जयपुर. प्रदेश की राजधानी जयपुर का रामगंज इलाका पूरी तरह से कोरोना संक्रमण का हॉट स्पॉट बना हुआ था, लेकिन अब वहां संक्रमण में कमी आती जा रही है. इसी को देखते हुए राजस्थान हज वेलफेयर सोसाइटी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि रामगंज और परकोटे से कर्फ्यू पूरी तरह से हटाया जाए या कर्फ्यू में ढील दी जाए.
राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने बताया कि पिछले 64 दिनों से लगातार रामगंज और परकोटे मे कर्फ्यू लगा हुआ है और सरकार की तरफ से 64 मिनट की ढील नहीं दी गई है. कोविड-19 की महामारी के दौरान चिकित्सा विभाग और प्रशासन के अथक प्रयासों से जयपुर के रामगंज क्षेत्र में मरीजों की संख्या अब कम हो गई है. पिछले दिनों रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है.
हाजी निजामुद्दीन ने बताया कि जयपुर के रामगंज क्षेत्र में 26 मार्च से निरंतर कर्फ्यू लगा हुआ है. महत्वपूर्ण बात ये है कि इस कर्फ्यू में आज तक कोई ढील नहीं दी गई है. जबकि परकोटे से बाहर के क्षेत्र में आवश्यकतानुसार सीमित एरिया में कर्फ्यू लगाया जाता रहा है, लेकिन रामगंज और चारदीवारी क्षेत्र में प्रशासन ने ऐसा नहीं किया. इसके अलावा मुख्य सड़कों से जुड़े मार्ग और गलियां भी सील की गई है. इसके कारण रास्तों गलियों को खोला जाना भी आवश्यक है. लगातार कर्फ्यू से रामगंज के निवासियों में परेशानी, पीड़ा और अनुचित दबाव बना हुआ है. जनता का मनोबल भी गिरता जा रहा है, वे डिप्रेशन में जा रहे हैं.
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महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस संबंध में प्रशासन और पुलिस को आदेश दिया जाए कि रामगंज सहित परकोटे में लगे कर्फ्यू को हटाया जाए या फिर ढील दी जाए. साथ ही मुख्य रास्तों से जुड़ी गलियों और रास्तों को भी खोला जाए. हाजी निजामुद्दीन ने कहा कि रामगंज काफी बड़ा इलाका है और हजारों लोग यहां रहते हैं. ऐसे में यहां पर लोगों के सामने कमा कर खाने का संकट आ चुका है. इसलिए सरकार को कर्फ्यू में ढील देनी चाहिए.