जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स करने और इस दौरान मातृत्व अवकाश पर जाने वाली चिकित्सक को एपीओ मानकर दूसरी जगह पदस्थापित करने के आदेश पर रोक लगा दी है.
इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर सोनिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुशीला कलवानिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सीकर के अजीतगढ़ का कस्बे में 12 जुलाई 2018 से पदस्थापित थी. इसी बीच उसका विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स में चयन होने पर वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज आ गई.
कोर्स के दौरान वह मातृत्व अवकाश पर रही. वहीं बाद में कोर्स पूरा होने के बाद याचिकाकर्ता ने विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. याचिका में कहा गया कि विभाग ने उसे एपीओ मानते हुए गंगानगर के करणपुरा में पदस्थापित कर दिया.
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जबकि, अजीतगढ़ अस्पताल में उसका पद अभी भी रिक्त चल रहा है. ऐसे में उसे एपीओ मानना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दूसरी जगह पदस्थापन के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.