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गवर्नमेंट का मतलब 'कैबिनेट' होता है, इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिएः हरीश चौधरी

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने अनुदान मांगों पर बहस के दौरान जवाब देते हुए कहा, कि गवर्नमेंट का मतलब होता है- कैबिनेट. इसमें किसी को संशय नहीं होना चाहिए. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि प्रदेश में 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस मनाया जाएगा. इसमें बेहतरीन काम करने वाले अधिकारियों को रिवॉर्ड मिलेगा. इस दौरान उन्होंने जनप्रतिनिधियों का एक-दूसरे पर दोषारोपण कर अपनी विश्वसनीयता समाप्त करने का भी आरोप लगाया.

राजस्थान विधानसभा, Rajasthan Legislative Assembly
मंत्री हरीश चौधरी का जवाब
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Published : Feb 28, 2020, 11:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने राजस्व और प्रशासन की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कहा, कि प्रदेश में अच्छी गवर्नेंस हो यह बात सरकार में और कैबिनेट में रखी जाती है. हर विभाग का एग्जीक्यूटिव हेड मंत्री है, प्रशासन कैसे अच्छा हो यह हमारी जिम्मेदारी है. प्रशासनिक अधिकारी कुछ नहीं करें तो हम मंत्री होकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते.

गवर्नमेंट का मतलब होता है-कैबिनेट

इस दौरान मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 338 में से 192 तहसीलें ऑनलाइन हो गई है. E-SIGN प्रति 10 रुपए शुल्क से ली जा रही है. ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था भी शुरू हो चुकी है. विभाग में पेंडेंसी में कमी आ रही है. मंत्री हरीश चौधरी ने कहा, कि राष्ट्रवाद की बातों में किसान नहीं पिछड़ना चाहिए. उन्होंने कहा, कि कई कलेक्टर बहुत अच्छे हैं. वे लोगों और किसानों की पीड़ा समझते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि कई कलेक्टर ऐसे भी हैं जिन्हें कोई कुछ भी कह दे तो भी काम नहीं करते हैं.

प्रदेश में 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा राजस्व दिवस

मंत्री हरीश चौधरी ने सदन में शुक्रवार को प्रदेश में काश्तकारी अधिनियम हेतु समिति का गठन करने की घोषणा की. उन्होंने कहा, कि इस उच्च स्तरीय कमेटी का गठन 7 दिन में हो जाएगा. चौधरी ने कहा, कि 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस प्रदेश में बनाया जाएगा. इस दिन राजस्व विभाग अपने कर्मचारी और अधिकारियों को अच्छे काम करने के लिए रिवॉर्ड दिया जाएगा. उन्होंने कहा, कि 15 अक्टूबर को ही राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ, ऐसे में 15 अक्टूबर को यह दिन तय किया गया है.

मंत्री हरीश चौधरी का जवाब

पढ़ें- मेज नदी पर 'मौत' के कई पुल, लाखेरी जैसे हादसे को दे रहे 'दावत'

चौधरी ने विधायक संयम लोढ़ा की बात का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने जो सवाल खड़ा किया कि गवर्नमेंट कौन है, कैबिनेट और मुख्यमंत्री हम लोगों के नेता है तो गवर्नमेंट कैबिनेट है. उन्होंने कहा कि इसमें उनको किसी तरीके का संशय नहीं होना चाहिए कि गवर्नमेंट कैबिनेट होती है.

विधायकों को दी नसीहत

साथ ही मंत्री हरीश चौधरी ने जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों के नहीं सुनने की बात पर कहा, कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ कोई दुर्व्यवहार करें, यह हम में से किसी को भी स्वीकार्य नहीं है. एमएलए एमपी ही नहीं निचले लेवल के जनप्रतिनिधि भी इस दायरे में आते हैं. साथ ही उन्होंने विधायकों को भी नसीहत देते हुए कहा कि हम भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करें. इसका भी हमें ध्यान रखना चाहिए.

पढ़ें- अनुदान मांगों पर बहस के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों पर भड़के राठौड़, कुछ यूं किया कटाक्ष

'हम जनता की ताकत से आए हैं'

राजस्व मंत्री चौधरी ने कहा, कि हम स्वयं की ताकत से नहीं जनता की ताकत से आए हैं. अगर हम किसी की बात से सहमत नहीं है तो व्यवस्था और नियमों में प्रावधान है. चौधरी ने कहा, कि सदन ने बहुत ताकत दी हुई है और उसी ताकत व नियमों से अपनी बात रखें. किसी के साथ दुर्व्यवहार करके हम सही और वह गलत नहीं होगा. उन्होंने कहा, कि अगर कोई गलत आचरण करें तो हम भी गलत आचरण करें, यह सही परंपरा नहीं है.

पक्ष-विपक्ष पर दोषारोपण कर जनप्रतिनिधि की विश्वसनीयता कम कर चुके हैंः हरीश चौधरी

हरीश चौधरी ने कहा, कि हम अपने व्यवहार और आचरण में शालीनता रखें. हम लोग सिर्फ पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए यह चीजें कर रहे हैं. इसलिए आज इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की क्रेडिबिलिटी कम होती जा रही है. इसका दोष किसी और को देने की जरूरत नहीं है, सबसे पहले खुद को देना चाहिए. उन्होंने कहा, कि पक्ष-विपक्ष पर दोषारोपण करके ही आज हम जनप्रतिनिधि की विश्वसनीयता कम कर चुके हैं.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने राजस्व और प्रशासन की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कहा, कि प्रदेश में अच्छी गवर्नेंस हो यह बात सरकार में और कैबिनेट में रखी जाती है. हर विभाग का एग्जीक्यूटिव हेड मंत्री है, प्रशासन कैसे अच्छा हो यह हमारी जिम्मेदारी है. प्रशासनिक अधिकारी कुछ नहीं करें तो हम मंत्री होकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते.

गवर्नमेंट का मतलब होता है-कैबिनेट

इस दौरान मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 338 में से 192 तहसीलें ऑनलाइन हो गई है. E-SIGN प्रति 10 रुपए शुल्क से ली जा रही है. ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था भी शुरू हो चुकी है. विभाग में पेंडेंसी में कमी आ रही है. मंत्री हरीश चौधरी ने कहा, कि राष्ट्रवाद की बातों में किसान नहीं पिछड़ना चाहिए. उन्होंने कहा, कि कई कलेक्टर बहुत अच्छे हैं. वे लोगों और किसानों की पीड़ा समझते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि कई कलेक्टर ऐसे भी हैं जिन्हें कोई कुछ भी कह दे तो भी काम नहीं करते हैं.

प्रदेश में 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा राजस्व दिवस

मंत्री हरीश चौधरी ने सदन में शुक्रवार को प्रदेश में काश्तकारी अधिनियम हेतु समिति का गठन करने की घोषणा की. उन्होंने कहा, कि इस उच्च स्तरीय कमेटी का गठन 7 दिन में हो जाएगा. चौधरी ने कहा, कि 15 अक्टूबर को राजस्व दिवस प्रदेश में बनाया जाएगा. इस दिन राजस्व विभाग अपने कर्मचारी और अधिकारियों को अच्छे काम करने के लिए रिवॉर्ड दिया जाएगा. उन्होंने कहा, कि 15 अक्टूबर को ही राजस्थान काश्तकारी अधिनियम लागू हुआ, ऐसे में 15 अक्टूबर को यह दिन तय किया गया है.

मंत्री हरीश चौधरी का जवाब

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चौधरी ने विधायक संयम लोढ़ा की बात का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने जो सवाल खड़ा किया कि गवर्नमेंट कौन है, कैबिनेट और मुख्यमंत्री हम लोगों के नेता है तो गवर्नमेंट कैबिनेट है. उन्होंने कहा कि इसमें उनको किसी तरीके का संशय नहीं होना चाहिए कि गवर्नमेंट कैबिनेट होती है.

विधायकों को दी नसीहत

साथ ही मंत्री हरीश चौधरी ने जनप्रतिनिधियों की अधिकारियों के नहीं सुनने की बात पर कहा, कि किसी भी जनप्रतिनिधि के साथ कोई दुर्व्यवहार करें, यह हम में से किसी को भी स्वीकार्य नहीं है. एमएलए एमपी ही नहीं निचले लेवल के जनप्रतिनिधि भी इस दायरे में आते हैं. साथ ही उन्होंने विधायकों को भी नसीहत देते हुए कहा कि हम भी किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं करें. इसका भी हमें ध्यान रखना चाहिए.

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'हम जनता की ताकत से आए हैं'

राजस्व मंत्री चौधरी ने कहा, कि हम स्वयं की ताकत से नहीं जनता की ताकत से आए हैं. अगर हम किसी की बात से सहमत नहीं है तो व्यवस्था और नियमों में प्रावधान है. चौधरी ने कहा, कि सदन ने बहुत ताकत दी हुई है और उसी ताकत व नियमों से अपनी बात रखें. किसी के साथ दुर्व्यवहार करके हम सही और वह गलत नहीं होगा. उन्होंने कहा, कि अगर कोई गलत आचरण करें तो हम भी गलत आचरण करें, यह सही परंपरा नहीं है.

पक्ष-विपक्ष पर दोषारोपण कर जनप्रतिनिधि की विश्वसनीयता कम कर चुके हैंः हरीश चौधरी

हरीश चौधरी ने कहा, कि हम अपने व्यवहार और आचरण में शालीनता रखें. हम लोग सिर्फ पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए यह चीजें कर रहे हैं. इसलिए आज इस व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की क्रेडिबिलिटी कम होती जा रही है. इसका दोष किसी और को देने की जरूरत नहीं है, सबसे पहले खुद को देना चाहिए. उन्होंने कहा, कि पक्ष-विपक्ष पर दोषारोपण करके ही आज हम जनप्रतिनिधि की विश्वसनीयता कम कर चुके हैं.

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