जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एईएन से मारपीट के मामले में बाड़ी विधायक गिर्राज मलिंगा व अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना प्रकरण में मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर दिया जाए. जस्टिस फरजंद अली ने यह आदेश प्रकरण के पीड़ित एईएन हर्षदापति की याचिका पर (Hearing of PIL against MLA Malinga bail) दिए.
याचिका में कहा गया कि उसने मलिंगा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धौलपुर के बाड़ी थाने में मारपीट और एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराया था. मामले में मुख्यमंत्री के कहने पर मलिंगा ने 11 मई को सीएमआर में आत्मसमर्पण किया था. वहीं निचली अदालत की ओर से 12 मई को जमानत अर्जी खारिज कर आरोपी को जेल भेजने के आदेश देने के बाद वह कोरोना पॉजिटिव हो गया. ऐसे में उसे जेल ना भेजकर अस्पताल के एसी कमरे में रखा गया.
याचिका में कहा गया कि हाइकोर्ट ने गत 17 मई को मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद अगले ही दिन वह कोरोना से मुक्त हो गया और 19 मई को उसने शक्ति प्रदर्शन करते हुए रोड शो निकाला, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. इस दौरान उसने भाषण में कहा कि जनता की तरफ आंख उठाई तो आंख निकाल लेंगे. इसके अलावा मलिंगा के साथ कुछ अन्य विधायकों ने भी ऐसे ही भाषण दिए. याचिका में कहा गया कि आरोपी ऐसे भाषण देकर यह साबित करना चाहता है कि उसने जनता के हितों के लिए यह काम किया था. इसके अलावा वह अपने भाषण से याचिकाकर्ता को भी डराना चाहता है.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पिछले करीब 55 दिनों से अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती होकर इलाज करवा रहा है. वह खड़ा होना तो दूर की बात, सही ढंग से बैठने में भी असक्षम है. अदालत ने मलिंगा जमानत देते समय इस तथ्य को नहीं देखा कि याचिकाकर्ता किस स्थिति से गुजर रहा है. ऐसे में मलिंगा को दी गई जमानत को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मलिंगा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
गौरतलब है कि बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में एईएन पद पर तैनात याचिकाकर्ता ने गत 31 मार्च को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि कार्यालय में मीटिंग के दौरान कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा और करीब आधा दर्जन लोग आए और उसके साथ मारपीट की. विधायक और उसके साथ पहुंचे लोगों ने जातिसूचक गालियां देते हुए उसके साथ लाठी-डंडों से मारपीट की. घटना के कुछ दिनों बाद सीएम के कहने पर मलिंगा ने समर्पण किया था. कोर्ट की ओर से मलिंगा को जेल भेजने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं बीते दिनों हाइकोर्ट ने मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे.