जयपुर. प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियों में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों ने नियमित करने सहित 15 सूत्री मांग को लेकर बुधवार को विद्युत भवन में प्रदर्शन किया (electricity contract employees demonstrated). ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव भास्कर ए सावंत को ज्ञापन सौंपा. ठेका कर्मचारियों का कहना था कि बिजली कंपनियों में उनसे कर वाए गए काम के बदले मिलने वाला वेतन श्रम विभाग की गाइडलाइन के अनुसार नहीं होता है..
भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न बिजली कंपनी में काम करने वाले ठेकाकर्मी शामिल हुए और विद्युत भवन में उन्होंने धरना दिया. मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मधुसूदन जोशी के अनुसार बिजली कंपनियों में श्रम कानूनों की ही धज्जियां उड़ रही है. मधुसूदन जोशी ने कहा श्रम विभाग के कानून के अनुसार ठेका कर्मचारियों से स्थाई प्रवृत्ति के काम नहीं करवाए जाते. यदि स्थाई प्रवृत्ति के कार्य करवाए जा रहे हैं तो उन्हें नियमित करें. उन्होंने कहा आज हालत यह है कि श्रम कानून के अनुरूप कर्मचारियों को न तो वेतन मिल रहा है और न ही सामाजिक सुरक्षा मिल पा रही है.
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कर्मचारियों को मिले उचित मुआवजा और सुरक्षा: राजस्थान विद्युत ठेका कर्मचारी संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष चेतन चौहान ने बताया कि बिजली कंपनियों में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों की मौत हो गई, तो वहीं कुछ विद्युत से जुड़े कार्य के दौरान अपंग तक हो गए, लेकिन न तो ऐसे लोगों को मुआवजा मिला और न काम करने वाले संविदा कर्मचारियों को सुरक्षा दी जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने विद्युत ठेका कर्मचारियों का वेतन 21000 प्रतिमाह किए जाने, शैक्षणिक योग्यता व कार्य अनुभव के आधार पर स्थाई नौकरी में प्राथमिकता देने देने की मांग की है. साथ ही कार्यस्थल पर दुर्घटना होने पर उचित मुआवजा देने और मृतक के परिवार के किसी सदस्य को विभाग में स्थाई नौकरी देने सहित 15 सूत्री मांग पत्र विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत को सौंपा. इस दौरान विभाग के सचिव ने मांग पत्र पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि मांग पत्र पर सकारात्मक निर्णय नहीं होता है तो 6 मई को होने वाली भारतीय मजदूर संघ की रैली में बड़ी संख्या में ठेका कर्मचारी भी जुड़ेंगे और अपनी मांग बुलंद करेंगे.