जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म से गर्भवती हुई पीड़िता को गर्भपात की अनुमति दे दी है. अदालत ने अलवर सीएमएचओ को कहा है कि वह तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों का बोर्ड बना कर पीड़िता की जांच करें, यदि पीड़िता गर्भपात करवाने में सक्षम पाई जाए तो उसका तत्काल गर्भपात किया जाए.
वहीं अदालत ने गर्भपात के बाद भ्रूण को डीएनए जांच के लिए सुरक्षित रखने को कहा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश 16 वर्षीय पीड़िता के अपने पिता के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
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याचिका में कहा गया था कि पीड़िता के भाई ने गत 23 मार्च को अलवर के तिजारा थाने में पीड़िता के अपहरण और गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि कुछ युवक पीड़िता के साथ पिछले कई माह से दुष्कर्म कर रहे हैं.
पीड़िता के बरामद होने पर पता चला कि वह गर्भवती हो गई है. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि चिकित्सीय जांच के अनुसार पीड़िता अब करीब 18 सप्ताह की गर्भवती है. ऐसे में उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पीड़िता की जांच कर गर्भपात करने की अनुमति दी है.