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कोरोना वायरस की वजह से इस बार महंगी पड़ेगी होली...

जयपुर में होली से 2 महीने पहले ही चीनी आइटम की भरमार शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते बाजार में सिर्फ देसी पिचकारियां ही नजर आ रही हैं. वायरस के चलते इस बार 85 प्रतिशत मार्केट कम हुआ है.

जयपुर की खबर, import of chinese items
होली के लिए सामान खरीदता ग्राहक
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Published : Mar 4, 2020, 9:03 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते चीनी आइटम के आयात में भारी कमी आई है. इससे बाजारों की बिक्री पर भी असर पड़ा है. आमतौर पर राजधानी में होली से 2 महीने पहले ही चीनी आइटम की भरमार शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार बाजार में सिर्फ देसी पिचकारियां ही नजर आ रही हैं. हालांकि कुछ दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक के चीनी सामान भी उपलब्ध हैं.

कोरोना वायरस को चलते होली में बिकने वाले चीनी आइटम हुए महंगे

व्यापारियों ने बताया कि होली के समय बाजारों में चीन के सामानों की अधिक मांग होती है. लेकिन इस बार चीन से सामान का आयात नहीं होने के कारण स्टॉक कम हो गया है. आमतौर पर लोगों को चीन का आइटम ज्यादा पसंद आता है. इसलिए पुराना स्टॉक लोगों को दिया जा रहा है.

दरअसल चीनी सामान आकर्षक और सस्ते होने के कारण लोगों को ज्यादा पसंद आते हैं. कोरोना वायरस ने पूरे बाजार में मंदी ला दिया है. 90 प्रतिशत पिचकारियां और होली टॉयज चीन से आते हैं. जिनके आयात पर रोक होने के चलते पिचकारियों के दाम भी 30 से 40 रुपए महंगे हो गए हैं. वायरस के चलते इस बार 85 प्रतिशत मार्केट कम हुआ है.

पढ़ें: RUHS में कोरोना पीड़ित को शिफ्ट करने का विरोध, लोगों ने फैसले को बताया गैर-जिम्मेदाराना

गुलाल और पक्के कलर पर नहीं कोई असर

व्यापारियों ने बताया कि गुलाल और कलर देश में ही बनाए जाते हैं. इसलिए इनकी बिक्री और दामों पर कोई असर नहीं पड़ा है. हर्बल गुलाल की अधिक खरीदारी हो रही है. इस समय हर्बल गुलाल 80 रुपए से 100 रुपए किलो बेचा जा रहा है.

जयपुर. कोरोना वायरस के चलते चीनी आइटम के आयात में भारी कमी आई है. इससे बाजारों की बिक्री पर भी असर पड़ा है. आमतौर पर राजधानी में होली से 2 महीने पहले ही चीनी आइटम की भरमार शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार बाजार में सिर्फ देसी पिचकारियां ही नजर आ रही हैं. हालांकि कुछ दुकानदारों के पास पुराने स्टॉक के चीनी सामान भी उपलब्ध हैं.

कोरोना वायरस को चलते होली में बिकने वाले चीनी आइटम हुए महंगे

व्यापारियों ने बताया कि होली के समय बाजारों में चीन के सामानों की अधिक मांग होती है. लेकिन इस बार चीन से सामान का आयात नहीं होने के कारण स्टॉक कम हो गया है. आमतौर पर लोगों को चीन का आइटम ज्यादा पसंद आता है. इसलिए पुराना स्टॉक लोगों को दिया जा रहा है.

दरअसल चीनी सामान आकर्षक और सस्ते होने के कारण लोगों को ज्यादा पसंद आते हैं. कोरोना वायरस ने पूरे बाजार में मंदी ला दिया है. 90 प्रतिशत पिचकारियां और होली टॉयज चीन से आते हैं. जिनके आयात पर रोक होने के चलते पिचकारियों के दाम भी 30 से 40 रुपए महंगे हो गए हैं. वायरस के चलते इस बार 85 प्रतिशत मार्केट कम हुआ है.

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गुलाल और पक्के कलर पर नहीं कोई असर

व्यापारियों ने बताया कि गुलाल और कलर देश में ही बनाए जाते हैं. इसलिए इनकी बिक्री और दामों पर कोई असर नहीं पड़ा है. हर्बल गुलाल की अधिक खरीदारी हो रही है. इस समय हर्बल गुलाल 80 रुपए से 100 रुपए किलो बेचा जा रहा है.

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