जयपुर. सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अब जयपुर, जोधपुर और कोटा में नवगठित नगर निगमों में इस महीने चुनाव होना तय है और मुख्य मुकाबला भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होगा. कांग्रेस सत्ता में है लेकिन प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि इन चुनावों के लिए BJP पहले से तैयार है लेकिन पुराना अध्यक्ष हटने के कारण दुर्गति कांग्रेस होनी है. नगर निगम चुनाव के महासंग्राम को लेकर ईटीवी भारत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से खास बात की और जाना कोरोना से चल रही जंग के बीच चुनावी जंग के लिए भाजपा की क्या रणनीति है...
बीजेपी चुनाव के लिए पहले से तैयार....
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बीजेपी नगर निगम चुनाव के लिए पहले से ही तैयार थी और आज भी है, लेकिन दुर्गति तो कांग्रेस की है, जो कि पुराने अध्यक्ष (सचिन पायलट) के हटने के बाद उनकी टीम के अन्य अध्यक्ष और लोग भी हटाए गए. अब तक नए प्रदेश अध्यक्ष (गोविंद डोटासरा) ने नई टीम जगह नहीं बनाई है. ऐसे में नुकसान कांग्रेस का ही है.
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कटारिया ने कहा कि हमारे बीजेपी संगठन का ढांचा है और पार्टी लगातार सक्रिय भी है. कांग्रेस में टिकटों को लेकर इस तरह मारामारी होती है. यह सबको पता है और हाल ही में जो सियासी झमेला कांग्रेस में हुआ, वह जगजाहिर है और जनता भी सब समझती है. इसलिए इसका फायदा भाजपा को ही मिलेगा.
कोरोना के चलते वोट ऑफ परसेंटेज कम रहने की संभावना...
नगर निगम चुनाव जयपुर, कोटा और जोधपुर में नवगठित निगम में कराए जाने हैं और तीनों ही शहर कोरोना संक्रमण की दृष्टि से खतरनाक स्थिति में है. कयास है कि चुनाव हुए तो वोट ऑफ परसेंटेज कम रहने की संभावना प्रबल रहेगी. खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी इसी बात को लेकर चिंतित है. वे मानते हैं कि कोरोना संक्रमण के भय से वोटिंग परसेंटेज ग्राम रह सकती है. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि इसका सियासी नुकसान बीजेपी को हो सकता है, क्योंकि भाजपा शहरों की पार्टी मानी जाती है.
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इस पर कटारिया ने कहा कि उन्होंने फिलहाल इसका विश्लेषण नहीं किया है, लेकिन लोकतंत्र में यदि वोट परसेंटेज कम होता है तो सही नहीं होता. क्योंकि अधिक वोटिंग होने से ही लोकतंत्र मजबूत होता है.
शहरी क्षेत्रों में कांग्रेस का बेस है कमजोर...
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ये भी कहा कि शहरी क्षेत्रों में बीजेपी का बेस कांग्रेस की तुलना में काफी मजबूत है. यही कारण है कि इन क्षेत्रों में हमेशा भाजपा को फतह मिलती रही है. कटारिया ने कहा भाजपा आने वाले नगर निगम चुनाव फिर जीतेगी और अपना बोर्ड बनाएगी.
राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ता निराश...
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि राजस्थान सरकार में अब तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई. जिसके चलते कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अपने राज्य का एहसास नहीं हो रहा और यही असंतोष इन चुनावों में कांग्रेस पर भारी पड़ेगा. इसका फायदा भाजपा को भी होगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम में भाजपा का कब्जा रहा था और आगे भी रहेगा, क्योंकि प्रदेश के गहलोत सरकार अब तक के कार्यकाल में पूर्ण रूप से विफल रही है.
प्रदेश सरकार की मंशा में थी खोट...
गुलाबचंद कटारिया के अनुसार नगर निगम चुनाव को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार की मंशा में शुरू से ही खोट थी. यह चुनाव नवंबर 2019 में होने थे. उसके लिए लॉटरी भी निकाली गई, प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन अंतिम समय में प्रदेश सरकार ने नगर निगम को डिवाइड करके निगम की संख्या बढ़ाने का बहाना लेकर एक बार फिर चुनाव आगे बढ़ा दिया.
कटारिया ने कहा कि एक तरीके से प्रदेश सरकार ने चुने हुए जनप्रतिनिधियों के हाथ से सत्ता छीन कर प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में दे दिया. जिससे उनके जरिए खुद को मजबूत कर सके, लेकिन दुर्भाग्य बोले यह सौभाग्य कोरोना का संक्रमण फैल गया और फिर चुनाव आगे बढ़ गए. अब कोर्ट ने इस बार प्रदेश सरकार की मंशा को ध्यान में रखते हुए ही चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं.