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पूर्व IPS मनीष अग्रवाल का प्रार्थना पत्र खारिज, रिहाई की थी गुहार - bribery case

हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को रिहा करने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया है. साथ ही आरोपी पर गंभीर आरोप भी लगे हैं.

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अग्रवाल का प्रार्थना पत्र खारिज
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Published : Jun 8, 2021, 9:14 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को रिहा करने से इनकार करते हुए इस संबंध में दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा, आरोपी पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता.

प्रार्थना पत्र में कहा गया था, उसके खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर एफआईआर दर्जकर बिना साक्ष्य गत 2 फरवरी को गिरफ्तार किया. वहीं अखिल भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होने के चलते उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ही समक्ष प्राधिकारी है. सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना अदालत उसके खिलाफ प्रसंज्ञान भी नहीं ले सकती है.

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ऐसे में उसे रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एसीबी ने ठोस साक्ष्य के आधार पर ही आरोपी को गिरफ्तार किया था. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता. गौरतलब है, हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत के मामले में एसीबी ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. मामले में हाईकोर्ट भी गत दिनों आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर चुका है.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को रिहा करने से इनकार करते हुए इस संबंध में दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा, आरोपी पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता.

प्रार्थना पत्र में कहा गया था, उसके खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर एफआईआर दर्जकर बिना साक्ष्य गत 2 फरवरी को गिरफ्तार किया. वहीं अखिल भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होने के चलते उसके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ही समक्ष प्राधिकारी है. सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना अदालत उसके खिलाफ प्रसंज्ञान भी नहीं ले सकती है.

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ऐसे में उसे रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि एसीबी ने ठोस साक्ष्य के आधार पर ही आरोपी को गिरफ्तार किया था. ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता. गौरतलब है, हाईवे निर्माण कंपनी से रिश्वत के मामले में एसीबी ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. मामले में हाईकोर्ट भी गत दिनों आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर चुका है.

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