जयपुर. बोर्ड परीक्षाएं नजदीक है. ऐसे में बच्चों का तनाव, अवसाद और भय दूर करने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने नया प्रयोग शुरू किया है. इस प्रयोग के तहत राज्य बाल संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वाधान में 'परीक्षा पर्व' मनाया जा रहा है.
बता दें कि राजधानी के इंदिरा गांधी पंचायती राज ऑडिटोरियम में सोमवार को एक दिवसीय राज्य स्तरीय 'परीक्षा पर्व' वर्कशॉप का आयोजन हुआ. इस वर्कशॉप में आयोग के अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारियों और डाइट के प्रिंसिपलों ने भाग लिया है.
दरअसल, परीक्षा के दौरान 10वीं और12वीं के स्टूडेंट में तनाव और अवसाद के कारण आत्महत्या के मामले देखने को मिलते है. इस तरह के आत्मघाती प्रकरण ना हो इसके लिए बाल आयोग प्रदेशभर के डाइट प्राचार्यों को मास्टर ट्रेनर बनाकर सभी स्कूलों तक काउंसलिंग करवाने जा रहा है. इससे डाइट प्राचार्य स्कूल स्तर पर अभिभावकों के साथ साथ बच्चों की काउंसलिंग करेंगे.
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राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि बोर्ड परीक्षा का नाम सुनकर ही बच्चों में भय की स्थिति पैदा हो जाती है और कई बार अभिभावक भी उनको अच्छे अंक लाने का दबाव बनाते रहते हैं. ऐसे में आयोग ने परीक्षा पर्व के नाम से वर्कशॉप का आयोजन किया है. जिसमें बताया जा रहा है कि बच्चे परीक्षा को एक पर्व की तरह मनाए.
बेनीवाल ने बताया कि ये पर्व सभी जिलों में मनाया जाएगा. इसी के साथ स्कूल का ड्राप आउट रेशियो कम होने और बोर्ड परिक्षाओं में अच्छे अंक आने वाले स्कूलों को बाल आयोग की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा.