जयपुर. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जो चुनी हुई सरकार होती है, वो संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता के साथ काम करेगी. तभी जाकर हम पूर्ण रूप से लोकतंत्र को मजबूत कर पाएंगे और जनकल्याणकारी सरकार दे पाएंगे. क्योंकि लोकतंत्र का अर्थ ही यही है कि जनता के कल्याण के लिए चुनी हुई सरकार काम करे. अगर सार्वजनिक संस्थाओं और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जाएगा तो फिर लोकतंत्र नहीं बचेगा. फिर तानाशाही हावी हो जाएगी.
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गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जैसे पहले एक व्यक्ति का या एक राजा का राज चलता था. उसी तरीके से एक व्यक्ति का राज हो जाएगा. डोटासरा ने यह बातें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए कही. वेबीनार के विषय 'लोकतंत्र में संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता जरूरी है' पर बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं को एक-एक करके कमजोर करने का काम कर रही है. इससे लोकतंत्र भी कमजोर हो रहा है. इसी गति से यह कार्य चलता रहा तो लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं रहेगी.
उन्होंने आगे कहा कि आप देख सकते हैं कि जो हमारी संवैधानिक संस्थाएं हैं. उनका कैसे दुरुपयोग हो रहा है. कैसे इन संस्थाओं पर से देश के लोगों का विश्वास उठ रहा है. अब लोगों को पूरी तरह से समझ में आ चुका है कि एक-एक करके हमारी केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं को खत्म कर रही है. उन्होंने चुनाव आयोग का नाम लेकर कहा कि आज कोई नहीं बता सकता कि कब, कैसे, कहां कितने चरण में चुनाव होगा. जबकि पहले यह सबको पता होता था. जो स्वतंत्रता और स्वायत्तता उन्हें थी, वह अब पूरी तरह से खत्म हो गई है.
नेहरू, राजीव गांधी के दौर में विपक्ष को सम्मान दिया जाता था
डोटासरा ने जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद उनके दौर में विपक्षी दलों के नेताओं की बात को समझा जाता था और सम्मान दिया जाता था. आज के दौर में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. आज राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर जो संकल्प हम लेना चाहते हैं. वह यही होना चाहिए कि देश की संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा में हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं.