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डॉ किरोड़ीलाल मीना ने सांभर झील पक्षी त्रासदी पर उठाए सवाल, उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रखी मांग

शुक्रवार को राज्यसभा के शून्यकाल में सांभर झील में हुई पक्षी त्रासदी पर सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने सवाल उठाते हुए कुछ मांगे रखी हैं. उनका कहना है कि इसको लेकर उच्च स्तरीय कमिटी बनाई जाए. साथ ही मालूम किया जाए कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षी क्यों मरे. मीना ने सांभर झील क्षेत्र को संरक्षित झील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग उठाई.

डॉ किरोड़ीलाल मीना खबर, Dr. Kirodilal Meena news
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Published : Nov 23, 2019, 5:26 PM IST

जयपुर. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा के शून्यकाल में सांभर झील में हुई पक्षी त्रासदी का मामला उठाया था. उन्होंने कहा सांभर साल्ट लिमिटेड ने रामसर साइट कन्वेंशन संधि का उल्लंघन कर हजारों बीघा जमीन नमक उत्पादन के लिए अन्य सैकड़ों लोगों को लीज पर दे दी. साथ ही करीबन 150 अवैध इकाई भी वहां पर चलाई जा रही हैं.

डॉ किरोड़ीलाल मीना ने सांभर झील पक्षी त्रासदी पर उठाए सवाल

बता दें कि इस बार 15 से 20 दिन में 20 से 25 हजार से ज्यादा देश विदेश के पक्षी अब तक सांभर झील में मर चुके हैं. वहीं अभी भी बड़े पैमाने पर उनका मरना जारी है. वहीं इस मामले पर डॉ किरोड़ीलाल मीना ने बताया कि सांभर झील को केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामसागर झील घोषित किया हुआ है. लेकिन अफसोस इस बात का है डेढ़ सौ वर्ग मीटर का क्षेत्र ना वन विभाग के पास है और ना ही वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन में है. साथ ही वहां पर ना रामसागर एक्ट की पालना हो रही है. जिसका परिणाम ये हुआ है कि वहां पर 25 से 30 हजार पक्षी मर गए.

पढ़ें: इंदिरा की मूर्ति को किया बंधन से मुक्त, रेनवाल नगरपालिका परिसर में 18 साल से कपड़ों से लिपटी और रस्सियां से बंधी थी

वहीं पक्षियों की त्रासदी पर सरकार सो रही है. मीना ने इस मामले को उठाते हुए संसद में मांग की है कि इसको लेकर उच्च स्तरीय कमिटी बनाई जाए. साथ ही मालूम किया जाए कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षी क्यों मरे. मीना ने सांभर झील क्षेत्र को संरक्षित झील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग उठाई. वहीं मीना की इन मांगों पर सरकार ने भरोसा जताया है.

जयपुर. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा के शून्यकाल में सांभर झील में हुई पक्षी त्रासदी का मामला उठाया था. उन्होंने कहा सांभर साल्ट लिमिटेड ने रामसर साइट कन्वेंशन संधि का उल्लंघन कर हजारों बीघा जमीन नमक उत्पादन के लिए अन्य सैकड़ों लोगों को लीज पर दे दी. साथ ही करीबन 150 अवैध इकाई भी वहां पर चलाई जा रही हैं.

डॉ किरोड़ीलाल मीना ने सांभर झील पक्षी त्रासदी पर उठाए सवाल

बता दें कि इस बार 15 से 20 दिन में 20 से 25 हजार से ज्यादा देश विदेश के पक्षी अब तक सांभर झील में मर चुके हैं. वहीं अभी भी बड़े पैमाने पर उनका मरना जारी है. वहीं इस मामले पर डॉ किरोड़ीलाल मीना ने बताया कि सांभर झील को केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामसागर झील घोषित किया हुआ है. लेकिन अफसोस इस बात का है डेढ़ सौ वर्ग मीटर का क्षेत्र ना वन विभाग के पास है और ना ही वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन में है. साथ ही वहां पर ना रामसागर एक्ट की पालना हो रही है. जिसका परिणाम ये हुआ है कि वहां पर 25 से 30 हजार पक्षी मर गए.

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वहीं पक्षियों की त्रासदी पर सरकार सो रही है. मीना ने इस मामले को उठाते हुए संसद में मांग की है कि इसको लेकर उच्च स्तरीय कमिटी बनाई जाए. साथ ही मालूम किया जाए कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षी क्यों मरे. मीना ने सांभर झील क्षेत्र को संरक्षित झील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग उठाई. वहीं मीना की इन मांगों पर सरकार ने भरोसा जताया है.

Intro:जयपुर- राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा के शून्यकाल में सांभर झील में हुई पक्षी त्रासदी का मामला उठाया था। उन्होंने कहा सांभर साल्ट लिमिटेड ने रामसर साइट कन्वेंशन संधि का उल्लंघन कर हजारों बीघा जमीन नामक उत्पादन के लिए अन्य सैकड़ों लोगों को लीज पर दे दी एवं करीबन 150 अवैध इकाई भी वहां पर चलाई जा रही है। इस बार 15 से 20 दिन में 20 से 25 हजार से ज्यादा देश विदेश के पक्षी अब तक सांभर झील में मर चुके है और अभी भी बड़े पैमाने पर उनका मरना जारी है।


Body:इस मामले पर डॉ किरोड़ीलाल मीना ने बताया कि सांभर जिला को केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामसागर जिल घोषित किया हुआ है लेकिन अफसोस इस बात का है डेढ़ सौ वर्ग मीटर का क्षेत्र ना वन विभाग के पास है और ना ही वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन में है साथ ही वहां पर ना रामसागर एक्ट की पालना हो रही है जिसका परिणाम ये हुआ है कि वहां पर 25 से 30 हजार पक्षी मर गए। पक्षियों की त्रासदी पर सरकार सो रही है। मीना ने इस मामले को उठाते हुए संसद में मांग की है कि इसको लेकर उच्च स्तरीय कमिटी बनाई जाए और मालूम लगाया जाए कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षी क्यों मरे। मीना ने कहा कि सांभर जील क्षेत्र को संरक्षित जील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग उठाई। किरोड़ीलाल मीना की मांगों पर सरकार ने भरोसा जताया है।

बाईट- किरोड़ीलाल मीना, राज्यसभा सांसद


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