जयपुर. राजस्थान कांग्रेस कार्यकारिणी की पहली बैठक रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई. बैठक में सचिन रामसिंह कस्वा को छोड़कर सभी पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया कि जिन पदाधिकारियों के जिलों में चुनाव हैं उन्हें सोमवार को ही अपने जिलों में पहुंचना होगा. इसका मतलब साफ है कि जिलों के प्रभारी ही निकाय चुनाव में जिलों के पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात होंगे.
इसके साथ ही सभी पदाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द ही अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं और प्रदेश में होने वाली जिला ओर ब्लॉक स्तर की 30,000 राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नामों का पैनल तैयार करें. जिन नामों का पैनल पदाधिकारी देंगे उन्हीं में से राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी तो वहीं जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए भी नामों का पैनल यही पदाधिकारी अपने प्रभार क्षेत्रों में जाकर तैयार करेंगे. पदाधिकारी जो नाम देंगे उन्हीं में से जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे. यह काम पदाधिकारियों को अगले 2 से 3 सप्ताह में कर कर देना होगा.
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने भी साफ कर दिया कि अगर कोई पदाधिकारी बना है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे कैबिनेट या राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि पदाधिकारियों को तो अब इतना सक्षम बनाया गया है कि उनके कहने पर राजनीतिक नियुक्तियां और जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन के प्रतिनिधि कौन हों यह तय पदाधिकारी करेगा. वहीं इसके साथ ही यह भी तय कर दिया गया है कि जो प्रभारी मंत्री अपने जिलों में जन सुनवाई करने जाएंगे. उन्हें संगठन के प्रभारियों को भी साथ लेकर जाना होगा.