जयपुर. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के संघ प्रचारक निंबाराम को लेकर दिए गए बयान को भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने बौखलाहट और हताशा में दिया गया बयान करार दिया है.
रविवार को एक बयान जारी कर कालीचरण सराफ ने गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा करते हुए कहा कि क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को लेकर जिस प्रकार के बयान डोटासरा दे रहे हैं उससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. डोटासरा की लगातार बयानबाजी से यही प्रतीत हो रहा है कि बिना तथ्यों व सबूत के निंबाराम को आरोपी बनाए जाने का घटनाक्रम के सूत्रधार खुद डोटासरा ही हैं.
कालीचरण सराफ ने कहा कि पीसीसी चीफ को अब यह डर सता रहा है कि सच्चाई सामने आने के बाद उनका क्या हश्र होगा. इसलिए बार-बार बयान बाजी कर एसीबी पर एक ही दिशा में जांच करने का दबाव बनाया जा रहा है.
कालीचरण ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार आती और जाती है लेकिन सत्ता का दुरुपयोग करके देश सेवा में लगे लोगों को फंसाने का कृत्य कर कांग्रेस पार्टी आग से खेलने का काम कर रही है. क्योंकि कांग्रेस ने इसी तरह का काम 1975 में देश में इमरजेंसी थोप कर किया था और देशभक्त आरएसएस कार्यकर्ताओं को जेल में डाला था. उसके बाद तत्कालीन सरकार को सरकार को जनता ने उखाड़ फेंका था. इसलिए कांग्रेस को इतिहास से तो सबक लेना ही चाहिए.
गौरतलब है कि गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के दौरान संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ बयान दिया था और कहा था कि राजस्थान की गहलोत सरकार पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए. क्योंकि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है.
साथ ही डोटासरा ने निंबाराम का नाम लेकर कहा था कि जो हाल हमारी सरकार में प्रवीण तोगड़िया का और आसाराम का हुआ वैसे ही हाल निंबाराम का होगा. डोटासरा ने यह भी कहा कि लोगों को हमारी सरकार पर शक नहीं होना चाहिए जो एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें आरएसएस के भ्रष्ट नेताओं का इलाज भी निश्चित तौर पर होगा.