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व्यक्ति शरीर से दिव्यांग हो सकता है, लेकिन दिमाग से मजबूत हो तो कोई भी मुकाम पा सकता है: पैरालंपिक सुंदर गुर्जर - वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियन सुंदर गुर्जर

अगर कुछ कर गुजरने का जूनून हो तो बड़ी से बड़ी बाधा छोटी पड़ जाती है. ऐसा ही कर दिखाया है करौली के सुंदर गुर्जर ने. सुंदर ने एक हादसे में अपना हाथ गंवा दिया था, लेकिन उनका ये जीत जाने का जूनून है कि उन्होंने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक तो जीता ही और भी कई बड़े पदक अपने नाम किए हैं.

Paralympic Sundar Singh Gurjar, World Disability Day 2020
टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटे
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Published : Dec 3, 2020, 3:57 PM IST

जयपुर. 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस (World Disability Day 2020) के रूप में मनाया जाता है. जिससे दिव्यांगों के समान अधिकार और हक के लिए लोगों को जागरुक किया जा सके. दिव्यांगों को हमसे दया नहीं, उन्हें सम्मान से जीने का हक चाहिए. फिर वो सफलता की ऐसी नजीर पेश करते हैं कि साबित कर देते हैं कि शारीरिक असमक्षता मंजिल को पाने में बाधा नहीं बन सकती है. ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान के एक खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ने. सुंदर गुर्जर ने अपनी डिसेबिलिटी को अपनी ताकत के रूप में अपनाया और सफलता की परचम लहरा दी.

जज्बे से हासिल किया मुकाम

राजस्थान के पैरालंपिक खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ( Paralympic Sundar Singh Gurjar) का कहना है कि व्यक्ति अपने शरीर से दिव्यांग हो सकता है लेकिन अपनी इसी कमजोरी को ताकत बना ले कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है. सुंदर ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Para Athletics Championships) में गोल्ड जीता है. आइए बात करते हैं सुंदर के बारे में...

सुंदर गुर्जर का लगाव शुरू से ही खेलों के प्रति रहा है लेकिन वर्ष 2016 में एक हादसे के दौरान सुंदर ने अपना हाथ गंवा दिया था सुंदर ने बताया कि इस हादसे के बाद वह पूरे तरीके से टूट चुके थे, लेकिन सुंदर गुर्जर ने अपनी इसी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और खेल के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया.

यह भी पढ़ें. World Disability Day: दोनों पैरों से दिव्यांग शिवराज के मजबूत इरादे, औरों के सपनों को लगा रहे पंख

सुंदर गुर्जर इंडियन पैरालंपिक के जेवेलियन थ्रोअर खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अपने कोच महावीर प्रसाद सैनी के सानिध्य में एक अलग मुकाम बनाया. सुंदर ने लंदन में आयोजित हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. इसी के साथ सुंदर ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया.

Paralympic Sundar Singh Gurjar, World Disability Day 2020
टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटे

हादसे में गंवाया हाथ...

राजस्थान के करौली जिले से आने वाले सुंदर ने बताया कि जयपुर में तैयारी के दौरान वह अपने दोस्त के घर गए थे. ऐसे में लोहे की शीट उतारते वक्त उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया और लंबे समय तक वे इस अवसाद में भी रहे. सुंदर ने बताया कि उन्हें लगा कि जैसे उनकी दुनिया ही खत्म हो गई है, लेकिन उनके परिजनों मित्र और कोच ने उनका हौसला बढ़ाया. जिसके बाद सुंदर ने पैरालंपिक का ट्रायल दिया.

वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा...

इसी दौरान सुंदर ने 62.15 मीटर का जेवेलियन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा. चैंपियनशिप में सुंदर ने 68.42 मीटर भाला फेंक कर इस रिकॉर्ड को ध्वस्त किया. इसके बाद लगातार सुंदर अपने नाम कई रिकॉर्ड करते चले गए. इसके अलावा सुंदर ने वर्ष 2018 में आयोजित हुए एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल और ब्रोंज मेडल भी अपने नाम की है. जिसके लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड सभी सम्मानित किया गया.

टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटे...

सुंदर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में तैयारियों में जुट गए हैं. उनका कहना है कि उनका लक्ष्य टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है और जिसे लेकर वह दिन रात लगातार मेहनत कर रहे हैं. मेडल के इस जुनून के चलते उनका अधिकतर समय अब स्टेडियम में अभ्यास करते ही गुजरता है.

जयपुर. 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस (World Disability Day 2020) के रूप में मनाया जाता है. जिससे दिव्यांगों के समान अधिकार और हक के लिए लोगों को जागरुक किया जा सके. दिव्यांगों को हमसे दया नहीं, उन्हें सम्मान से जीने का हक चाहिए. फिर वो सफलता की ऐसी नजीर पेश करते हैं कि साबित कर देते हैं कि शारीरिक असमक्षता मंजिल को पाने में बाधा नहीं बन सकती है. ऐसा ही कर दिखाया है राजस्थान के एक खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ने. सुंदर गुर्जर ने अपनी डिसेबिलिटी को अपनी ताकत के रूप में अपनाया और सफलता की परचम लहरा दी.

जज्बे से हासिल किया मुकाम

राजस्थान के पैरालंपिक खिलाड़ी सुंदर गुर्जर ( Paralympic Sundar Singh Gurjar) का कहना है कि व्यक्ति अपने शरीर से दिव्यांग हो सकता है लेकिन अपनी इसी कमजोरी को ताकत बना ले कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है. सुंदर ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Para Athletics Championships) में गोल्ड जीता है. आइए बात करते हैं सुंदर के बारे में...

सुंदर गुर्जर का लगाव शुरू से ही खेलों के प्रति रहा है लेकिन वर्ष 2016 में एक हादसे के दौरान सुंदर ने अपना हाथ गंवा दिया था सुंदर ने बताया कि इस हादसे के बाद वह पूरे तरीके से टूट चुके थे, लेकिन सुंदर गुर्जर ने अपनी इसी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया और खेल के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया.

यह भी पढ़ें. World Disability Day: दोनों पैरों से दिव्यांग शिवराज के मजबूत इरादे, औरों के सपनों को लगा रहे पंख

सुंदर गुर्जर इंडियन पैरालंपिक के जेवेलियन थ्रोअर खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अपने कोच महावीर प्रसाद सैनी के सानिध्य में एक अलग मुकाम बनाया. सुंदर ने लंदन में आयोजित हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था. इसी के साथ सुंदर ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया.

Paralympic Sundar Singh Gurjar, World Disability Day 2020
टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटे

हादसे में गंवाया हाथ...

राजस्थान के करौली जिले से आने वाले सुंदर ने बताया कि जयपुर में तैयारी के दौरान वह अपने दोस्त के घर गए थे. ऐसे में लोहे की शीट उतारते वक्त उन्होंने अपना एक हाथ खो दिया और लंबे समय तक वे इस अवसाद में भी रहे. सुंदर ने बताया कि उन्हें लगा कि जैसे उनकी दुनिया ही खत्म हो गई है, लेकिन उनके परिजनों मित्र और कोच ने उनका हौसला बढ़ाया. जिसके बाद सुंदर ने पैरालंपिक का ट्रायल दिया.

वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा...

इसी दौरान सुंदर ने 62.15 मीटर का जेवेलियन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ा. चैंपियनशिप में सुंदर ने 68.42 मीटर भाला फेंक कर इस रिकॉर्ड को ध्वस्त किया. इसके बाद लगातार सुंदर अपने नाम कई रिकॉर्ड करते चले गए. इसके अलावा सुंदर ने वर्ष 2018 में आयोजित हुए एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल और ब्रोंज मेडल भी अपने नाम की है. जिसके लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड सभी सम्मानित किया गया.

टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटे...

सुंदर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में तैयारियों में जुट गए हैं. उनका कहना है कि उनका लक्ष्य टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है और जिसे लेकर वह दिन रात लगातार मेहनत कर रहे हैं. मेडल के इस जुनून के चलते उनका अधिकतर समय अब स्टेडियम में अभ्यास करते ही गुजरता है.

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