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Exclusive : ये कैसी लापरवाही... मतदाता की उंगली पर लगाई गई Expired स्याही

जयपुर में शहर की सरकार चुनने के लिए बुधवार को मतदाता चुनाव केंद्रों पर पहुंचे. हालांकि राजस्थान में कोरोना संक्रमण भी तेजी से फैलता जा रहा है. इसी बीच बुधवार को हुए चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग की लापरवाही देखने को मिली. यहां पर मतदाताओं की अंगुली पर एक्सपायरी यानी अवधि समाप्त इंक लगाई जा रही है. स्याही की एक्सपायरी डेट जून 2020 की है. इस बारे में मतदाताओं ने ईटीवी भारत से बात की. इस पर मतदाताओं ने क्या कहा, पढ़ें पूरी खबर...

जयपुर नगर निगम चुनाव 2020, Jaipur Municipal Corporation Election 2020
मतदाता की उंगली पर लगाई जा रही एक्सपायरी स्याही
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Published : Oct 29, 2020, 6:22 PM IST

जयपुर. शहर की सरकार चुनने के लिए बुधवार को मतदाता कोरोना संक्रमण के बीच अपने घरों से मतदान केंद्रों तक वोट डालने पहुंचे, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की छोटी सी लापरवाही ने मतदाताओं को खतरे में डाल दिया.

मतदाता की उंगली पर लगाई जा रही एक्सपायरी स्याही

दरअसल, मतदाताओं की उंगली पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही एक्सपायरी डेट की है. जिस पर प्रशासन ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया. वोट डालने के दौरान अंगुली पर लगने वाला स्याही का निशान जो बताता है कि किसने वोट डाला है और किसने नहीं. बता दें कि यह निशान 15 दिनों से पहले नहीं मिटता.

गुरुवार को हेरिटेज नगर निगम चुनाव को लेकर राजधानी जयपुर के 5 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था. सुबह मतदान से पूर्व मॉक पोल कराया गया. इस दौरान ईटीवी भारत के कैमरे में राज्य निर्वाचन आयोग की लापरवाही भी कैद हो गई. मतदाताओं की अंगुली पर लगाए जाने वाली अमिट स्याही एक्सपायरी डेट की पाई गई.

पढ़ेंः जोधपुरः नगर निगम चुनाव के लिए पुलिस ने किए पुख्ता इंतजाम, संवेदनशील इलाकों में लगाए 36 कैमरे

स्याही की एक्सपायरी डेट जून 2020 की है. समय से पहले इसकी जानकारी दिए जाने के बावजूद भी प्रशासन ने इस पर संज्ञान नहीं लिया और मतदाताओं की उंगली पर एक्सपायरी डेट की स्याही ही लगाई गई. इसकी जानकारी जब मतदाताओं को मिली, तो वो भी सकते में पड़ गए. उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा है, बावजूद इसके मतदाता अपने घरों से निकलकर शहर की सरकार चुनने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंच रहे हैं, और प्रशासन पुरानी स्याही लगाकर मतदाताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है.

पढ़ेंः जयपुर : इस 'खास' पोशाक में मतदान करने पहुंची महिलाएं...समस्याओं पर क्या कहा सुनिये

गौरतलब है कि भारत में पहली बार चुनाव 1951-52 में हुए थे. इन चुनाव में मतदाताओं की अंगुली में स्याही लगाने का कोई नियम नहीं था. इस दौरान चुनाव आयोग को किसी दूसरी जगह वोट डालने और दो बार वोट डालने की शिकायत मिली. इन शिकायतों के बाद आयोग ने इसे रोकने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया. इनमें सबसे अच्छा तरीका एक अमिट स्याही का इस्तेमाल करने का था. जिससे यह पता चलता है कि किसने वोट डाला है और किसने नहीं.

जयपुर. शहर की सरकार चुनने के लिए बुधवार को मतदाता कोरोना संक्रमण के बीच अपने घरों से मतदान केंद्रों तक वोट डालने पहुंचे, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग की छोटी सी लापरवाही ने मतदाताओं को खतरे में डाल दिया.

मतदाता की उंगली पर लगाई जा रही एक्सपायरी स्याही

दरअसल, मतदाताओं की उंगली पर लगाई जाने वाली अमिट स्याही एक्सपायरी डेट की है. जिस पर प्रशासन ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया. वोट डालने के दौरान अंगुली पर लगने वाला स्याही का निशान जो बताता है कि किसने वोट डाला है और किसने नहीं. बता दें कि यह निशान 15 दिनों से पहले नहीं मिटता.

गुरुवार को हेरिटेज नगर निगम चुनाव को लेकर राजधानी जयपुर के 5 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था. सुबह मतदान से पूर्व मॉक पोल कराया गया. इस दौरान ईटीवी भारत के कैमरे में राज्य निर्वाचन आयोग की लापरवाही भी कैद हो गई. मतदाताओं की अंगुली पर लगाए जाने वाली अमिट स्याही एक्सपायरी डेट की पाई गई.

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स्याही की एक्सपायरी डेट जून 2020 की है. समय से पहले इसकी जानकारी दिए जाने के बावजूद भी प्रशासन ने इस पर संज्ञान नहीं लिया और मतदाताओं की उंगली पर एक्सपायरी डेट की स्याही ही लगाई गई. इसकी जानकारी जब मतदाताओं को मिली, तो वो भी सकते में पड़ गए. उन्होंने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा है, बावजूद इसके मतदाता अपने घरों से निकलकर शहर की सरकार चुनने के लिए मतदान केंद्र तक पहुंच रहे हैं, और प्रशासन पुरानी स्याही लगाकर मतदाताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है.

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गौरतलब है कि भारत में पहली बार चुनाव 1951-52 में हुए थे. इन चुनाव में मतदाताओं की अंगुली में स्याही लगाने का कोई नियम नहीं था. इस दौरान चुनाव आयोग को किसी दूसरी जगह वोट डालने और दो बार वोट डालने की शिकायत मिली. इन शिकायतों के बाद आयोग ने इसे रोकने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया. इनमें सबसे अच्छा तरीका एक अमिट स्याही का इस्तेमाल करने का था. जिससे यह पता चलता है कि किसने वोट डाला है और किसने नहीं.

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