जयपुर. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा के शून्यकाल में सांभर झील में हुई पक्षी त्रासदी का मामला उठाया था. उन्होंने कहा सांभर साल्ट लिमिटेड ने रामसर साइट कन्वेंशन संधि का उल्लंघन कर हजारों बीघा जमीन नमक उत्पादन के लिए अन्य सैकड़ों लोगों को लीज पर दे दी. साथ ही करीबन 150 अवैध इकाई भी वहां पर चलाई जा रही हैं.
बता दें कि इस बार 15 से 20 दिन में 20 से 25 हजार से ज्यादा देश विदेश के पक्षी अब तक सांभर झील में मर चुके हैं. वहीं अभी भी बड़े पैमाने पर उनका मरना जारी है. वहीं इस मामले पर डॉ किरोड़ीलाल मीना ने बताया कि सांभर झील को केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय रामसागर झील घोषित किया हुआ है. लेकिन अफसोस इस बात का है डेढ़ सौ वर्ग मीटर का क्षेत्र ना वन विभाग के पास है और ना ही वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन में है. साथ ही वहां पर ना रामसागर एक्ट की पालना हो रही है. जिसका परिणाम ये हुआ है कि वहां पर 25 से 30 हजार पक्षी मर गए.
वहीं पक्षियों की त्रासदी पर सरकार सो रही है. मीना ने इस मामले को उठाते हुए संसद में मांग की है कि इसको लेकर उच्च स्तरीय कमिटी बनाई जाए. साथ ही मालूम किया जाए कि इतनी बड़ी संख्या में पक्षी क्यों मरे. मीना ने सांभर झील क्षेत्र को संरक्षित झील क्षेत्र घोषित करने की भी मांग उठाई. वहीं मीना की इन मांगों पर सरकार ने भरोसा जताया है.