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राजस्थान सरकार ने बजरी खनन के लिए तीन पट्टे किये जारी - Three gravel mining leases continue in Rajasthan

राज्य सरकार ने आम नागरिकों को बजरी को लेकर बड़ी राहत दी है. सरकार ने जालौर जिले में दो एवं भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन के कुल तीन खनन पट्टे जारी किए हैं. इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजरी की मांग की 10 फीसदी आपूर्ति की जा सकेगी.

government issued three leases for gravel mining
बजरी खनन के लिए तीन पट्टे किये जारी
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Published : May 26, 2021, 10:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार ने जालौर जिले में दो और भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन का पट्टा जारी किया है. इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजारी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी होगी. सायला में 0.77 मिलियन टन, जालौर में 3.20 मिलियन टन और कोटडी भीलवाड़ा में 3.39 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता है. राज्य सरकार को 43 करोड़ रु. का सालाना राजस्व प्राप्त होगा.

जाहिर है कि प्रदेश में लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है. मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पॉलीसी भी जारी की गई है. अब बजरी खनन के इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजारी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी हो सकेगी.

माइंस एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बयान जारी कर बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों में से दो पट्टे जालौर के सायला एवं जालौर और तीसरा भीलवाड़ा के कोटडी में जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों पट्टाधारकों द्वारा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से नवीन पर्यावरण सहमति प्राप्त कर विभाग को प्रस्तुत करने के बाद यह खनन पट्टे जारी किए गए हैं.

पढ़ें- RTPCR जांच के नाम पर वसूली करते हुए लैब टेक्नीशियन और दलाल गिरफ्तार

मंत्री भाया ने बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों के पट्टाधारियों ने केन्द्र को प्रस्तुत वैज्ञानिक रिप्लेनिशमेंट स्टडी के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त कर सरकार को प्रस्तुत करने पर बजरी के खनन पट्टे जारी किए गए हैं. माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी तीन बजरी खनन पट्टों में से जालौर के सायला में रणवीर सिंह राठौड़ 3797.58 हैक्टेयर क्षेत्रफल का, जालौर में सत्यनारायण सिंह जादौन को 5269 हैक्टेयर क्षेञफल और भीलवाड़़ा के कोटडी में महेन्द्र सिंह राजावत को 1191.37 हैक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टे जारी किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि यह तीनों पट्टे तत्समय जारी अवधि में से शेष रही अवधि करीब 13 माह के लिए जारी किए गए हैं. डॉ अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 9 के चार के अनुसार डाइज-नान पीरियड अवधि के लिए यह पट्टे जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेंगी और राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे.

उन्होंने बताया कि लीज जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पट्टाधारियों की ओर से पूरक संविदा का निष्पादन किया जाएगा और केन्द्र सरकार की ओर से जारी ईसी की शर्तों की पालना सुनिश्चित की जाएगी.

जयपुर. राजस्थान सरकार ने जालौर जिले में दो और भीलवाड़ा जिले में एक बजरी खनन का पट्टा जारी किया है. इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजारी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी होगी. सायला में 0.77 मिलियन टन, जालौर में 3.20 मिलियन टन और कोटडी भीलवाड़ा में 3.39 मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता है. राज्य सरकार को 43 करोड़ रु. का सालाना राजस्व प्राप्त होगा.

जाहिर है कि प्रदेश में लंबे समय से चली आ रही बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान की राह प्रशस्त हो गई है. मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से इसी कड़ी में पिछले दिनों राज्य में बजरी की वैकल्पिक व्यवस्था के रुप में एमसेंड पॉलीसी भी जारी की गई है. अब बजरी खनन के इन तीन पट्टों से ही प्रदेश की कुल बजारी मांग की करीब 10 प्रतिशत मांग पूरी हो सकेगी.

माइंस एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बयान जारी कर बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों में से दो पट्टे जालौर के सायला एवं जालौर और तीसरा भीलवाड़ा के कोटडी में जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि तीनों पट्टाधारकों द्वारा वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से नवीन पर्यावरण सहमति प्राप्त कर विभाग को प्रस्तुत करने के बाद यह खनन पट्टे जारी किए गए हैं.

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मंत्री भाया ने बताया कि बजरी खनन के तीन पट्टों के पट्टाधारियों ने केन्द्र को प्रस्तुत वैज्ञानिक रिप्लेनिशमेंट स्टडी के आधार पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरण क्लीयरेंस प्राप्त कर सरकार को प्रस्तुत करने पर बजरी के खनन पट्टे जारी किए गए हैं. माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी तीन बजरी खनन पट्टों में से जालौर के सायला में रणवीर सिंह राठौड़ 3797.58 हैक्टेयर क्षेत्रफल का, जालौर में सत्यनारायण सिंह जादौन को 5269 हैक्टेयर क्षेञफल और भीलवाड़़ा के कोटडी में महेन्द्र सिंह राजावत को 1191.37 हैक्टेयर क्षेत्रफल के पट्टे जारी किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि यह तीनों पट्टे तत्समय जारी अवधि में से शेष रही अवधि करीब 13 माह के लिए जारी किए गए हैं. डॉ अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 9 के चार के अनुसार डाइज-नान पीरियड अवधि के लिए यह पट्टे जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि खनन पट्टे में पूर्व में स्वीकृत आदेश दिनांक 22 मई 2017 की शर्तें यथावत रहेंगी और राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में समय समय पर होने वाले संशोधन मान्य होंगे.

उन्होंने बताया कि लीज जारी करते समय यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पट्टाधारियों की ओर से पूरक संविदा का निष्पादन किया जाएगा और केन्द्र सरकार की ओर से जारी ईसी की शर्तों की पालना सुनिश्चित की जाएगी.

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