जयपुर. सहकारी बैंकों में गबन और धोखाधड़ी के मामलों को आर्थिक अपराध की श्रेणी में लिया जाएगा. वहीं भरतपुर सहकारी बैंक में एफडी के तहत हुई गड़बड़ी को एसओजी में जांच के लिए भिजवाया गया है. इस मामले की तफ्तीश में तेजी के लिए गृह विभाग को लिखा जाएगा.
सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई. बैठक में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने फसली ऋण वितरण का लक्ष्य (Agricultural crop loan in Rajasthan) 23500 करोड़ करने के प्रयास की बात भी कही. सचिवालय में हुई इस बैठक में सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस वर्ष फसली ऋण वितरण का लक्ष्य 16 हजार करोड़ से बढ़ाकर 18 हजार 500 करोड़ रुपए किया गया है. अब तक 13 हजार 878 करोड़ रुपए का ऋण वितरित हो चुका है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि 31 जनवरी, 2022 तक अधिकतम ऋण वितरण हो जाना चाहिए.
पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हनुमानगढ़ जिले से...
उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडियों, आर.सी.डी.एफ एवं राजफैड की जमा पूंजी को सहकारी बैंको में जमा कराने के लिए उच्च स्तर पर निर्णय कराया जाएगा, ताकि बैंको में तरलता बढ़ सके और अधिक किसानों को ऋण वितरण भी हो सके. सहकारिता मंत्री ने पैक्स कम्प्यूटराईजेशन पर जोर देते हुए कहा कि सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को एक ही सॉफ्टवेयर से जोड़कर प्रणाली में पारदर्शिता स्थापित की जा सके. उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत हनुमानगढ़ जिले से की जाए.
मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली और सुचारू बनाने के लिए कार्मिकों की और भर्ती की जाए. उन्होंने जिन बैंकों में फसली ऋण वितरण की गति धीमी है, उसमें तेजी लाने के निर्देश दिए. आंजना ने कहा कि किसान बीमा से वंचित नहीं होना चाहिए. इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए और क्लेम का भुगतान समय पर हो, इसकी समीक्षा की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि गोदामों की प्रीकास्ट बनाई जाए, ताकि सहकारी समितियों मे गोदामों का निर्माण एक ही प्रारूप हो सके, जिससे समितियों में बनने वाले गोदामों की गुणवत्ता और पहचान निर्धारित हो सके.
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता दिनेश कुमार ने कहा कि मछली पालन करने वालो को भी केसीसी लोन दिया जाएगा ताकि ऐसे परिवारों की इस कार्य के लिए जरूरतें पूरी करे सके. उन्होंने निर्देश दिए कि नए किसानों को समय पर लोन वितरण किया जाए और खेती किसानी में परेशानी न हो. उन्होंने निर्देश दिए कि ऋण वितरण के ऑनलाइन पंजीयन के पोर्टल पर किसानों का भूमि विवरण को भी अपलोड किया जाए और कस्टम हायरिंग का कार्य करने वाली जीएसएस को ऐप पर जोड़ा जाए.
बैठक में रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन गांव के संग अभियान में 2 लाख नए किसानों के लक्ष्य के विरुद्ध 2.57 लाख किसानों को फसली ऋण से जोड़ा गया है. 117 नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों बनी हैं, जिससे करीब 1.75 लाख लोगों को जोड़ा है. डिफाल्टर किसानों को 224 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है.
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता भंडारों से सरकारी विभागों द्वारा की जा रही खरीद की सीमा को आरटीपीपी एक्ट में संशोधन के लिए लिखा जाएगा. रजिस्ट्रार ने कस्टम हायरिंग सेन्टर और गोदाम निर्माण की प्रगति से भी अवगत कराया. प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा ने खरीद की प्रगति से अवगत कराया. बैठक में संयुक्त शासन सचिव नारायण सिंह, एमडी एसएलडीबी विजय शर्मा, एमडी अपेक्स बैंक बिजेन्द्र राजोरिया, एमडी कॉनफैड वी.के. वर्मा, सभी अतिरिक्त खंडीय रजिस्ट्रार और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.