जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान में कांग्रेस और कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण उजागर होने के बाद इस प्रकरण की जांच कर रही राजस्थान एसओजी ने 10 जुलाई को एक एफआईआर दर्ज की है.
एफआईआर में इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रदेश में अवैध हथियार तस्करी की रोकथाम के लिए दो मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए और उन नंबरों से लगातार हो रही बातचीत के दौरान यह तथ्य निकलकर सामने आए कि राज्य सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है. एफआईआर में कांग्रेस के दो विधायक के नाम भी दिए गए हैं जिन्हें करोड़ों रुपए की धनराशि का प्रलोभन दिया गया है.
दो नंबरों को लगाया गया था सर्विलांस पर
एसओजी की ओर से दो मोबाइल नंबर 9929229909 और 8949065678 सर्विलांस पर लगाए गए. सर्विलांस के दौरान दोनों मोबाइल नंबर पर हो रही बातचीत से ये सामने आया कि वर्तमान में राज्य में स्थापित सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है. दोनों नंबरों से हो रही बातचीत में लगातार इस बात का जिक्र किया गया कि वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री में झगड़ा चल रहा है और ऐसे में कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को तोड़कर सरकार गिराई जा सकती है.
इसके साथ ही FIR में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया को भाजपा के एक नेता की ओर से धन का प्रलोभन देकर अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय के संबंध में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि वो पहले उपमुख्यमंत्री के पाले में थे, लेकिन अब उन्होंने अपना पाला बदल लिया है. साथ ही कांग्रेस विधायकों और निर्दलीय विधायकों को 20 से 25 करोड़ रुपए के प्रलोभन देने की बात भी सामने आई है.
सरकार गिराकर नया मुख्यमंत्री बनाने की बात
एसओजी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि दोनों नंबरों से लगातार ये वार्ता भी की जा रही थी कि प्रदेश में वर्तमान सरकार को गिरा कर नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री हमारा होगा और उपमुख्यमंत्री को केंद्रीय मंत्री बना दिया जाएगा, लेकिन उपमुख्यमंत्री का कहना है कि मुख्यमंत्री वो बनेंगे.
साथ ही राज्यसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस की ओर से की गई विधायकों की बाड़े बंदी को लेकर भी FIR में जिक्र किया गया है कि 25-25 करोड़ वाला मामला अब टांय टांय फिस हो गया है. इन तमाम बातों से यह ज्ञात होता है कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही राजस्थान सरकार को गिराने की पूरी तैयारी की गई थी. जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की ओर से विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए का प्रलोभन देकर खरीदने की बात कही थी और इसी संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से एसओजी और एसीबी में परिवाद दिया गया था.
30 जून के बाद घटनाक्रम तेजी से बढ़ने की वार्ता
एसओजी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि उपमुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के दौरान बड़े-बड़े राजनीतिक फैसले दिल्ली में हो रहे हैं और 30 जून के बाद प्रदेश की राजनीति को अस्थिर करने का घटनाक्रम तेजी से बढ़ेगा. वार्ता में यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान सरकार को गिरा कर नई सरकार का गठन करवा कर जो लोग सरकार में शामिल होंगे वह 1 हजार से 2 हजार करोड़ रुपए तक कमा सकते हैं.
वार्ता में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि यह सब कुछ तभी मुमकिन हो पाएगा जब उनके हिसाब से मुख्यमंत्री बनेगा. इसके साथ ही वार्ता में यह भी जिक्र किया गया है कि मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे तो 4 आएंगे तो 6 नाराज भी होंगे. वार्ता में उपमुख्यमंत्री के ग्रह नक्षत्र को लेकर भी बात की गई है. जिसमें यह कहा गया है कि 30 जून के बाद उपमुख्यमंत्री के ग्रहों में तेजी आएगी और 5 से 10 दिन के बाद वो शपथ लेंग. वार्ता में कांग्रेस विधायकों और खास तौर पर निर्दलीय विधायकों के पास धनराशि लेकर उनसे संपर्क साधने की सूचना भी सूत्र की ओर से प्राप्त होना अंकित किया गया है.
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एसओजी द्वारा दोनों नंबरों के संचालकों को किया गया गिरफ्तार
विधायकों की खरीद-फरोख्त प्रकरण में जिन दो मोबाइल नंबर को एसओजी ने सर्विलांस पर लगाया गया था, उन दोनों ही नंबरों के संचालकों को उदयपुर और ब्यावर से एसओजी की ओर से गिरफ्तार किया गया है. उदयपुर से अशोक सिंह चौहान और ब्यावर से भारत भाई को पकड़ा गया है. बताया जा रहा है कि अशोक हिस्ट्रीशीटर है.
हालांकि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों का किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध है या नहीं अभी इस बारे में एसओजी की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद एसओजी मुख्यालय लाया गया है जहां पर उनसे इस पूरे प्रकरण के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है.