जयपुर. राज्यसभा के रण में भाजपा को 3 में से 1 सीट पर ही संतोष करना पड़ा. लेकिन अपना ही एक वोट खारिज होने का मलाल बीजेपी को हमेशा रहेगा. गलती भाजपा विधायक से हुई लेकिन अब भाजपा नेता इस गलती को विधायक की होशियारी और नासमझी से जोड़ रहे हैं. आलम यह है कि विधायकों को मतदान के प्रशिक्षण दिया गया, जिसके लिए बकायदा 3 दिन होटल क्राउन प्लाजा में कैंप लगाया गया था.
लेकिन नेता प्रतिपक्ष को विधायकों के प्रशिक्षण में बीजेपी की कोई कमी नजर नहीं आ रही. गुलाबचंद कटारिया के अनुसार कमी प्रशिक्षण में नहीं रही. उन्होंने कहा कई बार सारे लोग होशियार हो यह जरूरी नहीं, इसीलिए कुछ विधायक कमजोर भी हो सकते हैं. कटारिया के अनुसार ऐसे ही कमजोर विधायकों की समझ के कारण यह सब हो गया.
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हालांकि कटारिया का कहना है यह वोट खारिज हुआ है, क्रॉस वोटिंग नहीं हुई. मतलब गलती करने वाले विधायक की मंशा में खोट नहीं थी. कटारिया के अनुसार पार्टी ने राजेंद्र गहलोत के लिए वोट प्रथम वरीयता के तय किए थे, जो उन्हें मिले. वहीं, ओंकार सिंह लखावत के लिए 21 वोट दिए गए थे. लेकिन उन्हें 20 मिले और एक वोट गलती से खारिज हो गया. हालांकि यह वोट किसका है इसकी जानकारी भाजपा विधायकों को भी नहीं है या फिर जानकारी है तो वह इसे उजागर करने से बच रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि हमने विधायक संख्या बल कम होने के बावजूद दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा. जिसके बाद विधायकों में असंतोष को दबाने के लिए प्रदेश सरकार को 9 दिन तक कड़ी मशक्कत करना पड़ी. ऐसे में यदि डेढ़ साल के सरकार के वर्किंग को देखें, तो उसको दुरुस्त करने के लिए प्रदेश सरकार को जनता के बीच कितना समय देना होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. कटारिया ने कहा यही हमारी रणनीति थी, जिसमें हम पूरी तरह सफल हुए.