जयपुर. राज्य में रह रहे करीब 24 हजार पाक नागरिक (हिंदू अल्पसंख्यक ) की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से इनके लिए छूट देने की मांग की है. राज्य के गृह विभाग के ग्रुप चार के संयुक्त शासन सचिव रामनिवास मेहता ने इसके लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय के विदेशी अनुभाग के अवर सचिव को पत्र लिखा है.
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राज्य की ओर से लिखे गए पत्र के मुताबिक राज्य में करीब 24 हजार पाक नागरिक (हिंदू अल्पसंख्यक ) रह रहे हैं. भविष्य में इनमें से पात्र नागरिकों को भारतीय नागरिकता दी जानी है. गृह विभाग ने केन्द्र से कहा है कि 31 दिसंबर 2009 से बाद भारत आए पाकिस्तान नागरिकों को भारतीय नागरिकता के लिए वैध पारपत्र की जरूरत होती है. इस पारपत्र की अवधि बढ़वाने के लिए पाकिस्तार दूतावास की ओर से प्रति व्यक्ति करीब 8 हजार रुपए का शुल्क लिया जाता है. जबकि राज्य में रह रहे अधिकांश पाक नागरिक (हिंदू अल्पसंख्यक ) गरीब श्रेणी के हैं. यह शुल्क जमा करवाने में असमर्थ होने के चलते भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर पाते हैं.
राज्य ने केन्द्र से की यह मांग
राज्य सरकार ने कहा है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के 2014 के एक आदेश के मुताबिक 31 दिसंबर 2009 को या इससे पहले भारत आए अफगान और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को भारतीय नागरिकता के लिए वैध पारपत्र की जरूरत नहीं है. इनमें पाकिस्तान और अफगान से आए हिंदू, सिख शामिल हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने केन्द्र से कहा है कि 31 दिसंबर 2013 को या इससे पूर्व भारत आए ऐसे नागरिकों को पारपत्र बढ़वाने की छूट अगर दी जाती है तो राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. राज्य ने केन्द्र से इस बारे में लिए जाने वाले निर्णय से अवगत करवाने की के लिए कहा है. ताकि लंबित नागरिकता प्रकरणों पर विचार किया जा सके.