकर्ता को पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए हैं.

high court news, pension benefits to MLA father, हाइकोर्ट की खबर
हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : May 29, 2020, 8:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के पिता को सेवानिवृत्ति के 4 साल बाद भी पेंशन परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख राजस्व सचिव, टोंक कलेक्टर और निवाई तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश प्रसाद मीणा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1971 में पटवारी के पद पर नियुक्त हुआ था. वहीं गत 30 अगस्त 2016 को वह सेवानिवृत्त हुआ, लेकिन विभाग ने उसे चयनित वेतनमान सहित अन्य परिलाभ व पेंशन परिलाभ अदा नहीं किए. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में कई बार विभाग में शिकायत भी दी गई, लेकिन अब तक उसे पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए.

ये पढ़ें: प्रदेश में बड़े प्रशासनिक फेरबदल के संकेत, COVID-19 में खराब परफॉर्मेंस वाले अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वहीं इस संबंध में विधायक इंदिरा मीणा का कहना है कि. प्रशासन की गलती के चलते उनके पिता को पेंशन परिलाभ नहीं मिल रहे हैं. इससे व्यथित होकर उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के पिता को सेवानिवृत्ति के 4 साल बाद भी पेंशन परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख राजस्व सचिव, टोंक कलेक्टर और निवाई तहसीलदार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश प्रसाद मीणा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1971 में पटवारी के पद पर नियुक्त हुआ था. वहीं गत 30 अगस्त 2016 को वह सेवानिवृत्त हुआ, लेकिन विभाग ने उसे चयनित वेतनमान सहित अन्य परिलाभ व पेंशन परिलाभ अदा नहीं किए. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में कई बार विभाग में शिकायत भी दी गई, लेकिन अब तक उसे पेंशन परिलाभ जारी नहीं किए गए.

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जिस पर सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. वहीं इस संबंध में विधायक इंदिरा मीणा का कहना है कि. प्रशासन की गलती के चलते उनके पिता को पेंशन परिलाभ नहीं मिल रहे हैं. इससे व्यथित होकर उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया हैं.

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