जयपुर. रणथंभौर को आबाद करने वाली बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाने वाले फिल्मकार नल्ला मुत्थु जयपुर पहुंचे. नेशनल अवार्ड विजेता और दुनियाभर में भारत के बाघों पर फिल्म बनाकर ख्याति प्राप्त करने वाले नल्ला मुथु ने गुरुवार शाम को लेपर्ड सफारी का लुत्फ उठाया. इस दौरान फिल्म मेकर मुत्थु ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए टाइगर 'मछली' के जीवन और टाइगर्स से जुड़ी कई बातें साझा की. उन्होंने कहा, कि आने वाले समय में 'मछली' के परिवार पर भी फिल्म बनाएंगे.
नल्ला ने करीब 10 साल तक रणथंभौर में सबसे ज्यादा राज करने वाली बाघिन पर बारीकी से अध्ययन किया. आखिर में बाघिन ने अंतिम सांस भी नल्ला के सामने ही ली. नल्ला मुत्थु रणथंभौर और सरिस्का के बाघों पर 4 सुपरहिट फिल्में बना चुके हैं. टाइगर क्वीन, टाइगर डायनेस्टी, टाइगर रिवेंज और 'मछली' के नाम से फिल्में बना चुके हैं. फिल्म 'मछली' को करीब 37 भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर प्रसारित किया गया था. एक बाघिन कैसे टाइगर वर्ल्ड पर छा गई, यह सभी बातें फिल्म में दिखाई गईं हैं.
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'मछली' पर बन चुकी है 2 फिल्म
फिल्म मेकर नल्ला मुत्थु ने बताया, कि साल 2007 से ही 'मछली' के साथ समय गुजारना शुरू किया था. बाघिन 'मछली' के आखिरी समय तक उसको फॉलो किया. उन्होंने काफी समय बाघिन के जीवन और दिनचर्या के बारे में रिसर्च किया. किस तरह से ओल्ड एज तक टाइगर का जीवन रहता है, इन सभी बातों पर अध्ययन किया. इस दौरान कई नई-नई बातें सामने आईं. इसके बाद उन्होंने 'मछली' पर 2 फिल्में बनाई.
मेल-फीमेल रेशियो इनबैलेंस
बाघों के बार-बार जंगलों से बाहर निकलने के मामले पर नल्ला मुत्थु ने कहा, कि बाघों की संख्या बड़ी है. इसके साथ ही मेल-फीमेल का रेशियो भी इनबैलेंस है. मेल ज्यादा और फीमेल कम हैं. जबकि इसका विपरीत होना चाहिए. जंगलों में हैबिटार्ट कम हो गया है. यही कारण है, कि टाइगर जंगलों से बाहर निकलते हैं.
'मछली' के परिवार पर फिल्म बनाने की इच्छा
उन्होंने बताया कि 'मछली' पर बनी फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में वर्ल्ड लेवल पर टेलीकास्ट किया गया है. अकेले राजस्थान में टाइगर्स पर 4 फिल्म बना चुके हैं. उन्होंने बताया, कि इन दिनों महाराष्ट्र की फेमस टाइगर माया के ऊपर फिल्म बना रहे हैं. इसके बाद आगे टाइगर 'मछली' के परिवार के ऊपर फिल्म बनाना चाहते हैं.
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'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड
वन्यजीव प्रेमी धीरेंद्र गोधा ने बताया, कि नल्ला मुत्थु की 'मछली' फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला है. हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा नल्ला मुत्थु को सम्मानित भी किया गया है। 'मछली' फिल्म रणथंभौर की फेमस बाघिन 'मछली' पर आधारित फिल्म है। टाइगर 'मछली' ने करीब 2 दशकों तक रणथंभौर में अपना राज किया है.
'मछली' की वजह से बाघों का कुनबा बढ़ा
बाघिन 'मछली' ने तीन बार में 9 शावकों को जन्म दिया था. जिसकी वजह से रणथंभौर में बाघों का कुनबा बढ़ा है. 1997 में 'मछली' का जन्म हुआ था और साल 2016 में उसकी मृत्यु हो गई. 'मछली' रणथंभौर में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली बाघिन थी. कई संस्थाओं की ओर से टाइगर 'मछली' को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था. सबसे ज्यादा लाइव साइटिंग और फोटोग्राफ्स भी बाघिन 'मछली' के ही रिकॉर्ड में हैं.
वन्यजीव प्रेमी सुनील मेहता ने बताया, कि नल्ला मुत्थु ने बाघिन 'मछली' पर फिल्म बनाई है, वो बहुत ही बेहतरीन फिल्म है. दुनिया में बहुत कम ऐसी फिल्में बनीं हैं. इस फिल्म से राजस्थान की वन्यजीव क्षेत्र में काफी सराहना हुई है. इस फिल्म की देश-विदेश में भी काफी तारीफ हुई है. फिल्म से राजस्थान और राजस्थान के वन विभाग का नाम भी रोशन हुआ है. 'मछली' ऐसी टाइग्रेस थी, जिसने रणथंभौर नेशनल पार्क को आबाद किया.