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जनसुवाई के मापदंड: जनसुनवाई के दिन तय करने के साथ जवाबदेही तय करना जरूरी है: पूर्व IAS भगीरथ शर्मा

आम जनता की समस्याओं को लेकर गहलोत सरकार अब ग्राम पंचायत स्तर तक जनसुवाई के मापदंड तय कर रही है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस भगीरथ शर्मा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनसुवाई के दिन तय करने के साथ जवाबदेही तय करना जरूरी है. देखिए पूरी रिपोर्ट...

Public hearing up to village panchayat level,  Rajasthan News
पूर्व IAS भगीरथ शर्मा
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Published : Mar 27, 2021, 9:14 PM IST

जयपुर. आम जनता की समस्याओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर गहलोत सरकार अब ग्राम पंचायत स्तर तक जनसुवाई के मापदंड तय कर रही है. एआरडी ने जनसुनवाई और औचक निरीक्षण के दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत जिला, उपखंड स्तर, ग्राम पंचायत और क्लस्टर स्तर पर जनसुनवाई जय हो सकेगी और नियमित रूप से औचक निरीक्षण संभव हो सकेंगे. लेकिन, सरकार के इस तरह के प्रयास से आमजनता को लाभ मिलेगा.

पूर्व IAS भगीरथ शर्मा से बातचीत-1

पढ़ें- GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या, मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है: अशोक गहलोत

इसको लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस भगीरथ शर्मा से बातचीत की. भगीरथ शर्मा ने कहा कि जनसुनवाई के लिए दिन तय करने के साथ जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि शिकायतों की फाइलें इकट्ठा होने की बजाए समाधान हो.

पूर्व आईएएस भगीरथ शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कर्नाटक का दौरा कर वहां के लोकसेवक की ओर से की जाने वाली जनसुनवाई का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दी थी. कर्नाटक में हर सप्ताह सोमवार को जनसुनवाई होती है. अगले सप्ताह की जनसुनवाई से पहले संबंधित अधिकारी को पूर्व की जनसुनवाई में आई शिकायत का निस्तारण करना होता है. इसकी रिपोर्ट तैयार होकर सीएम तक जाती है.

भगीरथ शर्मा ने कहा कि जनता की शिकायतों को लेकर फाइलें इकट्ठा करना समस्या का समाधान नहीं है. जब तक समस्या का निस्तारण और समाधान हो तो फिर जनसुनवाई के दिन तय करने का ज्यादा फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक जनसुनवाई होती है, जिसमें पानी, बिजली, रोड और जमीन विवाद जैसी शिकायतें आती हैं. अगर स्थानीय स्तर पर सुनवाई के साथ समाधान हो तो आम जनता को रहत मिल सकती है.

पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव: 3 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी

दरअसल, गहलोत सरकार ने हाल ही में जनसुवाई के मापदंड तय करते हुए लोक सेवक की जिम्मेदारी तय की थी. जिसमें जिला स्तर, उपखण्ड स्तर और ग्राम पंचायत कलस्टर स्तर पर जन सुनवाई होगी. महीने के पहले शुक्रवार को जिला कलेक्टर स्तर पर जिला स्तरीय जन सुनवाई होगी. इसमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और अन्य जन प्रतिनिधि शामिल होंगे.

पूर्व IAS भगीरथ शर्मा से बातचीत-2

एसपी, जिला स्तरीय अधिकारी, संबंंधित आयुक्त नगर परिषद और नगर निगम सचिव नगर विकास न्यास के अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे. साथ ही जिला अधिकारी को औचक निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिए ये निर्देश...

  • जिला स्तर, उपखण्ड स्तर और ग्राम पंचायत कलस्टर स्तर पर जनसुनवाई होगी.
  • महीने के पहले शुक्रवार को जिला कलेक्टर स्तर पर जिला स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • इसमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और अन्य जन प्रतिनिधि शामिल होंगे.
  • एसपी, जिला स्तरीय अधिकारी, संबंंधित आयुक्त नगर परिषद, नगर निगम सचिव और नगर विकास न्यास भी शामिल होंगे.
  • उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई महीने के अंतिम शुक्रवार को होगी.
  • इस जनसुनवाई में विधायक, प्रधान, पंचायत समिति, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य शामिल होंगे.
  • एसडीओ, पुलिस डिप्टी एसपी, विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, सहायक अभियंता PHED, विद्युत वितरण निगम, PWD अफसर और अन्य उपखण्ड स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे.
  • माह के दूसरे और तीसरे गुरुवार को एसडीओ स्तर पर जनसुनवाई होगी.
  • ग्राम पंचायत समूह और कलस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • एसडीओ और उपखण्ड के विकास अधिकारियों की ओर से बनाए जाएंगे क्लस्टर्स.
  • संयुक्त रूप से विचार विमर्श कर क्षेत्र की 10-10 पंचायतों के क्लस्टर्स बनाए जाएंगे.
  • महीने के दूसरे गुरुवार को उपखण्ड के प्रथम क्लस्टर की जनसुनवाई होगी.
  • तीसरे गुरुवार को दूसरे क्लस्टर में जनसुनवाई होगी.
  • अगले महीने के दूसरे गुरुवार को तीसरे क्लस्टर की जनसुनवाई होगी.
  • स्थिति अनुसार तीसरे गुरुवार को चौथे या प्रथम क्लक्टर में जनसुनवाई होगी.
  • क्षेत्र के विधायक, प्रधान पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच शामिल होंगे.
  • उपखंड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, उपखण्ड के विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक अभिंयता PHED शामिल होंगे.
  • विद्युत वितरण निगम, PWD, निर्माण विभाग, सहकारिता विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे.
  • ग्राम पंचायत समूह और क्लस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई में शामिल होंगे.
  • कलेक्टर से संबंधित सारे विभागों के उपखण्ड स्तरीय अधिकारी संबंधित क्लस्टर्स की ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी व एसडीओ की ओर से जरूरत अनुसार अफसर और कर्मी शामिल होंगे.
  • पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, सफाई, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, सड़क की समस्याओं को प्राथमिकता मिलेगी.
  • अन्य विभागों से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई इनके बाद होगी.
  • जनसमस्याओं की सुनवाई और समाधान मे जन भावनाओं का सम्मान होगा.
  • ग्राम पंचायत समूह और क्लस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • निर्धारित दिवस को अवकाश होने पर जनसुनवाई अगले कार्य दिवस में होगी.
  • कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन की पालना होगी.
  • 1 माह में कम से कम 2 जिलों में निरीक्षण होना चाहिए.
  • अब जिले उपखंड और तहसील स्तर के कार्यालयों में भी औचक निरीक्षण के दिशानिर्देश तय.
  • हर महीने में कम से कम 2 जिलों का औचक निरीक्षण होगा.
  • हर महीने में स्थानीय स्तर पर एक उपखंड तहसील स्थित कार्यालयों और दो एचओडी या अन्य कार्यालयों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण होगा.
  • वहीं, ARD अनुभाग 6 की ओर से हर महीने में सेक्शन सहित कम से कम 4 विभागों का अनिवार्यतः औचक निरीक्षण होगा.

जयपुर. आम जनता की समस्याओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर गहलोत सरकार अब ग्राम पंचायत स्तर तक जनसुवाई के मापदंड तय कर रही है. एआरडी ने जनसुनवाई और औचक निरीक्षण के दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत जिला, उपखंड स्तर, ग्राम पंचायत और क्लस्टर स्तर पर जनसुनवाई जय हो सकेगी और नियमित रूप से औचक निरीक्षण संभव हो सकेंगे. लेकिन, सरकार के इस तरह के प्रयास से आमजनता को लाभ मिलेगा.

पूर्व IAS भगीरथ शर्मा से बातचीत-1

पढ़ें- GNCTD एक्ट लोकतंत्र की हत्या, मोदी सरकार देश को फासीवादी तरीके से चलाना चाहती है: अशोक गहलोत

इसको लेकर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस भगीरथ शर्मा से बातचीत की. भगीरथ शर्मा ने कहा कि जनसुनवाई के लिए दिन तय करने के साथ जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि शिकायतों की फाइलें इकट्ठा होने की बजाए समाधान हो.

पूर्व आईएएस भगीरथ शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी जब अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कर्नाटक का दौरा कर वहां के लोकसेवक की ओर से की जाने वाली जनसुनवाई का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दी थी. कर्नाटक में हर सप्ताह सोमवार को जनसुनवाई होती है. अगले सप्ताह की जनसुनवाई से पहले संबंधित अधिकारी को पूर्व की जनसुनवाई में आई शिकायत का निस्तारण करना होता है. इसकी रिपोर्ट तैयार होकर सीएम तक जाती है.

भगीरथ शर्मा ने कहा कि जनता की शिकायतों को लेकर फाइलें इकट्ठा करना समस्या का समाधान नहीं है. जब तक समस्या का निस्तारण और समाधान हो तो फिर जनसुनवाई के दिन तय करने का ज्यादा फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक जनसुनवाई होती है, जिसमें पानी, बिजली, रोड और जमीन विवाद जैसी शिकायतें आती हैं. अगर स्थानीय स्तर पर सुनवाई के साथ समाधान हो तो आम जनता को रहत मिल सकती है.

पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव: 3 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी

दरअसल, गहलोत सरकार ने हाल ही में जनसुवाई के मापदंड तय करते हुए लोक सेवक की जिम्मेदारी तय की थी. जिसमें जिला स्तर, उपखण्ड स्तर और ग्राम पंचायत कलस्टर स्तर पर जन सुनवाई होगी. महीने के पहले शुक्रवार को जिला कलेक्टर स्तर पर जिला स्तरीय जन सुनवाई होगी. इसमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और अन्य जन प्रतिनिधि शामिल होंगे.

पूर्व IAS भगीरथ शर्मा से बातचीत-2

एसपी, जिला स्तरीय अधिकारी, संबंंधित आयुक्त नगर परिषद और नगर निगम सचिव नगर विकास न्यास के अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे. साथ ही जिला अधिकारी को औचक निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने दिए ये निर्देश...

  • जिला स्तर, उपखण्ड स्तर और ग्राम पंचायत कलस्टर स्तर पर जनसुनवाई होगी.
  • महीने के पहले शुक्रवार को जिला कलेक्टर स्तर पर जिला स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • इसमें सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और अन्य जन प्रतिनिधि शामिल होंगे.
  • एसपी, जिला स्तरीय अधिकारी, संबंंधित आयुक्त नगर परिषद, नगर निगम सचिव और नगर विकास न्यास भी शामिल होंगे.
  • उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई महीने के अंतिम शुक्रवार को होगी.
  • इस जनसुनवाई में विधायक, प्रधान, पंचायत समिति, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य शामिल होंगे.
  • एसडीओ, पुलिस डिप्टी एसपी, विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधिशाषी अधिकारी, नगर पालिका, सहायक अभियंता PHED, विद्युत वितरण निगम, PWD अफसर और अन्य उपखण्ड स्तरीय अधिकारी शामिल होंगे.
  • माह के दूसरे और तीसरे गुरुवार को एसडीओ स्तर पर जनसुनवाई होगी.
  • ग्राम पंचायत समूह और कलस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • एसडीओ और उपखण्ड के विकास अधिकारियों की ओर से बनाए जाएंगे क्लस्टर्स.
  • संयुक्त रूप से विचार विमर्श कर क्षेत्र की 10-10 पंचायतों के क्लस्टर्स बनाए जाएंगे.
  • महीने के दूसरे गुरुवार को उपखण्ड के प्रथम क्लस्टर की जनसुनवाई होगी.
  • तीसरे गुरुवार को दूसरे क्लस्टर में जनसुनवाई होगी.
  • अगले महीने के दूसरे गुरुवार को तीसरे क्लस्टर की जनसुनवाई होगी.
  • स्थिति अनुसार तीसरे गुरुवार को चौथे या प्रथम क्लक्टर में जनसुनवाई होगी.
  • क्षेत्र के विधायक, प्रधान पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच शामिल होंगे.
  • उपखंड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक, उपखण्ड के विकास अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक अभिंयता PHED शामिल होंगे.
  • विद्युत वितरण निगम, PWD, निर्माण विभाग, सहकारिता विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे.
  • ग्राम पंचायत समूह और क्लस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई में शामिल होंगे.
  • कलेक्टर से संबंधित सारे विभागों के उपखण्ड स्तरीय अधिकारी संबंधित क्लस्टर्स की ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी व एसडीओ की ओर से जरूरत अनुसार अफसर और कर्मी शामिल होंगे.
  • पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, सफाई, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, सड़क की समस्याओं को प्राथमिकता मिलेगी.
  • अन्य विभागों से जुड़े प्रकरणों की सुनवाई इनके बाद होगी.
  • जनसमस्याओं की सुनवाई और समाधान मे जन भावनाओं का सम्मान होगा.
  • ग्राम पंचायत समूह और क्लस्टर्स स्तरीय जनसुनवाई होगी.
  • निर्धारित दिवस को अवकाश होने पर जनसुनवाई अगले कार्य दिवस में होगी.
  • कोरोना के मद्देनजर गाइडलाइन की पालना होगी.
  • 1 माह में कम से कम 2 जिलों में निरीक्षण होना चाहिए.
  • अब जिले उपखंड और तहसील स्तर के कार्यालयों में भी औचक निरीक्षण के दिशानिर्देश तय.
  • हर महीने में कम से कम 2 जिलों का औचक निरीक्षण होगा.
  • हर महीने में स्थानीय स्तर पर एक उपखंड तहसील स्थित कार्यालयों और दो एचओडी या अन्य कार्यालयों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण होगा.
  • वहीं, ARD अनुभाग 6 की ओर से हर महीने में सेक्शन सहित कम से कम 4 विभागों का अनिवार्यतः औचक निरीक्षण होगा.
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