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संयुक्त राष्ट्र को व्यवहारिक रूप में विश्व संघ बनाने की जरूरत: राज्यपाल - Governor Online from Raj Bhavan

संयुक्त राष्ट्र दिवस के मौके पर सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से ‘भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को राज्यपाल कलराज मिश्र ने ऑनलाइन संबोधित किया.

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राज्यपाल ने किया ऑनलाइन संबोधन
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Published : Oct 24, 2021, 8:44 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 10:48 PM IST

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने संयुक्त राष्ट्र को व्यावहारिक रूप में एक विश्व संघ बनाने की जरूरत बताई है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए शांति और सद्भावना के साथ-साथ राष्ट्रों के समान रूप से विकास को गति प्रदान करने में संयुक्त राष्ट्र को सहयोगी बनना होगा.

राज्यपाल कलराज मिश्र संयुक्त राष्ट्र दिवस के मौके पर सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से ‘भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में रविवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज वंचित वर्ग और कम विकसित देशों को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि संयुक्त राष्ट्र उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील है.

राज्यपाल ने किया ऑनलाइन संबोधन

पढ़ें. भाजपा प्रभारी अरुण सिंह रहेंगे 3 दिवसीय राजस्थान दौरे पर, धरियावद-वल्लभनगर में करेंगे चुनावी सभा को संबोधित

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी, आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के बदलते प्रतिमानों के चलते आज संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था और प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा परिषद जैसे संस्थानों में आवश्यक सुधार एवं विस्तार समय की मांग है.

राज्यपाल ने कहा कि विश्व भर के देशों में शान्ति, समृद्धि और सद्भावना स्थापित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी. सभी देशों को परस्पर समझदारी, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने हमेशा इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन किया है.

पढ़ें. खाचरियावास ने पूनिया और कटारिया को दी सीधी चुनौती, कही ये बड़ी बात...खुद सुनिये

मिश्र ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है और हमारा संविधान मानव अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज है. उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के संयुक्त राष्ट्र अध्ययन उत्कृष्टता केन्द्र को विषय विशेषज्ञों की ओर से दिए गए सुझावों का दस्तावेजीकरण कर इन्हें उचित मंच पर रखा जाना चाहिए.

कार्यक्रम में यूएन हैबीटेट, नैरोबी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.मार्कण्डेय राय, दक्षिण अफ्रीका में भारत के पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्ता, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा और यूनेस्को चेयर फॉर पीस एण्ड इंटरकल्चरल अंडरस्टैंडिंग बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रियंकर उपाध्याय ने अपने सम्बोधनों में संयुक्त राष्ट्र से आशाओं, अपेक्षाओं, आवश्यक सुधारों और भारत की भूमिका के सम्बन्ध में अपने विचार रखे.

राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर डॉ. विनय कौड़ा की ओर से सम्पादित पुस्तक ‘इण्डिया एण्ड यूएन इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेन्चुरी’ पुस्तक का लोकार्पण भी किया. राज्यपाल ने कार्यक्रम के आरम्भ में उपस्थित जनों को संविधान की उद्देश्यिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने संयुक्त राष्ट्र को व्यावहारिक रूप में एक विश्व संघ बनाने की जरूरत बताई है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए शांति और सद्भावना के साथ-साथ राष्ट्रों के समान रूप से विकास को गति प्रदान करने में संयुक्त राष्ट्र को सहयोगी बनना होगा.

राज्यपाल कलराज मिश्र संयुक्त राष्ट्र दिवस के मौके पर सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर की ओर से ‘भारत एवं संयुक्त राष्ट्र’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में रविवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज वंचित वर्ग और कम विकसित देशों को यह विश्वास दिलाने की जरूरत है कि संयुक्त राष्ट्र उनकी समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील है.

राज्यपाल ने किया ऑनलाइन संबोधन

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राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी, आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के बदलते प्रतिमानों के चलते आज संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था और प्रक्रिया में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा परिषद जैसे संस्थानों में आवश्यक सुधार एवं विस्तार समय की मांग है.

राज्यपाल ने कहा कि विश्व भर के देशों में शान्ति, समृद्धि और सद्भावना स्थापित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी. सभी देशों को परस्पर समझदारी, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने हमेशा इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों का पुरजोर समर्थन किया है.

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मिश्र ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राष्ट्र है और हमारा संविधान मानव अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज है. उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के संयुक्त राष्ट्र अध्ययन उत्कृष्टता केन्द्र को विषय विशेषज्ञों की ओर से दिए गए सुझावों का दस्तावेजीकरण कर इन्हें उचित मंच पर रखा जाना चाहिए.

कार्यक्रम में यूएन हैबीटेट, नैरोबी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ.मार्कण्डेय राय, दक्षिण अफ्रीका में भारत के पूर्व राजदूत वीरेन्द्र गुप्ता, महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा और यूनेस्को चेयर फॉर पीस एण्ड इंटरकल्चरल अंडरस्टैंडिंग बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रियंकर उपाध्याय ने अपने सम्बोधनों में संयुक्त राष्ट्र से आशाओं, अपेक्षाओं, आवश्यक सुधारों और भारत की भूमिका के सम्बन्ध में अपने विचार रखे.

राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर डॉ. विनय कौड़ा की ओर से सम्पादित पुस्तक ‘इण्डिया एण्ड यूएन इन द ट्वेंटी फर्स्ट सेन्चुरी’ पुस्तक का लोकार्पण भी किया. राज्यपाल ने कार्यक्रम के आरम्भ में उपस्थित जनों को संविधान की उद्देश्यिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया.

Last Updated : Oct 24, 2021, 10:48 PM IST
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