जयपुर. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी स्कूल बंद हैं. बच्चों को के लिए वहां कोई भी शिक्षण कार्य नहीं हो रहा है. इसके बावजूद भी स्कूल संचालक अभिभावकों पर फीस जमा कराने के लिए दबाव बना रहे हैं. फीस को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ कर दिया है कि फिलहाल फीस जमा कराने की आवश्यकता नहीं है, जब स्कूल खुलेगी तब ही स्कूल संचालक फीस ले सकेंगे.
डोटासरा ने कहा कि यदि बोर्ड परीक्षा में रजिस्ट्रेशन नहीं होने की धमकी देकर फीस के लिए दबाव दिया गया तो स्कूल संचालक पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं. जब स्कूल खुलेगी और पाठ्यक्रम तय होगा उसके बाद फीस का निर्धारण किया जाएगा. स्कूल संचालक जब स्कूल खुलेगी तभी फीस ले सकते हैं.
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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डअप के लिए यदि कोई भी संस्था कार्यक्रम देती है तो वह अभिभावकों को एक ऑप्शन देगी. ऑप्शन के अनुसार सुविधाओं के बदले वे फीस ले सकते हैं, लेकिन जब स्कूल खुलेगी तब उन्हें पाठ्यक्रम पूरा कराना होगा.
'स्कूल संचालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी'
बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर अभिभावकों पर दबाव बनाने के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि यदि बोर्ड परीक्षा के रजिस्ट्रेशन नहीं करने की धमकी या दबाव बनाने की कोई भी शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. जब स्कूल खुली ही नहीं तो बोर्ड की फीस का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. डोटासरा ने कहा कि यदि बोर्ड परीक्षा के नाम पर बच्चे का नुकसान करने का कोई भी स्कूल संचालक काम करता है और हमारे पास शिकायत आती है तो स्कूल संचालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि नो स्कूल नो फीस की मांग को लेकर स्कूल संचालक अभिभावकों को लगातार परेशान कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में कामकाज ठप होने और नौकरी पर नहीं जाने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. स्कूल भी नहीं खुले हैं और स्कूलों की ओर से ऑनलाइन क्लासेज के नाम पर भी लीपापोती की जा रही है. इसी को देखते हुए सरकार ने कह दिया है कि जब तक स्कूल नहीं खुलती तब तक फीस नहीं ली जाए. इसके बावजूद भी स्कूल संचालक फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं.