जयपुर. सचिन पायलट खेमे के विधायक हेमाराम चौधरी और बृजेन्द्र ओला ने कल विधानसभा में अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लिया. दोनों विधायकों ने सरकार पर बजट में उनके क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाया. इस मुद्दे पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का बयान आया है. डोटासरा ने कहा कि सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. लेकिन कांग्रेस में कोई आपसी नाराजगी नहीं है.
पढ़ें: संजीव प्रकाशन की ऑफिस में हुए तोड़फोड़ के मामले में 5 लोग गिरफ्तार
डोटासरा ने कहा कि विधानसभा में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. कोई विधायक यदि अपने इलाके की समस्या पर बात करता है तो यह उनका अधिकार है. बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर विधायक के क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए पांच-पांच करोड़ रुपए देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई आपसी नाराजगी नहीं है. लेकिन भाजपा टुकड़े-टुकड़े हो गई है. एक टुकड़ा यहां गिरा और दूसरा वहां. ये लोग झेंप मिटाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा ने ढाई साल में दो-तीन मुद्दे पकड़े लेकिन दो घंटे में ही डिफ्यूज हो जाते हैं. अब दो दिन से नौटंकी कर रहे हैं. डोटासरा ने भाजपा को फोन टैपिंग मामले में सीबीआई जांच की मांग करने को कहा. उन्होंने गजेंद्र सिंह शेखावत को वॉइस सैंपल देने को कहा. विधानसभा में फोन टैपिंग का मामला कालीचरण सराफ ने उठाया, लेकिन उन्हें बोलने का मौका ही नहीं दिया गया. इससे वे नाराज होकर चले गए. डोटासरा ने कहा कि भाजपा के एक गुट की दुर्गति हो रही है और दूसरा गुट मुद्दों को हाइजेक कर रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा खेल ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक्सपोज करने के लिए रचा गया. वे चाह रहे थे कि गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम आए और वे राज्य की जनता के सामने एक्सपोज हो जाएं.