जयपुर. राजस्थान में निगम चुनाव के ऐलान के साथ ही अब टिकट को लेकर प्रत्याशियों की दौड़ शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी में जहां एक ओर प्रत्याशी अपने क्षेत्रीय विधायक के संपर्क में हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने एआईसीसी की एक कमेटी भी बना दी है. इसमें जयपुर का जिम्मा एआईसीसी सेक्रेटरी तरुण कुमार को दिया गया है.
राजस्थान के एआईसीसी सचिव अरुण कुमार लगातार टिकट मांगने वाले प्रत्याशियों से मिल भी रहे हैं और नेताओं से फीडबैक भी ले रहे हैं. लेकिन कई नेताओं को चिंता इस बात की है कि अगर क्षेत्रीय विधायक या विधायक का चुनाव लड़े नेताओं ने उनका नाम नहीं दिया तो फिर वह चुनाव की दौड़ से ही बाहर हो जाएंगे. चाहे पायलट कैंप के नेता हों या फिर अन्य नेता, सभी इस बात को लेकर डरे हुए हैं.
'हमारे दरवाजे सबके लिए खुले हैं'
तरुण कुमार ने गुरुवार को यह साफ कर दिया कि उनसे कोई भी आकर मिल सकता है और कोई भी कांग्रेस का नेता अपना फीडबैक दे सकता है. कहा कि उनके दरवाजे हर किसी के लिए खुले हुए हैं और इसीलिए कमेटी का गठन भी किया गया है. उन्होंने बताया कि उनसे बड़ी संख्या में लगातार कैंडिडेट मिल रहे हैं, जो यह बात साबित करती है कि कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों में उत्सुकता है.
'19 अक्टूबर से पहले पूरा काम कर लिया जाएगा'
सचिव तरुण कुमार ने अब तक कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ बैठक नहीं होने को लेकर कहा कि 19 अक्टूबर से पहले पूरा काम भी कर लिया जाएगा. साथ ही मिल बैठकर सर्वमान्य तरीके से टिकट दे दिए जाएंगे. तरुण कुमार राजस्थान के प्रभारी सचिव भी हैं, ऐसे में ना केवल जयपुर बल्कि कोटा और जोधपुर को लेकर भी उन्होंने कहा कि तीनों निगम में कांग्रेस का ही बोर्ड बनेगा.
'जिताऊ कैंडिडेट होना पहली प्राथमिकता'
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता केवल इतनी है कि जो कांग्रेस का कैंडिडेट हो वह जिताऊ होना चाहिए. अगर कोई प्रत्याशी या नेता हमें फीडबैक देना चाहता है तो वह अलग से हम से मिल भी सकता है. तरुण कुमार ने कहा कि हमारा ओपन प्लेटफार्म है. इसके साथ ही बीते चुनाव में जीते हुए 18 पार्षदों को लेकर उन्होंने कहा की बेनिफिट तो निश्चित तौर पर जीते हुए प्रत्याशियों को मिलता है, लेकिन आंख मीच कर भी यह फैसला नहीं किया जाएगा कि प्रत्याशी पिछली बार जीते हुए पार्षद ही होंगे.