जयपुर. राजधानी में सर्वधर्म मुक्तिधाम का लोकार्पण किया गया है. जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी, खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और महापौर मुनेश गुर्जर ने चांदपोल मोक्ष धाम में माहेश्वरी समाज की ओर से बनाए गए गोकाष्ठ मोक्ष धाम का लोकार्पण (Gokashth crematorium in Chandpole moksha dham) किया. यह ऐसा मोक्षधाम होगा, जहां गोकाष्ठ से ही अंतिम संस्कार होगा, लकड़ी का उपयोग नहीं किया जाएगा.
गाय के गोबर से बने गोकाष्ठ से अंतिम संस्कार करने के कई फायदे भी हैं. अंतिम संस्कार में गोकाष्ठ का उपयोग होने से पेड़ों की कटाई रुकेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा. गाय के गोबर को शुद्ध माना जाता है. इसके साथ ही इसमें भगवान का वास भी बताते हैं. गाय के गोबर से तैयार होने वाली गोकाष्ठ से अंतिम संस्कार होगा तो वायु प्रदूषण भी कम होगा. गोशालाओं में गाय के गोबर का भी सही इस्तेमाल किया जा सकेगा. जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि माहेश्वरी समाज ने नए आयाम स्थापित किए हैं. गोकाष्ठ मोक्षधाम माहेश्वरी समाज की देन है. इसके साथ ही मोक्ष धाम में काफी सुविधाएं विकसित की गई हैं. मोक्ष धाम में आने वाले लोग अच्छा महसूस करेंगे. पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा गया है. मुक्तिधाम में बैठने के लिए छाया की व्यवस्था की गई है.
जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर ने बताया कि बहुत सुंदर और साफ-सुथरा सुविधाजनक मोक्षधाम बनाया गया है. माहेश्वरी समाज की ओर से कोरोना काल में भी काफी सराहनीय कार्य किए गए थे. अभी यह मोक्षधाम भी एक अच्छी मिसाल बन गया है. सभी लोगों को आगे आकर समाज के लिए इसी तरह के अच्छे कार्य करने चाहिए. उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद नगर निगम की स्थिति बहुत कमजोर हो गई है. माहेश्वरी समाज ने नगर निगम के काम में सहायता करते हुए मोक्ष धाम को बहुत ही अच्छा बनाया है. इस तरह जो भी समाज आगे आएगा नगर निगम उसके साथ है.
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माहेश्वरी समाज के अध्यक्ष प्रदीप बाहेती ने बताया कि चांदपोल मोक्ष धाम में नहाने-धोने और हाथ धोने तक की भी व्यवस्था ही नहीं थी. माहेश्वरी समाज ने पहल करते हुए यहां मोक्ष धाम को सुविधा युक्त बनाया. समाज के दानदाताओं के सहयोग से बहुत कम समय में यह कार्य किया गया है. महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय भी बनाए गए हैं. एक टेलीफोन करने पर ही ब्राह्मण, नाईं समेत तमाम सुविधाएं मिल पाएंगी. गोकाष्ठ से अंतिम संस्कार होगा तो इसके कई फायदे भी (No use of wood in Gokashth crematorium Chandpole) होंगे. लकड़ी नहीं काटनी पड़ेगी. पेड़-पौधे बचे रहेंगे और हरियाली खत्म नहीं होगी. गोकाष्ठ से निकलने वाली धुंआ का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वातावरण भी शुद्ध रहेगा. उन्होंने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि हर समाज प्रत्येक धर्म के लिए मोक्ष धाम को अच्छा और साफ सुथरा बनाए. ताकि इंसान की अंतिम यात्रा भी अच्छे से हो सके. जयपुर में गोकाष्ठ का पहला मोक्ष धाम होगा जहां लकड़ी का उपयोग नहीं होगा.
कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने बताया कि 350 साल पुराने मोक्ष धाम में माहेश्वरी समाज ने कुछ एरिया को डवलप करके सर्व समाज को बड़ी सौगात दी है. यह लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सामाजिक संदेश है. समाज की ओर से बहुत अच्छा और सुविधाजनक मोक्ष धाम बनाया गया है. उन्होंने समाज से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग मोक्षधाम इसी तरह डवलप करें. आमजन आगे बढ़कर इस तरह के कार्य करेंगे तो समाज में जागरूकता आएगी.