जयपुर. पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (BJP National Vice President Vasundhara Raje) ने कहा है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) जयपुर, अलवर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, भरतपुर और धौलपुर जैसे 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी है. लोगों को राहत देने वाली ऐसी परियोजनाएं समय पर पूरी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि योजनाओं के समय पर पूरा नहीं होने से उनकी लागत भी बढ़ जाती है और लोगों को समय पर लाभ नहीं मिल पाता है.
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शहर से गांव-ढाणियों को जोड़ने का काम
गुरुवार रात राजे निजी होटल में बिल्डर्स ऐसोसिएशन ऑफ इंडिया (Builders Association Of India) की 80 वीं जनरल बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थी. कार्यक्रम में पूर्व मंत्री यूनुस खान और राजपाल सिंह शेखावत भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने राजस्थान को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया. मेट्रोके कार्य को गति दी और फेज-2 के कार्य को पूरा किया. कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों का निर्माण कर स्टेट कनेक्टविटी के रूप में एक रिकॉर्ड कायम किया . वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाकर हर शहर से गांव-ढाणियों को जोड़ने का काम भी किया.
राजे ने कहा कि हमने बाड़मेर रिफाइनरी (Barmer Refinery Project) के रूप में राजस्थान को एक समृद्ध पेट्रोकेमिकल हब बनाकर हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान किए. उन्होंने बिल्डर्स ऐसोसिएशन की तारीफ़ करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान ऐसोसिएशन ने जरूरतमंदों को भोजन, मरीजों को दवाई, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, गरीब बस्तियों में खाद्य सामग्री वितरित करने सहित अनेक समाजसेवा के कार्य किए हैं जिनकी जितना सराहना की जाए कम है.
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मोदी सरकार की करी तारीफ
राजे ने कहा कि कोविड के कारण हर व्यापारिक क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है, जिसमें भवन निर्माण क्षेत्र भी शामिल है, लेकिन हम शुक्रगुजार हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के, जिनकी नीतियों व प्रयासों से कन्स्ट्रक्शन सहित अन्य क्षेत्र के व्यापारियों को नुकसान से बचाया जा सका. उन्होंने भवन निर्माण से जुड़े सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने कर्मचारियों के लिए सुरक्षा और श्रम कल्याण जैसी नीतियों को अवश्य अपनाएं. साथ ही ऐसी सामग्री के उपयोग को बढ़ावा दें, जिससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव ना पड़ें और हरित भारत के हमारे सपने में कोई बाधा ना पहुंचे.