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BJP Joining Committee in Rajasthan : बागियों की वापसी कितनी आसान? अदावत है जिनसे वही करेंगे 'फैसला'

विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही बीजेपी में अब नाराज नेताओं की घर वापसी (Return of Leaders who Left BJP) को लेकर भी चर्चा तेज है. खास बात है कि पार्टी ने कमेटी बना दी है. इस कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी को जिम्मेदारी दी है. मेघवाल पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के धुर विरोधी माने जाते हैं.

BJP Joining Committee in Rajasthan
आदावत जिनसे वो वापसी कमेटी में...
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Published : Oct 12, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 5:22 PM IST

जयपुर. प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी से बागी हुए नेताओं की घर वापसी को लेकर (BJP Joining Committee in Rajasthan) कमेटी बना दी है, लेकिन कमेटी बनने से पहले विवाद गहराने लगा है. भाटी और अर्जुन राम मेघवाल की आदावत जग जाहिर है और अब कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी को जिम्मेदारी दी गई है.

कमेटी गठित : राजस्थान में अब भाजपा चुनावी मोड में आने लगी है. ऐसे में चुनावी वर्ष में भाजपा में शामिल होने वाले (BJP Mission 2023) नेताओं और पिछली बार पार्टी से बगावत करके पार्टी छोड़ कर गए नेताओं की वापसी के लिए भाजपा ने फैसले के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में केंद्र सरकार में मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल व राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री व वर्तमान में वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को शामिल किया गया है.

ज्वाइनिंग कमेटी का गठन...

भाजपा में आने की इच्छा जाहिर करने वाले नेताओं पर यह कमेटी पार्टी के पक्ष में गुणा-भाग, फायदा-नुकसान और स्थानीय समीकरणों के आधार पर (BJP Joining Committee in Rajasthan) भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओं का फैसला लेगी. बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कमेटी का गठन कर दिया है, अब यह कमेटी अपने रिपोर्ट तैयार करके प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी. कमेटी जिन नामों पर सहमति देगी, उन्हें ही पार्टी में शामिल किया जाएगा.

भाटी की वापसी में मेघवाल रोड़ा : हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में बीकानेर से कद्दावर नेता रहे देवी सिंह भाटी ने वापसी की घोषणा की थी. इसके अलावा पूर्व सांसद सुभाष महरिया, वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल, राजकुमार रिणवा और पूर्व विधायक विजय बंसल की भी भाजपा में वापसी की अटकलें राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि, अभी तक भाजपा और इन नेताओं की ओर से पार्टी ज्वाइन करने की मंशा को लेकर स्थिति साफ नहीं है. देवी सिंह भाटी ने ही इनमें से पिछले दिनों 8 अक्टूबर को बीकानेर में ही पार्टी ज्वाइन करने की घोषणा की थी. लेकिन देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी का सबसे बड़ा रोड़ा मेघवाल बने हैं.

मेघवाल ज्वाइनिंग कमेटी में हैं. ऐसे में साफ है कि बिना मेघवाल और देवनानी की सहमति के वापसी संभव नहीं है, जबकि अर्जुन राम मेघवाल ने एक दिन पहले ही भाटी की ज्वाइनिंग की चर्चा पर कहा था कि पार्टी में कौन आदमी आता है, इसके लिए पार्टी ने एक प्रक्रिया तय कर रखी है. चाहे कोई कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, पार्टी की तय प्रक्रिया से उसे गुजारना पड़ेगा. मैं तो कहता हूं कि संगठन जो भी तय करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे. मेघवाल ने स्वीकार किया कि देवी सिंह भाटी ने मुझे भी हराने की पूरी कोशिश की थी. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी से जाने पर किसी को कोई रोक-टोक नहीं है, लेकिन जब कोई पार्टी में वापस आता है तो उसकी प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया के लिए कमेटी बनाई है और यह कमेटी स्थानीय इकाई से भी अनुशंसा लेगी. सभी पहलुओं और सुझाव के आधार पर होता है कि किसे वापस लिया जाए और किसे नहीं.

पढ़ें : Arun Singh Big Statement : BJP छोड़ गए नेताओं की वापसी के लिए बनेगी कमेटी, अंतिम निर्णय पूनिया करेंगे

वसुंधरा के करीबी हैं भाटी : समिति की सिफारिश पर मेघवाल के कट्टर विरोधी माने जाने वाले भाटी का भाजपा में आना फिलहाल टेढ़ी खीर साबित होता दिख रहा है. वहीं, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भाटी खास और कट्टर समर्थक माने जाते हैं. हाल ही में उनकी बीकानेर यात्रा की सभी तैयारियां उन्होंने ही की थी. ऐसे में बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे उनकी भाजपा में वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. हालांकि, भाटी वसुंधरा राजे की मौजूदगी में उनकी हाल ही में बीकानेर संभाग की यात्रा के दौरान भाजपा ज्वाइनिंग करना चाहते थे, लेकिन भाजपा संगठन की ओर से उन्हें हरी झंडी नहीं मिली थी. इसका कारण बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी ज्वाइनिंग करने के लिए प्रदेश नेतृत्व से कोई संवाद ही नहीं किया था. इसके चलते उनकी ज्वाइनिंग का इंतजार अभी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है

पढ़ें : वसुंधरा राजे का बीकानेर दौरा - पार्टी संगठन ने बनाई दूरी, भाटी की सक्रियता से मेघवाल गुट नाराज

भाटी और मेघवाल की आदावत क्यों ? सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जो कि बीकानेर संभाग में उनके धुर विरोधी गुट के माने जाते हैं, वह भी उनका पार्टी में वापसी का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, भाजपा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के पिछले 2019 के चुनाव में बीकानेर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर देवी सिंह भाटी ने (Arjun Ram Meghwal Vs Devi Singh Bhati) उनका पुरजोर विरोध करते हुए भाजपा से बगावत की थी और पार्टी से अलग होकर मेघवाल को हराने का बीड़ा उठाया था. जिसके बाद भाजपा ने भाटी को भाजपा से निष्कासित कर दिया था. हालांकि, भाटी मेघवाल को चुनाव में पटखनी देने में असफल रहे थे, लेकिन दोनों के बीच स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की लड़ाई अभी भी जारी है.

जयपुर. प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी से बागी हुए नेताओं की घर वापसी को लेकर (BJP Joining Committee in Rajasthan) कमेटी बना दी है, लेकिन कमेटी बनने से पहले विवाद गहराने लगा है. भाटी और अर्जुन राम मेघवाल की आदावत जग जाहिर है और अब कमेटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी को जिम्मेदारी दी गई है.

कमेटी गठित : राजस्थान में अब भाजपा चुनावी मोड में आने लगी है. ऐसे में चुनावी वर्ष में भाजपा में शामिल होने वाले (BJP Mission 2023) नेताओं और पिछली बार पार्टी से बगावत करके पार्टी छोड़ कर गए नेताओं की वापसी के लिए भाजपा ने फैसले के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है. इस कमेटी में केंद्र सरकार में मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल व राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री व वर्तमान में वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को शामिल किया गया है.

ज्वाइनिंग कमेटी का गठन...

भाजपा में आने की इच्छा जाहिर करने वाले नेताओं पर यह कमेटी पार्टी के पक्ष में गुणा-भाग, फायदा-नुकसान और स्थानीय समीकरणों के आधार पर (BJP Joining Committee in Rajasthan) भाजपा ज्वाइन करने वाले नेताओं का फैसला लेगी. बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कमेटी का गठन कर दिया है, अब यह कमेटी अपने रिपोर्ट तैयार करके प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी. कमेटी जिन नामों पर सहमति देगी, उन्हें ही पार्टी में शामिल किया जाएगा.

भाटी की वापसी में मेघवाल रोड़ा : हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में बीकानेर से कद्दावर नेता रहे देवी सिंह भाटी ने वापसी की घोषणा की थी. इसके अलावा पूर्व सांसद सुभाष महरिया, वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे सुरेंद्र गोयल, राजकुमार रिणवा और पूर्व विधायक विजय बंसल की भी भाजपा में वापसी की अटकलें राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि, अभी तक भाजपा और इन नेताओं की ओर से पार्टी ज्वाइन करने की मंशा को लेकर स्थिति साफ नहीं है. देवी सिंह भाटी ने ही इनमें से पिछले दिनों 8 अक्टूबर को बीकानेर में ही पार्टी ज्वाइन करने की घोषणा की थी. लेकिन देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी का सबसे बड़ा रोड़ा मेघवाल बने हैं.

मेघवाल ज्वाइनिंग कमेटी में हैं. ऐसे में साफ है कि बिना मेघवाल और देवनानी की सहमति के वापसी संभव नहीं है, जबकि अर्जुन राम मेघवाल ने एक दिन पहले ही भाटी की ज्वाइनिंग की चर्चा पर कहा था कि पार्टी में कौन आदमी आता है, इसके लिए पार्टी ने एक प्रक्रिया तय कर रखी है. चाहे कोई कितना ही बड़ा व्यक्ति क्यों न हो, पार्टी की तय प्रक्रिया से उसे गुजारना पड़ेगा. मैं तो कहता हूं कि संगठन जो भी तय करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे. मेघवाल ने स्वीकार किया कि देवी सिंह भाटी ने मुझे भी हराने की पूरी कोशिश की थी. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी से जाने पर किसी को कोई रोक-टोक नहीं है, लेकिन जब कोई पार्टी में वापस आता है तो उसकी प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया के लिए कमेटी बनाई है और यह कमेटी स्थानीय इकाई से भी अनुशंसा लेगी. सभी पहलुओं और सुझाव के आधार पर होता है कि किसे वापस लिया जाए और किसे नहीं.

पढ़ें : Arun Singh Big Statement : BJP छोड़ गए नेताओं की वापसी के लिए बनेगी कमेटी, अंतिम निर्णय पूनिया करेंगे

वसुंधरा के करीबी हैं भाटी : समिति की सिफारिश पर मेघवाल के कट्टर विरोधी माने जाने वाले भाटी का भाजपा में आना फिलहाल टेढ़ी खीर साबित होता दिख रहा है. वहीं, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भाटी खास और कट्टर समर्थक माने जाते हैं. हाल ही में उनकी बीकानेर यात्रा की सभी तैयारियां उन्होंने ही की थी. ऐसे में बताया जा रहा है कि वसुंधरा राजे उनकी भाजपा में वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेंगी. हालांकि, भाटी वसुंधरा राजे की मौजूदगी में उनकी हाल ही में बीकानेर संभाग की यात्रा के दौरान भाजपा ज्वाइनिंग करना चाहते थे, लेकिन भाजपा संगठन की ओर से उन्हें हरी झंडी नहीं मिली थी. इसका कारण बताया जा रहा है कि उन्होंने पार्टी ज्वाइनिंग करने के लिए प्रदेश नेतृत्व से कोई संवाद ही नहीं किया था. इसके चलते उनकी ज्वाइनिंग का इंतजार अभी खत्म होता नजर नहीं आ रहा है

पढ़ें : वसुंधरा राजे का बीकानेर दौरा - पार्टी संगठन ने बनाई दूरी, भाटी की सक्रियता से मेघवाल गुट नाराज

भाटी और मेघवाल की आदावत क्यों ? सूत्रों की मानें तो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जो कि बीकानेर संभाग में उनके धुर विरोधी गुट के माने जाते हैं, वह भी उनका पार्टी में वापसी का विरोध कर रहे हैं. दरअसल, भाजपा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के पिछले 2019 के चुनाव में बीकानेर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने पर देवी सिंह भाटी ने (Arjun Ram Meghwal Vs Devi Singh Bhati) उनका पुरजोर विरोध करते हुए भाजपा से बगावत की थी और पार्टी से अलग होकर मेघवाल को हराने का बीड़ा उठाया था. जिसके बाद भाजपा ने भाटी को भाजपा से निष्कासित कर दिया था. हालांकि, भाटी मेघवाल को चुनाव में पटखनी देने में असफल रहे थे, लेकिन दोनों के बीच स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की लड़ाई अभी भी जारी है.

Last Updated : Oct 12, 2022, 5:22 PM IST
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