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Rajasthan Politics: गहलोत और पायलट गुट के नेताओं की बयानबाजी बिगाड़ न दे समीकरण, राज्यसभा चुनाव में विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती

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Published : May 2, 2022, 3:56 PM IST

राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, लेकिन गहलोत और पायलट गुट के नेता (gehlot and pilot group leaders cold war could create problem) नाम लिए जुबानी हमला बोल रहे हैं. ऐसे में चुनाव के दौरान विधायकों को एकजुट रखना कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती होगी.

dhariwal and ved solanki counter attack
पायलट और गहलोट गुट के नेताओं के पलटवार

जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट गुट के नेताओं की बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. धारीवाल ने नाम लिए बगैर पायलट पर जुबानी हमला बोला तो वहीं पायलट गुट के वेद सोलंकी ने किरोड़ी लाल मीणा पर की गई सीएम की टिप्पणी के खिलाफ मीणा का समर्थन कर गहलोत के खिलाफ (gehlot and pilot group leaders cold war could create problem) मोर्चा खोल दिया. खास बात ये है कि प्रदेश में राज्य सभा की चार सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस की बीच एकजुटता का ये अभाव चुनाव पर भी प्रभाव डालेगा.

राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटें खाली होने जा रही हैं. 4 जुलाई से पहले यह चुनाव करवा लिए जाएंगे लेकिन बहुमत के आधार पर इन 4 में से 3 सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी कैसे अपने विधायकों को एकजुट रख सकेगी ये बड़ा सवाल है. एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक-दूसरे पर भले ही सीधे बयानबाजी नहीं कर रहे हो लेकिन जिस तरह से दोनों गुटों से जुड़े विधायक अब गहलोत और पायलट को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि राज्यसभा चुनावों में दोनों गुटों के नेताओ को साथ रखना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है.

धारीवाल का हमला

पढ़ें. सीएम के बयान के बाद किरोड़ी के समर्थन में उतरे वेदप्रकाश सोलंकी...मीणा ने जारी किया विधायक का बयान

ऐसे में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का भी बड़ा बयान सामने आया है. मंत्री शांति धारीवाल ने नमा लिए बगैर पायलट पर जुबानी हमला करते हुए कहा है कि राजनीति में जिंदा रहने के लिए नेतृत्व परिवर्तन की खबर छपवाई जा रही है तो वहीं वेद सोलंकी ने गहलोत की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा है कि किरोड़ी मीना को चाहे कोई धमाल करने वाला कहे लेकिन असल में वह जनता के मुद्दों को उठाने वाले नेता हैं. एक ओर जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगातार कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बातें रख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब उनके समर्थक विधायकों ने दोनों प्रमुख नेताओं पर जुबानी हमला करना शुरू कर दिया है. हालांकि सीधे तौर पर तो कोई भी गहलोत और पायलट का नाम नहीं ले रहा लेकिन उनकी ओर से किए गए पलटवार सीधे इन्हीं दोनों नेताओं पर होती है.

वेद सोलंकी का काउंटर अटैक

पढ़ें. RSS-BJP का एजेंडा देश को हिन्दू-मुस्लिम और धर्मों के बीच बांटना, अभी और अटैक करेंगे ये लोग : CM गहलोत

जहां दिल्ली जाकर गहलोत गुट के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर यह कह दिया कि नेतृत्व परिवर्तन की खबरें कुछ लोग राजनीति में जिंदा रहने के लिए छपवाते रहते हैं, जबकि आलाकमान, कांग्रेस विधायक और जनता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है और अगला चुनाव भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. वहीं पायलट गुट के विधायक वेद सोलंकी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर उन पर जुबानी हमला बोला है. चाकसू से विधायक और पायलट के कट्टर समर्थक माने जाने वाले वेद सोलंकी ने किरोड़ी लाल मीणा को दुखी और परेशान जनता की आवाज उठाने वाला नेता बताते हुए यहां तक कह दिया कि चाहे आपको कोई धमाल मचाने वाला कहे या कोई कुछ और कहे लेकिन जब भी राजस्थान में कोई परेशान होता है तो उनकी आवाज उठाने में किरोड़ी मीणा आगे रहते हैं.

राजस्थान की जनता जानती है कि संघर्ष करने के लिए उनके लिए सबसे पहले कौन खड़ा रहता है. लोग जानते हैं कि अन्याय के खिलाफ किरोड़ीलाल मीणा सबसे पहले खड़े रहते हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किरोड़ी मीना पर हमले करते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा लगातार राजस्थान में धमाल पट्टी कर रहे हैं. ऐसे में वेद सोलंकी का सीधे तौर पर अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर किया जुबानी हमला उन्हीं पर किया है और यह शांति धारीवाल के बयान का जवाब माना जा रहा है.

जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट गुट के नेताओं की बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. धारीवाल ने नाम लिए बगैर पायलट पर जुबानी हमला बोला तो वहीं पायलट गुट के वेद सोलंकी ने किरोड़ी लाल मीणा पर की गई सीएम की टिप्पणी के खिलाफ मीणा का समर्थन कर गहलोत के खिलाफ (gehlot and pilot group leaders cold war could create problem) मोर्चा खोल दिया. खास बात ये है कि प्रदेश में राज्य सभा की चार सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस की बीच एकजुटता का ये अभाव चुनाव पर भी प्रभाव डालेगा.

राजस्थान में राज्यसभा की चार सीटें खाली होने जा रही हैं. 4 जुलाई से पहले यह चुनाव करवा लिए जाएंगे लेकिन बहुमत के आधार पर इन 4 में से 3 सीटें जीतने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी कैसे अपने विधायकों को एकजुट रख सकेगी ये बड़ा सवाल है. एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक-दूसरे पर भले ही सीधे बयानबाजी नहीं कर रहे हो लेकिन जिस तरह से दोनों गुटों से जुड़े विधायक अब गहलोत और पायलट को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे साफ है कि राज्यसभा चुनावों में दोनों गुटों के नेताओ को साथ रखना बड़ी चुनौती साबित होने वाली है.

धारीवाल का हमला

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ऐसे में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का भी बड़ा बयान सामने आया है. मंत्री शांति धारीवाल ने नमा लिए बगैर पायलट पर जुबानी हमला करते हुए कहा है कि राजनीति में जिंदा रहने के लिए नेतृत्व परिवर्तन की खबर छपवाई जा रही है तो वहीं वेद सोलंकी ने गहलोत की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा है कि किरोड़ी मीना को चाहे कोई धमाल करने वाला कहे लेकिन असल में वह जनता के मुद्दों को उठाने वाले नेता हैं. एक ओर जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगातार कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बातें रख रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब उनके समर्थक विधायकों ने दोनों प्रमुख नेताओं पर जुबानी हमला करना शुरू कर दिया है. हालांकि सीधे तौर पर तो कोई भी गहलोत और पायलट का नाम नहीं ले रहा लेकिन उनकी ओर से किए गए पलटवार सीधे इन्हीं दोनों नेताओं पर होती है.

वेद सोलंकी का काउंटर अटैक

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जहां दिल्ली जाकर गहलोत गुट के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर यह कह दिया कि नेतृत्व परिवर्तन की खबरें कुछ लोग राजनीति में जिंदा रहने के लिए छपवाते रहते हैं, जबकि आलाकमान, कांग्रेस विधायक और जनता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ है और अगला चुनाव भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. वहीं पायलट गुट के विधायक वेद सोलंकी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर उन पर जुबानी हमला बोला है. चाकसू से विधायक और पायलट के कट्टर समर्थक माने जाने वाले वेद सोलंकी ने किरोड़ी लाल मीणा को दुखी और परेशान जनता की आवाज उठाने वाला नेता बताते हुए यहां तक कह दिया कि चाहे आपको कोई धमाल मचाने वाला कहे या कोई कुछ और कहे लेकिन जब भी राजस्थान में कोई परेशान होता है तो उनकी आवाज उठाने में किरोड़ी मीणा आगे रहते हैं.

राजस्थान की जनता जानती है कि संघर्ष करने के लिए उनके लिए सबसे पहले कौन खड़ा रहता है. लोग जानते हैं कि अन्याय के खिलाफ किरोड़ीलाल मीणा सबसे पहले खड़े रहते हैं, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किरोड़ी मीना पर हमले करते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा लगातार राजस्थान में धमाल पट्टी कर रहे हैं. ऐसे में वेद सोलंकी का सीधे तौर पर अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर किया जुबानी हमला उन्हीं पर किया है और यह शांति धारीवाल के बयान का जवाब माना जा रहा है.

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