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मातृत्व अवकाश पर रही डॉक्टर के पदस्थापित आदेश पर HC ने लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स के बीच मातृत्व अवकाश पर रही डॉक्टर के पदस्थापित करने के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर एपीओ करने पर जवाब तलब किया है.

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Published : Apr 16, 2020, 7:59 PM IST

Updated : May 24, 2020, 5:35 PM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news
बिना कारण एपीओ मानकर दूसरी जगह पदस्थापित करने पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स करने और इस दौरान मातृत्व अवकाश पर जाने वाली चिकित्सक को एपीओ मानकर दूसरी जगह पदस्थापित करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर सोनिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुशीला कलवानिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सीकर के अजीतगढ़ का कस्बे में 12 जुलाई 2018 से पदस्थापित थी. इसी बीच उसका विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स में चयन होने पर वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज आ गई.

पढ़ें: दूसरे प्रदेशों के जो लोग क्वॉरेटाइन में 14 दिन गुजार चुके हैं, सरकार उन्हें उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करे : बेनीवाल

कोर्स के दौरान वह मातृत्व अवकाश पर रही. वहीं बाद में कोर्स पूरा होने के बाद याचिकाकर्ता ने विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. याचिका में कहा गया कि विभाग ने उसे एपीओ मानते हुए गंगानगर के करणपुरा में पदस्थापित कर दिया.

पढ़ेंः कौन हैं राजेश्वरी?...जो दो जिंदगियों को लेकर करोना से कर रहीं दो-दो हाथ

जबकि, अजीतगढ़ अस्पताल में उसका पद अभी भी रिक्त चल रहा है. ऐसे में उसे एपीओ मानना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दूसरी जगह पदस्थापन के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स करने और इस दौरान मातृत्व अवकाश पर जाने वाली चिकित्सक को एपीओ मानकर दूसरी जगह पदस्थापित करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉक्टर सोनिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता सुशीला कलवानिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सीकर के अजीतगढ़ का कस्बे में 12 जुलाई 2018 से पदस्थापित थी. इसी बीच उसका विभागीय कोटे में सोनोग्राफी ट्रेनिंग कोर्स में चयन होने पर वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज आ गई.

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कोर्स के दौरान वह मातृत्व अवकाश पर रही. वहीं बाद में कोर्स पूरा होने के बाद याचिकाकर्ता ने विभाग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. याचिका में कहा गया कि विभाग ने उसे एपीओ मानते हुए गंगानगर के करणपुरा में पदस्थापित कर दिया.

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जबकि, अजीतगढ़ अस्पताल में उसका पद अभी भी रिक्त चल रहा है. ऐसे में उसे एपीओ मानना गलत है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दूसरी जगह पदस्थापन के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Last Updated : May 24, 2020, 5:35 PM IST
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