जयपुर. कोरोना से निपटने के लिए निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल करने के मामले पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आपत्ति जताई है. कटारिया का कहना है कि भले ही निलंबित पुलिसकर्मियों से पुलिस महानिदेशक सेवाएं लें, लेकिन इन्हें बिना जांच किए मुक्त करना सरासर गलत होगा.
वैश्विक महामारी कोरोना से उपजे हालात के बीच निलंबित पुलिसकर्मियों को बहाल कर ड्यूटी पर लगाने संबंधी सरकारी निर्णय पर पूर्व गृहमंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. कटारिया के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव रोकथाम के दौरान सरकार भले ही निलंबित पुलिस कर्मचारियों की सेवाएं लेने के लिए इनका उपयोग कर ले, लेकिन यदि इसके पीछे पूर्व में जो अपराध इन पुलिसकर्मियों ने किए हैं, उसे बिना जांच किए मुक्त करने की मंशा है तो फिर वो गलत होगा.
यह भी पढ़ें. तबलीगी जमात मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए: CM गहलोत
कटारिया ने पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया कि वे विपदा के समय में अधिक मैन पॉवर के उपयोग के लिए निलंबित पुलिसकर्मियों की सेवाएं तो लें, लेकिन उन्हें पूर्व में किए गए अपराधों से मुक्त ना करें. उनकी सेवाओं के साथ उसकी जांच भी जारी रखें.
बता दें कि मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में एसीबी और अपराधिक प्रकरणों से भिन्न अन्य प्रकरणों में 6 महीने से अधिक अवधि से निलंबित चल रहे पुलिसकर्मियों को बहाल किए जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल से लेकर पुलिस निरीक्षक की रेंज तक के पुलिसकर्मी शामिल किए जाएंगे. कटारिया ने इसी फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.