जयपुर. केंद्र सरकार ने प्रदेश के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पहले एनटीसीए यानी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी भी रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है. राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने प्रदेश में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है.
वन मंत्री सुखराम बिश्नोई के अनुसार प्रदेश को चौथा टाइगर रिजर्व मिलना अत्यंत हर्ष का विषय है. केंद्र सरकार ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. अब इस टाइगर रिजर्व से जुड़े काम जल्द ही धरातल पर शुरू कर दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी अभ्यारण को टाइगर रिजर्व के रूप में स्थापित करने की घोषणा की थी. वन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों और वन्यजीव प्रेमियों की मेहनत से यह उपलब्धि हासिल हुई है.
पढ़ें: T-65 की मौत : Poisoning भी हो सकता है मौत का कारण, रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगी असल वजह
उन्होंने सभी का आभार जताते हुए कहा कि रामगढ़ विषधारी के टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित हो जाने से प्रदेश में बाघों को बेहतरीन प्राकृतिक आवास मिलेगा. इसके साथ ही उनका बेहतर तरीके से संरक्षण और संवर्धन हो सकेगा. रामगढ़ विषधारी अभ्यारण 1017 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
प्रदेश में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को मंजूरी मिलने से अब चार टाइगर रिजर्व हो जाएंगे. रणथंभौर नेशनल पार्क, सरिस्का टाइगर रिजर्व, मुकुंदरा टाइगर हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व. नया टाइगर रिजर्व बनने से बाघों का कुनबा भी बढ़ेगा. टाइगर रिजर्व के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है.