ETV Bharat / city

Exclusive: रणथंभौर की बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाने वाले नल्ला मुत्थु से खास बातचीत...

रणथंभौर की बाघिन पर फिल्म बनाने वाले फिल्मकार नल्ला मुत्थु जयपुर पहुंचे. उन्होंने लेपर्ड सफारी का लुत्फ भी उठाया. इस दौरान उन्होंने बाघिन 'मछली' के जीवन को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Filmmaker Nalla muthu reached jaipur, फिल्मकार नल्ला मुत्थु पहुंचे जयपुर
फिल्म निर्माता नल्ला मुत्थु से खास बातचीत
author img

By

Published : Dec 27, 2019, 10:42 AM IST

जयपुर. रणथंभौर को आबाद करने वाली बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाने वाले फिल्मकार नल्ला मुत्थु जयपुर पहुंचे. नेशनल अवार्ड विजेता और दुनियाभर में भारत के बाघों पर फिल्म बनाकर ख्याति प्राप्त करने वाले नल्ला मुथु ने गुरुवार शाम को लेपर्ड सफारी का लुत्फ उठाया. इस दौरान फिल्म मेकर मुत्थु ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टाइगर 'मछली' के जीवन और टाइगर्स से जुड़ी कई बातें साझा की. उन्होंने कहा, कि आने वाले समय में 'मछली' के परिवार पर भी फिल्म बनाएंगे.

फिल्म निर्माता नल्ला मुत्थु से खास बातचीत

नल्ला ने करीब 10 साल तक रणथंभौर में सबसे ज्यादा राज करने वाली बाघिन पर बारीकी से अध्ययन किया. आखिर में बाघिन ने अंतिम सांस भी नल्ला के सामने ही ली. नल्ला मुत्थु रणथंभौर और सरिस्का के बाघों पर 4 सुपरहिट फिल्में बना चुके हैं. टाइगर क्वीन, टाइगर डायनेस्टी, टाइगर रिवेंज और 'मछली' के नाम से फिल्में बना चुके हैं. फिल्म 'मछली' को करीब 37 भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर प्रसारित किया गया था. एक बाघिन कैसे टाइगर वर्ल्ड पर छा गई, यह सभी बातें फिल्म में दिखाई गईं हैं.

ये पढ़ेंः विकास निगल रहा पक्षियों की जिंदगियां, घरौंदा अभियान बना जीवन रक्षक

'मछली' पर बन चुकी है 2 फिल्म

फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु ने बताया, कि साल 2007 से ही 'मछली' के साथ समय गुजारना शुरू किया था. बाघिन 'मछली' के आखिरी समय तक उसको फॉलो किया. उन्होंने काफी समय बाघिन के जीवन और दिनचर्या के बारे में रिसर्च किया. किस तरह से ओल्ड एज तक टाइगर का जीवन रहता है, इन सभी बातों पर अध्ययन किया. इस दौरान कई नई-नई बातें सामने आईं. इसके बाद उन्होंने 'मछली' पर 2 फिल्में बनाई.

मेल-फीमेल रेशियो इनबैलेंस

बाघों के बार-बार जंगलों से बाहर निकलने के मामले पर नल्ला मुत्थु ने कहा, कि बाघों की संख्या बड़ी है. इसके साथ ही मेल-फीमेल का रेशियो भी इनबैलेंस है. मेल ज्यादा और फीमेल कम हैं. जबकि इसका विपरीत होना चाहिए. जंगलों में हैबिटार्ट कम हो गया है. यही कारण है, कि टाइगर जंगलों से बाहर निकलते हैं.

'मछली' के परिवार पर फिल्म बनाने की इच्छा

उन्होंने बताया कि 'मछली' पर बनी फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर टेलीकास्ट किया गया है. अकेले राजस्थान में टाइगर्स पर 4 फिल्म बना चुके हैं. उन्होंने बताया, कि इन दिनों महाराष्ट्र की फेमस टाइगर माया के ऊपर फिल्म बना रहे हैं. इसके बाद आगे टाइगर 'मछली' के परिवार के ऊपर फिल्म बनाना चाहते हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर से रूठे प्रवासी पक्षी, वीरान पड़ी आनासागर झील

'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड

वन्यजीव प्रेमी धीरेंद्र गोधा ने बताया, कि नल्ला मुत्थु की 'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला है. हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा नल्ला मुत्थु को सम्मानित भी किया गया है। 'मछली' फिल्म रणथंभौर की फेमस बाघिन 'मछली' पर आधारित फिल्म है। टाइगर 'मछली' ने करीब 2 दशकों तक रणथंभौर में अपना राज किया है.

'मछली' की वजह से बाघों का कुनबा बढ़ा

बाघिन 'मछली' ने तीन बार में 9 शावकों को जन्म दिया था. जिसकी वजह से रणथंभौर में बाघों का कुनबा बढ़ा है. 1997 में 'मछली' का जन्म हुआ था और साल 2016 में उसकी मृत्यु हो गई. 'मछली' रणथंभौर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली बाघिन थी. कई संस्थाओं की ओर से टाइगर 'मछली' को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था. सबसे ज्यादा लाइव साइटिंग और फोटोग्राफ्स भी बाघिन 'मछली' के ही रिकॉर्ड में हैं.

वन्यजीव प्रेमी सुनील मेहता ने बताया, कि नल्ला मुत्थु ने बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाई है, वो बहुत ही बेहतरीन फिल्म है. दुनिया में बहुत कम ऐसी फिल्में बनीं हैं. इस फिल्म से राजस्थान की वन्यजीव क्षेत्र में काफी सराहना हुई है. इस फिल्म की देश-विदेश में भी काफी तारीफ हुई है. फिल्म से राजस्थान और राजस्थान के वन विभाग का नाम भी रोशन हुआ है. 'मछली' ऐसी टाइग्रेस थी, जिसने रणथंभौर नेशनल पार्क को आबाद किया.

जयपुर. रणथंभौर को आबाद करने वाली बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाने वाले फिल्मकार नल्ला मुत्थु जयपुर पहुंचे. नेशनल अवार्ड विजेता और दुनियाभर में भारत के बाघों पर फिल्म बनाकर ख्याति प्राप्त करने वाले नल्ला मुथु ने गुरुवार शाम को लेपर्ड सफारी का लुत्फ उठाया. इस दौरान फिल्म मेकर मुत्थु ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टाइगर 'मछली' के जीवन और टाइगर्स से जुड़ी कई बातें साझा की. उन्होंने कहा, कि आने वाले समय में 'मछली' के परिवार पर भी फिल्म बनाएंगे.

फिल्म निर्माता नल्ला मुत्थु से खास बातचीत

नल्ला ने करीब 10 साल तक रणथंभौर में सबसे ज्यादा राज करने वाली बाघिन पर बारीकी से अध्ययन किया. आखिर में बाघिन ने अंतिम सांस भी नल्ला के सामने ही ली. नल्ला मुत्थु रणथंभौर और सरिस्का के बाघों पर 4 सुपरहिट फिल्में बना चुके हैं. टाइगर क्वीन, टाइगर डायनेस्टी, टाइगर रिवेंज और 'मछली' के नाम से फिल्में बना चुके हैं. फिल्म 'मछली' को करीब 37 भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर प्रसारित किया गया था. एक बाघिन कैसे टाइगर वर्ल्ड पर छा गई, यह सभी बातें फिल्म में दिखाई गईं हैं.

ये पढ़ेंः विकास निगल रहा पक्षियों की जिंदगियां, घरौंदा अभियान बना जीवन रक्षक

'मछली' पर बन चुकी है 2 फिल्म

फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु ने बताया, कि साल 2007 से ही 'मछली' के साथ समय गुजारना शुरू किया था. बाघिन 'मछली' के आखिरी समय तक उसको फॉलो किया. उन्होंने काफी समय बाघिन के जीवन और दिनचर्या के बारे में रिसर्च किया. किस तरह से ओल्ड एज तक टाइगर का जीवन रहता है, इन सभी बातों पर अध्ययन किया. इस दौरान कई नई-नई बातें सामने आईं. इसके बाद उन्होंने 'मछली' पर 2 फिल्में बनाई.

मेल-फीमेल रेशियो इनबैलेंस

बाघों के बार-बार जंगलों से बाहर निकलने के मामले पर नल्ला मुत्थु ने कहा, कि बाघों की संख्या बड़ी है. इसके साथ ही मेल-फीमेल का रेशियो भी इनबैलेंस है. मेल ज्यादा और फीमेल कम हैं. जबकि इसका विपरीत होना चाहिए. जंगलों में हैबिटार्ट कम हो गया है. यही कारण है, कि टाइगर जंगलों से बाहर निकलते हैं.

'मछली' के परिवार पर फिल्म बनाने की इच्छा

उन्होंने बताया कि 'मछली' पर बनी फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर टेलीकास्ट किया गया है. अकेले राजस्थान में टाइगर्स पर 4 फिल्म बना चुके हैं. उन्होंने बताया, कि इन दिनों महाराष्ट्र की फेमस टाइगर माया के ऊपर फिल्म बना रहे हैं. इसके बाद आगे टाइगर 'मछली' के परिवार के ऊपर फिल्म बनाना चाहते हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर से रूठे प्रवासी पक्षी, वीरान पड़ी आनासागर झील

'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड

वन्यजीव प्रेमी धीरेंद्र गोधा ने बताया, कि नल्ला मुत्थु की 'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला है. हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा नल्ला मुत्थु को सम्मानित भी किया गया है। 'मछली' फिल्म रणथंभौर की फेमस बाघिन 'मछली' पर आधारित फिल्म है। टाइगर 'मछली' ने करीब 2 दशकों तक रणथंभौर में अपना राज किया है.

'मछली' की वजह से बाघों का कुनबा बढ़ा

बाघिन 'मछली' ने तीन बार में 9 शावकों को जन्म दिया था. जिसकी वजह से रणथंभौर में बाघों का कुनबा बढ़ा है. 1997 में 'मछली' का जन्म हुआ था और साल 2016 में उसकी मृत्यु हो गई. 'मछली' रणथंभौर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली बाघिन थी. कई संस्थाओं की ओर से टाइगर 'मछली' को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था. सबसे ज्यादा लाइव साइटिंग और फोटोग्राफ्स भी बाघिन 'मछली' के ही रिकॉर्ड में हैं.

वन्यजीव प्रेमी सुनील मेहता ने बताया, कि नल्ला मुत्थु ने बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाई है, वो बहुत ही बेहतरीन फिल्म है. दुनिया में बहुत कम ऐसी फिल्में बनीं हैं. इस फिल्म से राजस्थान की वन्यजीव क्षेत्र में काफी सराहना हुई है. इस फिल्म की देश-विदेश में भी काफी तारीफ हुई है. फिल्म से राजस्थान और राजस्थान के वन विभाग का नाम भी रोशन हुआ है. 'मछली' ऐसी टाइग्रेस थी, जिसने रणथंभौर नेशनल पार्क को आबाद किया.

Intro:जयपुर
एंकर- रणथंभोर को आबाद करने वाली बाघिन मछली पर फिल्म बनाने वाले फिल्मकार नल्ला मुत्थु आज जयपुर पहुंचे। नेशनल अवार्ड विजेता और दुनियाभर में भारत के बाघों पर फिल्म बनाकर ख्याति प्राप्त करने वाले नल्ला मुथु ने गुरुवार शाम को लेपर्ड सफारी का लुत्फ उठाया। इस दौरान फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टाइगर मछली के जीवन और टाइगर्स से जुड़ी कई बातें साझा की। उन्होंने कहा आने वाले समय में मछली के परिवार पर भी फिल्म बनाएंगे।


Body:नल्ला ने करीब 10 साल तक रणथंबोर में सबसे ज्यादा राज करने वाली बाघिन पर बारीकी से अध्ययन किया। आखिर में बागी ने अंतिम सांस भी नल्ला के सामने ही ली। नल्ला मुत्थु रणथंभोर और सरिस्का के बाघो पर चार सुपरहिट फिल्में बना चुके हैं। जिनमें टाइगर क्वीन, टाइगर डायनेस्टी, टाइगर रिवेंज और मछली के नाम से फिल्में बना चुके हैं। फिल्म मछली को करीब 37 भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर प्रसारित किया गया था। एक बाघिन कैसे टाइगर वर्ल्ड पर छा गई यह सभी बातें फिल्म में दिखाई गई है।

फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु ने बताया वर्ष 2007 से ही मछली के साथ समय गुजारना शुरू किया था। बाघिन मछली के आखिरी समय तक उसको फॉलो किया। काफी समय बाघिन के जीवन और दिनचर्या के बारे में रिसर्च किया। किस तरह से ओल्ड एज तक टाइगर का जीवन रहता है, इन सभी बातों पर अध्ययन किया। इस दौरान कई नई नई बातें सामने आई। इसके बाद मछली पर दो फिल्में बनाई। बाघो के बार-बार जंगलों से बाहर निकलने के मामले पर नल्लामुथु ने कहा बाघों की संख्या बड़ी है। इसके साथ ही मेल-फीमेल के रेशों भी इनबैलेंस है। मेल ज्यादा और फीमेल कम है। जबकि इसका विपरीत होना चाहिए। जंगलों में हैबिटार्ट कम हो गया है। यही कारण है कि टाइगर जंगलों से बाहर निकलते हैं। उन्होंने बताया कि मछली पर बनी फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर टेलीकास्ट किया है। केवल राजस्थान में टाइगर्स पर 4 फिल्म बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों महाराष्ट्र की फेमस टाइगर माया के ऊपर फिल्म बना रहे हैं। इसके बाद आगे टाइगर मछली के परिवार के ऊपर फिल्म बनाना चाहते हैं।

वन्यजीव प्रेमी धीरेंद्र गोधा ने बताया कि नल्ला मुत्थु की मछली फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला है। हाल ही में 2 दिन पहले राष्ट्रपति द्वारा नल्ला मुत्थु को सम्मानित भी किया गया है। मछली फिल्म रणथंभोर की फेमस बाघिन मछली पर आधारित फिल्म है। टाइगर मछली ने करीब 2 दशकों तक रणथंभोर में अपना राज किया है। तीन बार में बाघिन मछली ने 9 शावकों को जन्म दिया था। जिसकी वजह से रणथंबोर में बाघों का कुनबा बढ़ा है। 1997 में मछली का जन्म हुआ था और वर्ष 2016 में उसकी मृत्यु हो गई। मछली रणथंभोर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाली बाघिन थी। कई संस्थाओं की ओर से टाइगर मछली को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था। सबसे ज्यादा लाइव साइटिंग और फोटोग्राफ्स भी बाघिन मछली के ही रिकॉर्ड में है।






Conclusion:वन्यजीव प्रेमी सुनील मेहता ने बताया कि नल्ला मुत्थु ने जो बाघिन मछली पर फिल्म बनाई है वो बहुत ही बेहतरीन फिल्म है। दुनिया में बहुत कम ऐसी फिल्में बनी है। इस फिल्म से राजस्थान की वन्यजीव क्षेत्र में काफी सराहना हुई है। इस फिल्म की देश विदेश में भी काफी तारीफ हुई है। इस फिल्म से राजस्थान और राजस्थान के वन विभाग का नाम भी रोशन हुआ है। मछली ऐसी टाइग्रेस थी जिसने रणथंबोर नेशनल पार्क को आबाद किया।

बाईट- नल्ला मुत्थु, फिल्म मेकर
बाईट- धीरेंद्र गोधा, वन्यजीव प्रेमी
बाईट- सुनील मेहता, वन्यजीव प्रेमी


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.