अजमेर. कोरोना महामारी की वजह से विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह और पुष्कर के जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर 172 दिनों से बंद था. 172 दिन तक दोनों बड़े धार्मिक स्थलों पर पारंपरिक रस्में निभाई जा रही थी. लेकिन कोरोना गाइड लाइन के अनुसार श्रद्धालुओं को प्रवेश की इजाजत नहीं थी. राज्य सरकार के निर्देश पर अब दोनों बड़े धार्मिक स्थल आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं.
पुलिस बल तैनात
अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह अलसुबह आम जायरीनों के लिए खोल दी गई है. दरगाह के मुख्य द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइज के बाद जायरीन को दरगाह परिसर में प्रवेश दिया गया. दरगाह के बाहर दरगाह कमेटी और पुलिस कोविड-19 के नियमों की पालना करवाती नजर आई. वहीं दरगाह के भीतर आस्ताने शरीफ में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जायरीनों ने हाजरी दी. दरगाह खोले जाने से जायरीनों में बेहद खुशी का माहौल है. वहीं व्यापारियों में उत्साह बना हुआ है.
6 फीट की दूरी अनिवार्य
वहीं पुष्कर स्थित विश्व का इकलौता जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर के दरवाजे भी सोमवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. मन्दिर की सीढ़ियों पर ही हर एक श्रद्धालु की थर्मल स्क्रीनिंग कर उसे मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हुए हर श्रद्धालु के बीच 6 फीट की दूरी रखी जा रही है. बारी-बारी से श्रद्धालु मंदिर में जगतपिता ब्रह्मा के दर्शन कर रहे हैं. सुबह मंगला आरती के वक़्त से मन्दिर श्रद्धालुओं के लिए खोला जा चुका है. वहीं श्राद्ध पक्ष के चलते पुष्कर में पवित्र सरोवर के किनारे पिंडदान और तर्पण कार्य फिर से शुरू हो गए हैं.
पढ़ें: सोमवार से अनलॉक होंगे धार्मिक स्थल, 116 दिनों बाद खत्म होगा भक्तों का इंतजार
बता दें कि अजमेर दरगाह और पुष्कर जगतपिता ब्रह्मा ब्रह्मा के मंदिर के दर्शनों के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु अजमेर आते हैं. कोरोना महामारी के चलते दोनों धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया था. इस कारण दोनों जगहों पर श्रद्धालुओं के नहीं आने से व्यवसायिक गतिविधियां मंद पड़ी थी.
रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
उम्मीद की जा रही है कि दोनों बड़े धार्मिक स्थलों के खुलने जाने के बाद श्रद्धालुओं का अजमेर आना जाना फिर से शुरू होगा और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे लोगों के बंद हुआ व्यापार फिर से शुरू हो सकेगा और लोगों को रोजगार मिल सकेगा. हालांकि दोनों ही बड़े धार्मिक स्थलों के खोले जाने के पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं थी. दरगाह और पुष्कर के अलावा जिले में सभी धार्मिक स्थल खुल भी चुके हैं.